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उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का प्रकोप लगातार बढ़ रहा है. सोमवार तक इसकी चपेट में 60 जिले आ गए. सूबे में मामलों की संख्या बढ़कर 1986 हो गई है, जिनमें 113 नए मरीज शामिल हैं. प्रदेश में कोरोना संक्रमण से अब तक 31 मौतें हुई हैं और 399 लोग स्वास्थ्य हो चुके हैं.
संक्रामक रोग विभाग के संयुक्त निदेशक डॉ. विकासेंदु अग्रवाल ने बताया कि प्रदेश के आगरा में अब तक 384, लखनऊ में 196, गाजियाबाद में 58, नोएडा में 133, लखीमपुर खीरी में 4, कानपुर में 197, पीलीभीत में 2, मुरादाबाद में 104, वाराणसी में 37, शामली में 27, जौनपुर में 5, बागपत में 15, मेरठ में 92, बरेली में 7, बुलंदशहर में 50, बस्ती में 23, हापुड़ में 26, गाजीपुर में 6, आजमगढ़ में 8, फिरोजाबाद में 100, हरदोई में 2, प्रतापगढ़ में 7, सहारनपुर में 181, शाहजहांपुर में 1, बांदा में 3, महाराजगंज में 6, हाथरस में 4, मिर्जापुर में 3, रायबरेली में 43 लोग संक्रमित हैं.
इसी तरह औरैया में 10, बाराबंकी में 1, कौशांबी में 2, बिजनौर में 30, सीतापुर में 20, प्रयागराज में 4, मथुरा में 10, बदायूं में 16, रामपुर में 21, मुजफ्फरनगर में 18, अमरोहा में 25, भदोही में 1, इटावा में 3, कासगंज में 2, संभल में 13, उन्नाव में 1, कन्नौज में 7, संत कबीर नगर में 21, मैनपुरी में 5, गोंडा में 1, मऊ में 1, एटा में 3, सुल्तानपुर में 3, अलीगढ़ में 23, श्रावस्ती में 5, बहराइच में 9, बलरामपुर में 1, अयोध्या में 1, जलौन में 2, झांसी में 1 और गोरखपुर में भी 1 व्यक्ति कोरोना पॉजिटिव मिला है.
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा ने कहा है कि कोरोना वायरस के कारण पैदा हुई परिस्थितियों को देखते हुए प्रदेश के सभी परीक्षा बोर्डों से जुड़े निजी स्कूल इस साल फीस नहीं बढ़ा सकेंगे. कोरोना के कारण हुए संकट से कुछ छात्र-छात्राओं के अभिभावकों के रोजगार भी प्रभावित हुए हैं और ऐसे छात्रों के अभिभावकों को शुल्क जमा किए जाने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है. इसी को ध्यान में रखते हुए प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ने माध्यमिक शिक्षा विभाग को यह निर्देश दिया है.
विभाग द्वारा जारी किए गए आदेश का अनुपालन किए जाने में शिथिलता बरते जाने पर उत्तर प्रदेश स्ववित्त पोषित स्वतंत्र विद्यालय (शुल्क निर्धारण) अधिनियम-2018 के अंतर्गत गठित जिला शुल्क नियामक समिति के समक्ष छात्रों और अभिभावकों द्वारा शिकायत प्रस्तुत की जा सकती है.
उपमुख्यमंत्री के निर्देश पर प्रमुख सचिव माध्यमिक शिक्षा आराधना शुक्ला ने समस्त जिलाधिकारी और माध्यमिक शिक्षा निदेशक को जारी पत्र के माध्यम से निर्देश दिया है कि कोरोना लॉकडाउन के कारण उत्पन्न आपात परिस्थितियों के दृष्टिगत उत्तर प्रदेश में संचालित समस्त बोर्ड जैसे उत्तर प्रदेश बेसिक शिक्षा परिषद, केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (सीबीएसई), भारतीय माध्यमिक शिक्षा परिषद (आईसीएसई), इंटरनेशनल बेक्कलरेट (आईबी) और इंटरनेशनल जनरल सर्टिफिकेट ऑफ सेकेंडरी एजुकेशन (आईजीसीएसई) द्वारा शैक्षणिक सत्र 2020-21 के लिए शुल्क में वृद्धि नहीं की जाएगी और शैक्षणिक सत्र 2019-20 में नए प्रवेश और प्रत्येक कक्षा के लिए बताए गए शुल्क संरचना के अनुसार ही शैक्षणिक सत्र 2020-21 में छात्र-छात्राओं से शुल्क लिया जाएगा. अगर किसी विद्यालय द्वारा शैक्षणिक सत्र 2020-21 में शुल्क वृद्धि करते हुए बढ़ी हुई दरों से शुल्क लिया जा चुका है तो बढ़ी हुई अतिरिक्त शुल्क को आगामी महीनों के शुल्क में समायोजित किया जाएगा.
बहुजन समाज पार्टी (बीएसपी) की अध्यक्ष मायावती ने लॉकडाउन के दौरान प्रवासी मजदूरों का पेट भरने की मांग उठाई है.
मायावती ने ट्वीट के माध्यम से लिखा, "केंद्र और सभी राज्य सरकारें कोरोना वायरस की टेस्टिंग बढ़ाने के साथ-साथ खासकर लाचार लाखों गरीब मजदूर प्रवासियों को पेट भर खाना उपलब्ध कराए वरना भूख से तड़पते ये लोग कैसे अपनी इम्यूनिटी बढ़ाकर घातक कोरोना बीमारी से बच पाएंगे? सरकारी गोदामों का गल्ला आखिर किस दिन काम आएगा."
उन्होंने आगे लिखा, "वैसे बेहतर तो यही होगा कि सरकारें लॉकडाउन से पीड़ित इन लाखों मजलूम व मजबूर लोगों की जल्दी से जल्दी उचित व्यवस्था करके इन्हें इनके घरों में सुरक्षित भिजवाएं तथा इनको जीने के लिए फौरी तौर पर इनकी कुछ आर्थिक मदद भी जरूर करें."
उत्तर प्रदेश के ऊर्जा मंत्री श्रीकांत शर्मा ने कहा कि आंधी और बारिश की वजह से जिन क्षेत्रों में विद्युत आपूर्ति प्रभावित हुई है, वहां तत्काल मेंटेनेंस के काम में तेजी लाया जाए. ऊर्जा मंत्री सोमवार को शक्तिभवन से आगरा और अलीगढ़ मंडल के तहत आने वाले क्षेत्रों के जनप्रतिनिधियों के साथ वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग कर लॉकडाउन के दौरान विद्युत आपूर्ति की समीक्षा कर रहे थे. इस कॉन्फ्रेंसिंग में आगरा, मथुरा, फिरोजाबाद, कासगंज, एटा, अलीगढ़, हाथरस और मैनपुरी के सांसद, मंत्री और विधायकों के साथ जूनियर इंजीनयर स्तर तक के सभी अधिकारी शामिल रहे.
उन्होंने कहा, "कृषि फीडर पर दिन में सुबह 7 से शाम 5 बजे तक 10 घंटे निर्बाध विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित रहे, जिससे किसान खेतों की सिंचाई, गेहूं की मड़ाई और अन्य कृषि संबंधी कार्य करने में कठिनाई नहीं होनी चाहिए. सभी वितरण कंपनियों के प्रबंध निदेशक इसकी विशेष समीक्षा व निगरानी करें."
(इनपुट्स: IANS)
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