Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019States Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Rajasthan:चुनाव से पहले गहलोत सरकार को आई ब्राह्मणों की याद,सर्वे का प्लान तैयार

Rajasthan:चुनाव से पहले गहलोत सरकार को आई ब्राह्मणों की याद,सर्वे का प्लान तैयार

सरकार ब्राह्मणों के जीवन स्तर से लेकर पारिवारिक समस्याओं की जानकारी जुटाई जाएगी, इसके लिए सुझाव मांगे गए हैं.

क्विंट हिंदी
राज्य
Published:
<div class="paragraphs"><p>Rajasthan:चुनाव से पहले गहलोत सरकार को आई ब्राह्मणों की याद,सर्वे का प्लान तैयार</p></div>
i

Rajasthan:चुनाव से पहले गहलोत सरकार को आई ब्राह्मणों की याद,सर्वे का प्लान तैयार

(फोटो- क्विंट हिन्दी)

advertisement

राजस्थान सरकार (Rajasthan Govt) अपने सोशल इंजीनियरिंग के फार्मूले के तहत आने वाले दिनों में सवर्ण जातियों के उत्थान और प्रगित के लिए नई योजनाएं लागू कर सकती है. पहले चरण में सरकार का फोकस ब्राह्मणों (Brahmin Community) पर है. विप्र कल्याण बोर्ड ने ब्राह्मण समाज की आर्थिक, सामाजिक और पारिवारिक स्थिति जानने के लिए आमजनता से जानकारी और सुझाव मांगे हैं. इसके लिए बाकायदा विज्ञापन भी जारी किया गया है.

विप्र बोर्ड दो महीने तक आमजनता से सुझाव जुटाने के बाद इसकी रिपोर्ट राज्य सरकार को सौंपेगा. इसके बाद सरकार के स्तर पर ब्राह्मण समाज से जुड़ी समस्याओं और जीवनशैली में सुधार को लेकर कार्ययोजना तैयार की जाएगी. राज्य सरकार की तरफ से पहली बार इस तरह की जातिगत योजना तैयार की जा रही है.

इन मुद्दों पर मांगे सुझाव

ब्राह्मण समाज से विप्र बोर्ड की तरफ से रोजगार, शिक्षा और सामाजिक कुरीतियों को लेकर सुझाव मांगे गए हैं. विप्र बोर्ड ने ब्राह्मणों  को धार्मिक कार्यों में लिप्त जाति मानते हुए उसी के हिसाब से सुझाव देने को कहा है. इसमें मंदिरों में पूजा-अर्चना, कर्मकांड की जानकारी भी मांगी गई है. सुझाव 10 सितंबर तक दिए जा सकेंगे. सुझाव मिलने पर उसका विशेषज्ञों से अध्ययन भी करवाया जाएगा.

राजस्थान उदयपुर कल्याण बोर्ड के अध्यक्ष महेश शर्मा ने कहा कि राजस्थान में ऐसा पहली बार हो रहा है कि ब्राह्मणों की स्थिति में सुधार के लिए जनता से सुझाव मांगे जा रहे हैं. पहले की सरकारों ने ऐसा नहीं सोचा लेकिन कांग्रेस की गहलोत सरकार ने ब्राह्मणों की सुध ली है. सुझाव आने के बाद उसकी रिपोर्ट तैयार कर सरकार को सौंपी जाएगी. जिससे ब्राह्मणों के उत्थान और विकास का काम हो सके.

राजनीतिक लिहाज से ब्राह्मण बड़ी ताकत

प्रदेश की राजनीति में ब्राह्मणों का अलग वर्चस्व है. कई विधानसभा सीटों को यह जाति सीधे-सीधे प्रभावित करती है. अब तक ब्राह्मण और वैश्य समाज को बीजेपी का वोट बैंक माना जाता है. कहा जा रहा है कि सरकार के इस प्रयोग के पीछे बड़ा राजनीति एजेंडा छुपा हुआ है. राजस्थान में दस प्रतिशत से ज्यादा मतदाता इस जाति के है. जो कभी कांग्रेस से जुड़े हुए थे.

राजस्थान में ब्राह्मणों की राजनीतिक ताकत का अंदाज इस बात से लगाया जा सकता है कि 1949 से साल 1990 के बीच राज्य को इस समुदाय से पांच मुख्यमंत्री मिले थे. लेकिन पिछले तीन दशक से कोई ब्राह्मण चेहरा मुख्यमंत्री नहीं बना है. इस दौरान प्रदेश के दोनों ही प्रमुख दलों- कांग्रेस और बीजेपी ने ब्राह्मण विधायकों के टिकटों में भी जबरदस्त कटौती की है.

परंपरागत रूप से ब्राह्मण समुदाय कांग्रेस का वोटर रहा है, लेकिन हिंदुत्व और बीजेपी के उभार के साथ इस समुदाय ने भी अपना पाला बदल लिया. पिछले कुछ चुनावों से यह समुदाय मुख्य रूप से बीजेपी को वोट करता रहा है, लेकिन जटिल जातीय समीकरण में ये बीजेपी में भी फिट नहीं बैठ पा रहा है. अब एक बार फिर से कांग्रेस के रणनीतिकारों ने इस जाति को वापस लुभाने की कवायद शुरु कर दी है.

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT