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राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने 20 फरवरी को वित्त वर्ष 2020-21 के लिए राज्य विधानसभा में बजट पेश किया. उन्होंने इस बजट को निरोगी राजस्थान सहित सात संकल्पों पर आधारित बताया.
बता दें कि मुख्यमंत्री गहलोत के पास वित्त विभाग भी है.
पिछले बजट में जनकल्याणकारी कदमों का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि हमने इस बजट में भी ठोस कार्ययोजना पेश करने की कोशिश की है. उन्होंने कहा- हमारे लिए संपूर्ण राजस्थान एक परिवार की तरह है. इस परिवार के लिए मैं सात संकल्पों को इस बजट की प्राथमिकताएं बनाना चाहता हूं:
गहलोत ने कहा, ‘‘हमारी सरकार की वित्तीय नीतियां और प्राथमिकताएं क्या हों इसके लिए हमने कृषकों, पशुपालकों, महिलाओं, छात्रों, युवाओं, औद्योगिक और व्यापारिक संगठनों, सिविल सोसायटी के विचारों और सुझावों को ध्यान में रखते हुए एक समावेशी बजट बनाने की कोशिश की है.’’
मैन्युफैक्चरिंग, सेवा और कृषि क्षेत्र के वृद्धि दर अनुमानों का जिक्र करते हुए गहलोत ने कहा कि आंकड़ों से स्पष्ट है कि देश की अर्थव्यवस्था पटरी से उतर गई है. उन्होंने कहा ‘‘केंद्र सरकार की गलत नीतियों के कारण राजस्व में जो गिरावट आ रही है उसके खामियाजे के रूप में केंद्र द्वारा, हमें भेजे जाने वाले हमारे हिस्से की कर राशि में से 10362 करोड़ रुपये काटे जा रहे हैं. केंद्र सरकार तो कई तरीकों से धन जुटा लेती है जैसे रिजर्व बैंक से धन लेकर, एयर इंडिया और बीपीसीएल में विनिवेश कर, एलआईसी में हिस्सेदारी कम करके जबकि राज्यों के पास कोई विकल्प नहीं है.’’
मुख्यमंत्री ने कहा ‘‘ इन चुनौतियों के बावजूद इस बजट में हमने कोशिश की है कि विकास की राह बाधित न हो.’’
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