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राजस्थान (Rajasthan) में हुई बारिश और ओलावृष्टि ने भारी तबाही मचाई है. सरकार ने फसल नुकसान के आंकलन के लिए विशेष गिरदावरी के निर्देश दिए हैं. प्रारंभिक आंकलन के मुताबिक, 14 जिलों में 14 लाख 92 हजार हैक्टेयर क्षेत्रफल में 65 प्रतिशत तक फसलों को नुकसान हुआ है. वहीं इस मसले को लेकर सियासत ने भी जोर पकड़ लिया है. विधानसभा में विपक्षी नेताओं ने ये मामले उठाते हुए हंगामा किया.
उदयपुर संभाग से आने वाले विधायकों ने कहा कि कई दशकों से उन्होंने इस तरह की ओलावृष्टि नहीं देखी है. वहीं विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने सरकार को फसल खराबे का पूरा आकलन कर इसकी जानकारी सदन में पेश करने के निर्देश दिए हैं.
कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने बताया कि साल 2022-23 में रबी फसल की 109 लाख 55 हजार हेक्टेयर क्षेत्र में बुवाई हुई है. प्रारंभिक अनुमान के मुताबिक, 29 लाख 65 हजार हैक्टेयर में से लगभग 42 हजार हैक्टेयर में गेहूं की फसल को नुकसान हुआ है. इसी तरह 4 लाख 8 हजार हेक्टेयर में से 19 हजार हैक्टेयर में जौ के फसल को नुकसान हुआ है. 20 लाख 57 हजार हैक्टेयर में बोए गए चना फसल में से 2 लाख 25 हजार हैक्टेयर में 2 से 40 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है.
उन्होंने आगे बताया कि सरसों और तारामीरा के कुल बोए गए 39 लाख 36 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में से 9 लाख 83 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में 2 से 65 प्रतिशत तक नुकसान हुआ है. इसी तरह सब्जियां एवं उद्यानिकी फसलों के कुल बोए गए 15 लाख 89 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में से 2 लाख 22 हजार हेक्टेयर क्षेत्रफल में 2 से 60 प्रतिशत तक खराबा हुआ है.
बारिश और ओलावृष्टि से नुकसान को देखते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्व एवं कृषि विभाग के अधिकारियों जल्द से जल्द आकलन करवाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने कहा कि गिरदावरी का काम राजस्व विभाग द्वारा तेजी से किया जा रहा है. राज्य सरकार इस आपदा में किसानों का हरसंभव सहयोग करेगी.
वहीं नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया कहा है कि उदयपुर संभाग में पहले इस तरह की ओलावृष्टि नहीं देखी. फसल तो तबाह हुई है मकानों और पुशधन को भी नुकसान पहुंचा है, सरकार तुरंत राहत दे.
बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया ने भी सरकार से किसानों को मदद देने की मांग की है. उन्होंने कहा कि पिछले दिनों शीतलहर से प्रदेश के जिन जिलों में फसलों को नुकसान हुआ है, वहां भी किसानों को राज्य सरकार मुआवजा दे.
प्रदेश में पश्चिमी विक्षोभ का असर सोमवार को भी जारी रहा. कोटा और भरतपुर संभाग में जमकर बारिश के साथ ओलावृष्टि हुई. दो दिन में प्रदेश में 3 इंच तक बारिश दर्ज की गई है. मौसम केंद्र विभाग के अनुसार पश्चिमी विक्षोभ के चलते बीते दो दिन में सबसे अधिक बारिश भीलवाड़ा के करेडा में 78 एमएम और अजमेर के जावजा में 70 एमएम दर्ज हुई है. कोटा में बारिश के साथ चने के आकार के ओले गिरे. वहीं बूंदी और झालावाड़ में भी तेज बारिश, ओलावृष्टि के साथ तेज हवा चलने से फसलों में भारी नुकसान हुआ है. दो दिन में सीकर जिले में 44 एमएम, अजमेर में 43.6, जयपुर में 24.9, अलवर में 22.4, बूंदी में 23, करोली में 20, दौसा में 38 एमएम बारिश दर्ज की गई है.
इनपुट-पंकज सोनी
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