advertisement
राजस्थान के कोठपूतली-बहरोड़ जिले के जवाहर नवोदय विद्यालय पावटा में बुधवार को कक्षा 10वीं के एक दलित छात्र की कथित रूप से आत्महत्या से मौत हो गई थी. इस मामले में राजस्थान पुलिस ने दो स्कूल शिक्षकों पर हत्या का FIR दर्ज किया है. आरोप है कि शिक्षकों के जातिगत गाली देने से परेशान छात्र ने क्लासरूम में ही पंखे से फंदा लगाकर जान दे दी. मृतक छात्र के परिजनों के अनुसार, छात्र ने मरने से पहले रोते हुए अपने पिता को कॉल भी किया था.
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, दर्ज एफआईआर (FIR) में सत्यपाल कुलदीप (50 साल) ने बताया कि उनके छोटे भाई का बेटा सचिन कुलदीप जवाहर नवोदय विद्यालय पावटा का छात्र था. 22 अगस्त को उसने अपने पिता को कॉल किया था.
सत्यपाल ने बताया कि सचिन ने रोते हुए पिता को बताया कि "विवेक सर और राजकुमार सर" पिछले कई दिनों से पूरी क्लास के सामने उसे जातिसूचक गालियां दे रहे थे और अपमानित कर रहे थे.
सचिन ने बताया कि उसने प्रिंसिपल और वाइस प्रिंसपल से दोनों टीचरों की शिकायत भी की थी पर प्रिंसिपल ने कहा "जिस जाति के हो, उसी जाति के रहोगे, इसमें गलत क्या है?
सचिन के फोन करने के कुछ घंटे बाद ही क्लासरूम में फंदे पर उसकी लाश लटकी मिली. सुबह सफाईकर्मी ने क्लासरूम 10B में पंखे पर लगे फंदे से छात्र का शव झूलता पाया. वह स्कूल के ही हॉस्टल में रहता था.
मृतक छात्र के परिवार का आरोप है कि स्कूल प्रशासन ने उन्हें सचिन के मौत की खबर नहीं दी. पुलिस ने उन्हें आठ बजे सुबह घटना की जानकारी दी और जल्दी स्कूल पहुंचने को कहा.
मृतक छात्र के चाचा सत्यपाल ने बताया कि...
मृतक के चाचा सत्यपाल ने दोनों शिक्षकों पर गंभीर आरोप लगाए हैं. सत्यपाल ने बताया कि "सचिन के क्लासमेट ने 22 अगस्त की शाम बताया कि दोनों शिक्षकों ने सचिन की बेइज्जती की, उसे मानसिक और शारिरिक रूप से प्रताड़ित किया. वे दोनों परीक्षा में कम नंबर आने पर सचिन को धमकाते थे."
सत्यपाल के अनुसार, एक लड़के ने यह भी बताया कि इसके बाद राजकुमार सर ने सचिन को दो बार थप्पड़ मारा और जातिगत अपशब्द कहे और कहा कि जो करना है, कर लो. इसके बाद घटना से दुखी सचिन ने खाना नहीं खाया, उसे खाना को कहने के बजाय शिक्षक ने उसे फिर डांट लगाई.
अगले दिन परीक्षा थी और उसके साथी विवेक और दिलकुश पढ़ रहे थे, लेकिन सचिन बार-बार उसके साथ हुए घटना को दोहरा रहा था. सचिन कहीं जाने लगा तो उसके साथियों ने पूछा कहां जा रहे हो ? उसने कहा "विवेक सर अब मेरा कुछ नहीं बिगाड़ सकते हैं." इसके बाद साथियों को सुबह सचिन के मौत की खबर मिली.
परिवार ने सुसाइड की थ्योरी पर संदेह जताया है. उनका आरोप है कि "सचिन का पैर जमीन को छू रहा था. पैर इतना नीचे था कि 30 डिग्री के एंगल पर घूम गया था."
23 अगस्त को परागपुरा पुलिस स्टेशन में आईपीसी धारा 302, 34 के तहत और एससी-एसटी एक्ट में प्राथमिकी दर्ज करवाई गई. प्रारंभ में परिवार ने शव लेने से इनकार कर दिया था और जिला प्रशासन के सामने कई मांगें रखी थीं, लेकिन शुक्रवार सहमति बनने के बाद छात्र का अंतिम संस्कार कर दिया गया.
दोनों शिक्षकों विवेक यादव और राजकुमार यादव को सस्पेंड कर दिया गया है. स्कूल पावटा तहसील में है, जो अब नवगठित कोटपूतली-बहरोड़ जिले के अंतर्गत आता है और परिवार जयपुर की शाहपुरा तहसील के हनुतपुरा गांव में रहता है. सचिन के पिता मजदूर हैं. सचिन के अलावा, उनकी दो बेटियां और एक बेटा है.
जिले के ऑफिसर ऑन स्पेशल ड्यूटी (OSD), आईपीएस रंजीता शर्मा ने कहा कि...
रंजीता शर्मा ने आगे बताया हमने परिवार को निष्पक्ष और शीघ्र जांच का आश्वासन दिया है और मामले में एक डिप्टी एसपी रैंक के अधिकारी को जांच अधिकारी नियुक्त किया है. पोस्टमार्टम हो गया है, रिपोर्ट का इंतजार है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)