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Unnao Rape Case:कुलदीप सेंगर जेल से छूटा, रेप सर्वाइवर बोली-गवाह को डरा रहे अफसर

सर्वाइवर का आरोप- कुलदीप सेंगर के बाहर आते ही अधिकारी योजनाबद्ध तरीके से सारे गवाहों को डराएंगे

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राज्य
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<div class="paragraphs"><p>Unnao Rape Case: सर्वाइवर का आरोप- अधिकारी गवाह को डरा रहे</p></div>
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Unnao Rape Case: सर्वाइवर का आरोप- अधिकारी गवाह को डरा रहे

(फाइल फोटो)

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उन्नाव रेप कांड (Unnao Rape Case) के मुख्य आरोपी और बीजेपी (BJP) के पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) की जमानत से पहले मामले में नए आरोप लगने शुरू हो गए हैं. आरोप है कि उन्नाव के चर्चित माखी रेप कांड मामले में कुलदीप सिंह सेंगर के जमानत पर रिहा होते ही गवाहों और सबूतों को खत्म करने की साजिश शुरू हो गई है. सर्वाइवर ने वीडियो जारी कर यह आरोप लगाया कि इसमें उन्नाव जिला प्रशासन के अधिकारी शामिल हैं.

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सेंगर की बेल के दिन घटाए गए

16 जनवरी को हाईकोर्ट से सेंगर को मिली अग्रिम जमानत मंजूर होते ही सर्वाइवर ने अपनी और अपने केस के गवाहों को खतरा बताते हुए एक वीडियो वायरल कर सर्वोच्च अदालत से गुहार लगाई थी, जिसके बाद सर्वाइवर ने वीडियो जारी करते हुए आरोप लगाया कि CBI के अहम गवाह पत्रकार वीरेंद्र कुमार पर कुलदीप सिंह सेंगर के गृह जनपद फतेहपुर से ताल्लुक रखने वाले अधिकारियों ने फर्जी मुकदमा दर्ज कर उनको डराने और बुलडोजर से मकान गिरवाने की धमकी दी है.

सर्वाइवर ने ये भी आरोप लगाया है कि एक साथ कुलदीप सेंगर के गृह जनपद फतेहपुर से इतने अधिकारियों का उन्नाव में तैनात होना, फिर उन्हीं अधिकारियों द्वारा मेरे केस में CBI के गवाह को धमकाकर तोड़ने की कोशिश करना ये कोई इत्तेफाक नही एक सोची समझी साजिश है. कुलदीप सेंगर के बाहर आते ही यह सारे अधिकारी योजनाबद्ध तरीके से हमारे सारे गवाहों और सबूतों को नष्ट कर देंगे.

सर्वाइवर का कहना है कि इसलिए ऐसे अधिकारियों को फौरन उन्नाव से हटाना चाहिए और कुलदीप सेंगर की अग्रिम जमानत को 15 दिन की जगह सिर्फ 2 दिनों की करना चाहिए.

दिल्ली हाईकोर्ट ने शुक्रवार, 27 जनवरी को कुलदीप सिंह सेंगर को उनकी बेटी की शादी के सिलसिले में अंतरिम जमानत देने के आदेश में बदलाव कर दिया है. जैसा कि 16 जनवरी को उच्च न्यायालय द्वारा निर्देशित किया गया था- कुलदीप सिंह सेंगर को शुक्रवार सुबह उनकी अंतरिम जमानत के रूप में रिहा कर दिया गया था. उनकी बेल 27 जनवरी से 10 फरवरी तक निर्धारित थी.

न्यायमूर्ति मुक्ता गुप्ता की अगुवाई वाली एक खंडपीठ ने अंतरिम जमानत आदेश को संशोधित करते हुए कहा कि सेंगर को 1 फरवरी को जेल अधिकारियों के सामने आत्मसमर्पण करना होगा और फिर 6 फरवरी को जेल से बाहर जाने की अनुमति रहेगी. अदालत ने निर्देश दिया कि सेंगर को 10 फरवरी को फिर से आत्मसमर्पण करना होगा. इस तरह बेल की अवधि को कुछ दिनों के लिए घटा दिया गया है.

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