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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के बलिया जनपद (Ballia) में एक निजी स्कूल में फीस न जमा होने के कारण कथित तौर पर मासूम को तालिबानी सजा देने का आरोप लगा है. मामला जिले के रसड़ा कोतवाली थाना क्षेत्र का है. पहली क्लास में पढ़ने वाले एक 7 वर्षीय बच्चे के परिजनों ने आरोप लगाया है कि स्कूल फीस जमा न करने की सजा के रूप में बच्चे को तीन घंटे तक दोनों हाथ उठाकर खड़ा रखा गया. इससे बच्चे को कथित तौर पर लकवा मार दिया. मामले में पुलिस ने स्कूल प्रबंधक समेत 3 के विरुद्ध मामला दर्ज कर लिया है.
मामला रसड़ा कस्बे में स्थित दिल्ली पब्लिक स्कूल का है. FIR कॉपी के अनुसार परिजनों ने आरोप लगाया है कि पहली क्लास में पढ़ने वाले 7 वर्षीय छात्र अयाज अख्तर को 27 जनवरी को 4 महीने की फीस जमा न करने के कारण स्कूल की शिक्षिका ने क्लास रूम में तीन घंटे तक दोनों हाथ उठाकर खड़ा कर सजा दी. आरोप लगाया गया है कि "ज्यादा देर तक हाथ ऊपर कर खड़ा होने के कारण लड़का पैलराइज हो गया है और उसे ठीक होने में बहुत समय लगेगा". कथित तौर पर बच्चे से यह भी कहा गया कि "अगर मां-बाप की औकात नहीं थी स्कूल में दाखिला कराने की तो क्यों करवाया".
मीडिया से बात करते हुए पीड़ित बच्चे के चाचा जावेद अख्तर ने कहा कि लॉकडाउन के समय और हाल के एक महीने का फीस बकाया था जिसकी वजह से स्कूल ने बच्चे तो घंटों हाथ खड़ा रखने की सजा दी. उनके अनुसार बच्चे के शरीर के बाएं तरफ का हिस्सा काम नहीं कर रहा है. परिजनों का कहना है कि स्कूल ने फीस बकाए का बिना सूचना दिए बच्चे को सजा दी है.
मामले में कार्यवाही करते हुए पुलिस ने विद्यालय के प्रबंधक प्रद्युम्न वर्मा , प्रधानाचार्य सत्येंद्र पाल व अध्यापक अफसाना के विरुद्ध भारतीय दण्ड संहिता (IPC) की धारा 325 व 506 के तहत नामजद मुकदमा दर्ज कर लिया है. खबर लिखे जाने तक तीनों आरोपी पुलिस की पकड़ से दूर थे.
(इनपुट- आदित्य कुमार वर्मा)
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