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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा (Durga Shanker Mishra) को छह महीने का सेवा विस्तार दिया गया है. इसके साथ ही उन्होंने यूपी के दूसरे सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्य सचिव के रूप में एक नया रिकॉर्ड बनाया.
पहले ही वह देश के पहले आईएएस अधिकारी होने का इतिहास बना चुके हैं, जिन्हें रिटायरमेंट के बाद मुख्य सचिव (सीएस) के रूप में पहले ही तीन सेवा विस्तार मिल चुका है.
अपर मुख्य सचिव नियुक्ति एवं कार्मिक देवेश चतुर्वेदी ने कहा, ''हमने वर्तमान मुख्य सचिव के कार्यकाल को छह महीने यानी 30 जून 2024 तक बढ़ाने के आदेश जारी किए हैं.''
अगर मिश्रा को एक और विस्तार नहीं मिलता है, तो उनका कार्यकाल ढाई साल का होगा, जब वह छह महीने बाद पद छोड़ देंगे, जिसकी संभावना से इस समय कोई भी इनकार नहीं कर सकता.
लेकिन 30 महीने का कार्यकाल भी, जो उन्हें पहले से ही प्राप्त है, हाल के दशकों में अतुल कुमार गुप्ता को छोड़कर शायद किसी भी अन्य आईएएस अधिकारी का सबसे लंबा कार्यकाल होगा.
एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी ने कहा, ''मुझे हाल के दिनों में किसी अन्य आईएएस अधिकारी का मुख्य सचिव के रूप में इतना लंबा कार्यकाल याद नहीं है. उनके पूर्ववर्ती आर.के. तिवारी का भी मुख्य सचिव के रूप में लंबा कार्यकाल था लेकिन उनका कार्यकाल डी.एस. मिश्रा से कम था.''
इससे पहले, अनूप चंद्र पांडे केवल 14 महीने के लिए सीएस के कार्यालय में थे, राजीव कुमार 12 महीने के लिए, दोनों योगी आदित्यनाथ सरकार में थे.
राहुल भटनागर, आलोक रंजन और जावेद उस्मानी सभी को अखिलेश यादव सरकार के तहत नियुक्त सीएस का कार्यकाल क्रमशः नौ महीने, 13 महीने और 26 महीने का था.
16 जुलाई 2016 को इसी शासन के तहत सीएस नियुक्त किए गए दीपक सिंघल का कार्यकाल भी दो महीने से कम था.
अकेले अतुल कुमार गुप्ता, जिन्हें मायावती सरकार के तहत सीएस नियुक्त किया गया था, का कार्यकाल डी.एस. मिहरा से थोड़ा अधिक था, जो अभी भी पद पर हैं.
1974 बैच के आईएएस अधिकारी, गुप्ता ने 29 मई, 2008 और 31 मार्च, 2011 के बीच यूपी के मुख्य सचिव के रूप में कार्य किया, उनका कुल कार्यकाल लगभग 34 महीने का था.
उनके उत्तराधिकारी अनूप कुमार मिश्रा लगभग 12 महीने ही पद पर रहे. 2000 और 2008 के बीच सीएस नियुक्त किए गए वीके मित्तल, वीके दीवान, बीएन तिवारी, पीके मिश्रा, नीरा यादव, अखंड प्रताप सिंह सहित अन्य आईएएस अधिकारियों का कार्यकाल छोटा था.
एक अन्य आईएएस अधिकारी ने कहा,
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