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ऊपर के तीन बयान पढ़ लिए हो आपने तो अब एक बयान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का भी जान लीजिए.
अब यूपी में अस्पतालों और कोरोना वायरस महामारी की वजह से पैदा हुआ हालात की हकीकत क्या है? मेरठ के लिए बीजेपी के दो बड़े नेता मदद की गुहार लगा रहे हैं. कानून मंत्री ब्रजेश ठाकुर कह चुके हैं कि लखनऊ में लचर व्यवस्था है. लखनऊ के मोहनलालगंज से सांसद कौशल किशोर ने पिछले 1 महीने में कई बार खुला खत लिखा. किसी खत में ऑक्सीजन की कमी तो किसी में अस्पतालों की खामियों को गिनाया.
इसी महीने राज्य के कानून मंत्री ब्रजेश पाठक का लेटर सामने आया था. इस लेटर में लिखा था -“लखनऊ में अगर कोरोना टेस्ट और इलाज की स्थिति को ठीक नहीं किया गया तो लॉकडाउन लगाना पड़ेगा.” चिट्ठी में यहां तक लिखा है कि मंत्री के फोन करने पर भी पद्मश्री प्राप्त एक शख्स को इलाज नहीं मिला और उनकी मौत हो गई.
बता दें कि उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस का कहर लगातार बढ़ा है. एक तरफ हर रोज बढ़ते मामले आ रहे हैं दूसरी तरफ अस्पतालों में ऑक्सीजन, बेड, वेंटिलेटर की किल्लत की रिपोर्ट्स भी सामने आ रही हैं. राज्य में 1 अप्रैल को जहां 2600 केस सामने आए थे, 26 अप्रैल को ये संख्या बढ़कर 33574 का हो गया है. 26 अप्रैल को जारी सरकारी आंकड़ों के मुताबिक, 24 घंटे में 249 लोगों की मौत हुई है.
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