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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) सरकार दागी सरकारी कर्मचारियों को जबरन रिटायरमेंट दे सकती है, इसके लिए मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र ने सभी विभागों में 50 साल तक की उम्र पूरी कर चुके कर्मचाारियों की स्क्रीनिंग करने का आदेश जारी किया है. Government service manual के तहत नियुक्त अधिकारी किसी भी समय किसी भी कर्मचारी को 50 साल की उम्र पूरी करने के बाद बिना कोई कारण बताए 3 महीने का नोटिस देकर रिटायर कर सकता है.
आदेश में लिखा गया है कि अपने विभाग के कर्मचारियों के संबंध में अनिवार्य रिटायरमेंट के लिए स्क्रीनिंग की कार्यवाही नियम के मुताबिक 31 जुलाई तक पूरा कर लिया जाए. कमेटी के सामने अगर उस कर्मचारी को सेवा में बनाए रखने का एक बार निर्णय ले लिया गया हो तो उसे पूरे कार्यकाल तक सेवा में बनाए रखा जाए. और उसके मामले को आने वाले सालों में स्क्रीनिंग कमेटी के सामने रखने की जरूरत नहीं होगी, लेकिन अगर कोई महत्वपूर्ण तथ्य नियुक्ति अधिकारी के संज्ञान में आता है तो वो किसी भी समय नियम-56 के तहत ऐसे सरकारी कर्मचारी को जनहित में अनिवार्य सेवानिवृत करने का फैसला ले सकते हैं
मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा ने मंगलवार को इस संबंध में आदेश जारी कर सभी अतिरिक्त मुख्य सचिवों, प्रमुख सचिवों और सचिवों को कमेटी गठित करने और स्क्रीनिंग करने को कहा है.
वैसे खास बात यह है कि उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्रा को रिटायरमेंट के 3 दिन पहले 1 साल का एक्सटेंशन देकर उत्तर प्रदेश का मुख्य सचिव बनाया गया था.
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