Home News States झांसी:‘CM को परेशानी बताने गए थे डॉक्टर,5 घंटे थाने में बिठाए रखा’
झांसी:‘CM को परेशानी बताने गए थे डॉक्टर,5 घंटे थाने में बिठाए रखा’
झांसी मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स 3 सूत्रीय मांगों को लेकर सीएम से मिलना चाहते थे
क्विंट हिंदी
राज्य
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झांसी: CM से मिलने पहुंचे डॉक्टर्स को रोका, हिरासत के बाद छोड़ा
(फोटो: क्विंट हिंदी)
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कोरोना वायरस संक्रमण से जुड़ी व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए सीएम योगी प्रदेश के अलग-अलग जिलों का दौरा कर रहे हैं. इसी क्रम में रविवार को वो झांसी के महारानी लक्ष्मीबाई मेडिकल कॉलेज पहुंचे थे. इसी दौरान कुछ जूनियर डॉक्टर, मेडिकल कॉलेज की खामियों और अपनी मांगों का ज्ञापन लेकर मुख्यमंत्री से मिलने पहुंच गए. अब आरोप है कि पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया. उनके साथ धक्कामुक्की की गई और तीन डॉक्टरों को पांच घंटे तक थाने में बैठाए रखा गए.
द क्विंट से बातचीत में रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉ हरदीप जोगी ने कहा कि हर एक को देखना चाहिए कि आखिर हमारे साथ ऐसा क्यों किया गया, हम तो बस यहां कि खामियों के बारे में बताना चाहते थे. मिलने नहीं दिया गया और बदसलूकी भी की गई.
हर बार मंत्री आते हैं और चले जाते हैं हमारी मूल समस्याओं पर कोई ध्यान नहीं दिया जाता है इसलिए इस बार हमने सोचा कि खुद चलकर इस बात की जानकारी दें. लेकिन हमें सीएम से मिलने नहीं दिया गया और धक्का देकर हमें गाड़ी में बैठाकर थाने लाया गया.
हरदीप कहते हैं कि जब कोई मंत्री आता है तो सारी व्यवस्थाएं ठीक होने लगती हैं, दवाईयां मिलने लगती हैं नहीं तो दवाई तक की किल्लत हो जाती है और ये सिर्फ कोरोना काल की बात नहीं है, ऐसा हर समय होता रहा है.
मामले पर डीएम की सफाई
रेजिडेंट डॉक्टर्स के साथ हुई बदसलूकी पर झांसी के डिस्ट्रिक्ट मजिस्ट्रेट आन्द्रा वामसी ने कहा कि, पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार कानून व्यवस्था बाधित न हो इसलिए सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए जूनियर डॉक्टर्स को रोका गया था.
कार्यक्रम के बाद डॉक्टर्स को सम्मानित करते हुए अलग कक्ष में बैठाया और उनका ज्ञापन लेकर मेरे निर्देशन पर उनके उठाए बिंदुओं पर मदद करने का प्रयास किया जा रहा है. जूडा द्वारा मा. मुख्यमंत्री जी को दिए ज्ञापन के संबंध में जिला प्रशासन ने सांसद झांसी-ललितपुर, प्रधानाचार्य मेडिकल कॉलेज के साथ बैठक कर सामूहिक निर्णय लिया गया कि जो भी व्यवस्थाएं हैं उन्हें और बेहतर करते हुए अन्य सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएंगी.
आन्द्रा वामसी, जिलाधिकारी, झांसी
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इन डॉक्टरों की मांगें क्या हैं?
डॉ हरदीप जोगी ने बताया कि रेजिडेंट डॉक्टर्स की 3 प्रमुख मांगे हैं जिन्हें लेकर वे सीएम से मिलना चाहते थे. ये सभी मांगें डॉक्टरों, नर्सों, मेडिकल स्टाफ और लोगों के लिए ही हैं. इनमें से एक बड़ी मांग है 'अच्छे व्यवहार' की. हरदीप जोगी का कहना है कि मेडिकल कॉलेज में कार्यरत कि डॉक्टर्स, मेडिकल स्टाफ, नर्स और सफाईकर्मियों को प्रशासनिक अधिकारियों के द्वारा डांट-डपट दिया जाता है.
ये कैसा व्यवहार है, क्या कोरोना काल में काम कर रहा या इसके पहले या बाद में कर रहा कोई भी डॉक्टर, स्टाफ इसका हकदार है कि वो सार्वजनिक तौर पर डांट सुने.
मुख्यमंत्री के नाम लिखे पत्र में एसोसिएशन ने कहा है कि कोविड-19 महामारी के दौरान मेडिकल कॉलेज के रेजिडेंट डॉक्टर्स, नर्स, सफाईकर्मी और स्टाफ प्रिंसिपल के नेतृत्व में पूरी लग्न के साथ ड्यूटी निभा रहे हैं लेकिन कुछ सुविधाएं नहीं होने की वजह से हमें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
मेडिकल कॉलेज में लाइब्रेरी पिछले डेढ़ साल से बंद है इसलिए एक सेंट्रल लाइब्रेरी बनाई जाए, जो घंटे खुली रहे. वहीं मेडिकल सीटें बढ़कर 150 हो गई है लेकिन हॉस्टल की क्षमता को नहीं बढ़ाया गया. साथ ही एकमात्र स्पोटर्स ग्राउंड सिर्फ मंत्रियों के हैलीपेड के लिए इस्तेमाल किया जाता है इसलिए एक नया स्पोर्टस ग्राउंड बनाया जाए.
इन रेजिडेंट डॉक्टर्स की मांग है कि मेडिकल कॉलेज में जरूरी दवाएं पर्याप्त मात्रा में उपलब्ध कराई जाए. क्योंकि ऐसा देखा जाता है जब कोई प्रशासनिक दौरा होता है तभी दवाई उपलब्ध कराई जाती है.
इन रेजिडेंट डॉक्टर्स ने प्रशासनिक अधिकारियों के दुर्व्यवहार की शिकायत की है. इनका कहना है कि डॉक्टर्स, मेडिकल स्टाफ, नर्स और सफाईकर्मियों को डांटा जाता है. ऐसा करना बिल्कुल उचित नहीं है. इसलिए अधिकारियों को निर्देश दिए जाएं कि वे मेडिकल स्टाफ के साथ अच्छा व्यवहार करें.