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UP में छठवें चरण में सिर्फ 1 सीट पर 60% से अधिक मतदान, फूलपुर में सबसे कम वोटिंग

UP Loksabha Election: पिछले पांच चरणों की तरह इस बार भी विपक्ष ने बूथ कैपचरिंग और प्रशासन के शह पर उनके प्रत्याशियों और बूथ एजेंटो के उत्पीड़न का आरोप लगाया.

पीयूष राय
राज्य
Published:
<div class="paragraphs"><p>यूपी में छठवें चरण के मतदान में सिर्फ एक सीट पर मतदान ने पार किया 60% का आंकड़ा, फूलपुर में सबसे कम मतदान</p></div>
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यूपी में छठवें चरण के मतदान में सिर्फ एक सीट पर मतदान ने पार किया 60% का आंकड़ा, फूलपुर में सबसे कम मतदान

फोटो- क्विंट हिंदी 

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लोकसभा चुनाव 2024 (LokSabha Election 2024) के छठवें फेज में उत्तर प्रदेश के 14 लोकसभा सीटों पर 25 मई को मतदान हुआ. भीषण गर्मी के बीच वोटर टर्नआउट बढ़ाने के लिए प्रयासरत चुनाव आयोग के लिए शनिवार का दिन बहुत संतोषजनक नहीं रहा. अंतिम आंकड़ों में उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) में औसतन 54.02% मतदान हुआ, जो की 2019 लोकसभा चुनाव में 54.49% औसत मतदान के मुकाबले थोड़ा कम रहा.

यूपी में लोकसभा चुनाव 2024 के बाकी चरणों के मुकाबले छठवें चरण के मतदान में वोटर टर्नआउट कम रहा. पांचवें चरण में हुए 14 लोकसभा सीटों पर चुनाव में 57.91% औसत मतदान हुआ था क्यों छठवें चरण में गिरकर 54.02% रह गया.

छठवें चरण में 14 लोकसभा क्षेत्र में हुए मतदान में सिर्फ अंबेडकर नगर में 60% से ऊपर मतदान हुआ. अगर सबसे कम वोटर टर्नआउट की बात करें तो फूलपुर लोकसभा सीट पर सबसे कम 48.94% मतदान हुआ. 2019 लोकसभा चुनाव में भी फूलपुर में वोटर टर्नआउट उत्साहजनक नहीं था और यहां सिर्फ 48.46 पर्सेंट मतदान हुआ था.

अगर इन 14 लोकसभा क्षेत्र की बात करें तो 2019 लोकसभा चुनाव के मुकाबले मतदान में किसी भी सीट पर बहुत ज्यादा बदलाव नहीं दिखा.

2024 लोकसभा चुनाव में के छठवें चरण में पांच ऐसी सीटें थी, जहां 2019 के मुकाबले मतदान थोड़ा अधिक हुआ. हालांकि, इन सीटों पर मतदान में अंतर एक परसेंट से भी काम था. यह सीटें हैं फूलपुर, इलाहाबाद, अंबेडकर नगर, श्रावस्ती और भदोही.

इसी तरह कुल 9 ऐसी सीटें थी, जहां पर 2019 लोकसभा चुनाव के मुकाबले मतदान में गिरावट दिखी. प्रतापगढ़ संत कबीर नगर आजमगढ़ और मछली शहर जैसी सीटों पर मतदान में 2019 लोकसभा चुनाव के मुकाबले एक परसेंट से ज्यादा की गिरावट देखने को मिली. इतने कम अंतर के मतदान प्रतिशत से यह अनुमान लगाना मुश्किल है कि चुनावी समीकरण में इसका फायदा किसको मिल सकता है?

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बूथ कैपचरिंग की आशंका को लेकर विपक्ष ने लिखा चुनाव आयोग को खत

पिछले पांच चरणों की तरह इस बार भी विपक्ष ने चुनाव को प्रभावित करने के लिए बूथ कैपचरिंग और प्रशासन के शह पर उनके प्रत्याशियों और बूथ एजेंटो के उत्पीड़न का आरोप लगाया.

समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने एक वीडियो ट्वीट कर आरोप लगाया

"पार्टी के अंबेडकर नगर के प्रत्याशी लालजी वर्मा के के घर पुलिस का छापा पड़ा है. अखिलेश यादव ने आरोप लगाया कि लालजी वर्मा की ईमानदार छवि को धूमिल करने का प्रयास किया जा रहा है."

हालांकि, यूपी पुलिस ने अपने जवाब में बताया कि चुनाव से एकदिन पहले कथित तौर पर मतदाताओं को प्रभावित करने के लिए पैसा बांटते हुए एक व्यक्ति लवकुश वर्मा को पकड़ा था. बताया जा रहा है कि लवकुश वर्मा अंबेडकर नगर सपा प्रत्याशी लालजी वर्मा का करीबी है. मतदान के दिन जब पुलिस टीम लवकुश वर्मा के घर पूछताछ के लिए पहुंची तो उसे समय वहां मौके पर लालजी वर्मा भी पहुंच गए और कठित तौर पर पुलिस कार्रवाई का विरोध किया.

वहीं दूसरी तरफ आजमगढ़ में एसपी ने बूथ कैपचरिंग का आरोप लगाया है. आजमगढ़ से SP उम्मीदवार धर्मेंद्र यादव के मुख्य चुनाव अभिकर्ता राज बहादुर यादव ने मुख्य चुनाव आयोग को लिखे एक पत्र में आरोप लगाते हुए लिखा है कि सत्ता पक्ष के लोग सगड़ी विधानसभा के 11 जगहों पर बूथ कैपचरिंग करना चाहते हैं. अपने पत्र में राजबहादुर यादव ने चुनाव आयोग से निवेदन किया कि इन 11 बूथों पर पैरामिलिट्री फोर्स लगाकर चुनाव संपन्न कराया जाए.

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