ADVERTISEMENTREMOVE AD

Interview: "अखिलेश जिसे चाहेंगे वो बनेगा PM", संविधान-'निरहुआ' पर क्या बोले धर्मेंद्र यादव?

Dharmendra Yadav Interview: धर्मेंद्र यादव ने संविधान, पूर्वांचल, पिछली हार, बीजेपी के 400 पार के नारे समेत कई मुद्दों पर खुलकर की बात

Published
story-hero-img
i
छोटा
मध्यम
बड़ा

उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के आजमगढ़ (Azamgarh) लोकसभा निर्वाचन क्षेत्र में छठे चरण यानी 25 मई को मतदान होना है. यहां की जनता के लिए चुनावी मुद्दों को जानने और शहर में चुनावी लहर को समझने के लिए क्विंट हिंदी की टीम आजमगढ़ में मौजूद है. यहां क्विंट हिंदी ने सीट से समाजवादी पार्टी के प्रत्याशी धर्मेंद्र यादव (Dharmendra Yadav) से विस्तार से बातचीत की.

बीजेपी ने इस सीट पर मौजूदा सांसद दिनेश लाल यादव उर्फ 'निरहुआ' को उतारा है. धर्मेंद्र यादव ने संविधान, पूर्वांचल, पिछली हार, बीजेपी (BJP) के 400 पार के नारे समेत कई मुद्दों पर विस्तार से बात की. इस दौरान उन्होंने ओपी राजभर और जयंत चौधरी के NDA में जाने से होने वाले फायदे और नुकसान को लेकर भी बात की.

ADVERTISEMENTREMOVE AD

लोकसभा चुनाव में कौन से फैक्टर हैं जिनसे आपको फायदा होगा?

आजमगढ़ हमेशा से समाजवादियों के लिए समर्थन का स्थान रहा है. ये चुनाव पूरे देश का चुनाव है. जब ये चुनाव शुरू हो रहा था तो शायद मीडिया के लोग भी नहीं भाप पाए थे. उत्तर प्रदेश की बात करें तो यहां मीडिया भी विपक्ष को ज्यादा सीटें देने को तैयार नहीं थी. कोई चैनल 7 तो कोई 12, तो कुछ मीडिया के लोग केवल 4 सीटें ही विपक्ष के खाते में दिखा रहे थे. सिंगल डिजिट से ऊपर कोई विपक्ष को सीट देने को तैयार नहीं था. जो लोग 400 पार का नारा लगा रहे थे वह 200 के नीचे सिमट जाएंगे. 10 साल बाद भी इनका रिपोर्ट कार्ड शून्य है. 10 साल में 20 करोड़ रोजगार होने थे लेकिन आज रोजगार की दर सबसे नीचे है. किसानों ने सबसे ज्यादा खुदखुशी अब की है. फौजी भी अग्निवीर की योजना से संतुष्ट नहीं हैं.

दिनेश लाल यादव अपने काम में यूनिवर्सिटी और एयरपोर्ट का काम गिनवाते हैं तो क्या जनता उन्हें फिर भी नकार देगी?

एयरपोर्ट 2007 से पहले का बना हुआ है. इन्होंने उसमें मात्र एक कंट्रोल रूम बनवाया. पीएम मोदी उसका उद्घाटन करने आए थे लेकिन उद्घाटन के 33वें दिन कंट्रोल रूम में आग लग गई थी. यह है उनकी शून्य उपलब्धि और अगर वह इसे ही उपलब्धि मानते हैं तो मेरे पास कहने को कुछ नहीं है.

आजमगढ़ की सीट पर दलित वोटर्स का रुझान देखा जाता है? इन वोटर्स को जोड़ने के लिए आपकी प्लानिंग क्या है?

दलित वोटर्स इतनी बड़ी तादाद में हैं कि उन पर कोई योजना काम नहीं आएगी. ये वोटर्स बहुत जागरूक हैं. कोई दलित नहीं चाहेगा कि बाबा साहब का बनाया संविधान खत्म हो. बीजेपी इसी संविधान को खत्म कर के नागपुर का संविधान लाना चाहते हैं जो यह देश बर्दाश्त नहीं कर सकता.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

सत्ता से सच बोलने के लिए आप जैसे सहयोगियों की जरूरत होती है
मेंबर बनें
अधिक पढ़ें
×
×