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UP पंचायत चुनाव: कई ‘गैंगस्टर्स’ के परिवारवालों ने भी दर्ज की जीत

किसी गैंगस्टर पर दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं तो किसी हत्या कर दी गई है. 

आईएएनएस
राज्य
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UP panchayat election 2021: यूपी पंचायत चुनाव 2021
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UP panchayat election 2021: यूपी पंचायत चुनाव 2021
(फोटो: क्विंट हिंदी)

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यूपी में हाल में हुए पंचायत चुनावों में कई गैंगस्टरों के परिजनों ने चुनावी कामयाबी हासिल की है. किसी गैंगस्टर पर दर्जनों मुकदमे दर्ज हैं तो किसी हत्या कर दी गई है. ऐसे ही प्रत्याशियों पर नजर डालते हैं.

  • उन्नाव में, पूर्व एमएलसी अजीत सिंह की पत्नी शकुन सिंह ने जिला पंचायत चुनाव जीता है. सितंबर 2004 में उन्नाव के एक रिसॉर्ट में माफिया डॉन से राजनेता बने अजीत सिंह की उनके जन्मदिन की पार्टी में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
  • 68 साल की क्षेमा देवी, बागपत जिले के प्रहलादपुर खट्टा गांव में दूसरी बार ग्राम प्रधान के रूप में जीती हैं.वह राहुल खट्टा की मां हैं, जिसके खिलाफ हत्या के 32 मामले थे और अगस्त 2015 में हुए एक मुठभेड़ में पुलिस ने उसे मार दिया था.जिला प्रशासन ने राहुल खट्टा के परिवार वालों के खिलाफ यूपी गैंगस्टर एंड एंटी सोशल एक्टिविटीज (प्रिवेंशन) एक्ट, 1986 लागू किया था, लेकिन क्षमा देवी परेशान नहीं हैं.
क्षमा देवी ने संवाददाताओं से कहा, “मेरा बेटा पुलिस की बर्बरता का शिकार था. वो एक शर्मीला लड़का था जो ग्रामीणों के साथ बमुश्किल बातचीत कर पाता था. राहुल ने एक गरीब विधवा से संबंधित जमीन के एक टुकड़े को हड़पने के लिए पूर्व प्रधान के प्रयास का विरोध किया. उसे पुलिस द्वारा पकड़ लिया गया और कई दिनों के लिए यातना दी गई. वापस आया, वह एक अलग आदमी था. पूरा गांव कहानी जानता है. कोई भी उसे यहां एक अपराधी के रूप में नहीं देखता है .”
  • 60 वर्षीय सुभाषना राठी को गंगनौली गांव में दूसरी बार ग्राम प्रधान के रूप में चुना गया है.वह प्रमोद गंगनौली की मां है जिसने अपने सिर पर 1 लाख रुपये का इनाम रखा था और जनवरी 2015 में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था.प्रमोद के बड़े भाई, प्रवीण राठी पुलिस मुठभेड़ में घायल हो गए और उन्हें जेल भेज दिया गया था.
स्थानीय ग्रामीणों की मानें तो प्रमोद एक क्राइम रिपोर्टर था, जिससे पुलिस ने कुछ अपराधियों से मिलने के लिए मदद मांगी. बैठक तय थी, लेकिन पुलिस ने उनमें से दो को मुठभेड़ में मार दिया और सारा दोष प्रमोद पर पड़ा, जिन्हें बचाव के लिए हथियार उठाने पड़े क्योंकि पुलिस ने उन्हें जमानत देने से इनकार कर दिया था.

उसने कहा, ' लोगों ने मुझे दूसरी बार चुना है जो साबित करता है कि वे हम पर विश्वास करते हैं. हर कोई जानता है कि मेरा बेटा अपराधी नहीं था. '

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