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यूपी के लिए ये नया है. एक पूर्व आईपीएस ऑफिसर को पुलिस वाले जबरिया गाड़ी में ढूंसते नजर आ रहे हैं. और वो कह रहे हैं मैं नहीं जाऊंगा. FIR की कॉपी दिखाओ. जबरिया रिटायर आईपीएस अफसर अमिताभ ठाकुर को यूपी पुलिस लखनऊ में उनके आवास से जबरिया ले गई.अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी पर उनकी पत्नी नूतन ठाकुर ने कहा कि जबसे चुनाव लड़ने का ऐलान किया है तबसे परेशान किया जा रहा है.
लखनऊ पुलिस ने शुक्रवार को अमिताभ ठाकुर और बीएसपी सांसद अतुल राय के खिलाफ हजरतगंज थाने में आत्महत्या के लिए उकसाने का मुकदमा दर्ज किया. मामला सुप्रीम कोर्ट के बाहर आत्मदाह करने वाली युवती और उसके साथ का है. इस युवती ने बीएसपी सांसद अतुल राय पर रेप का आरोप लगाया था. आत्मदाह से कुछ मिनट पहले एक वीडियो में रेप सर्वाइवर ने अतुल राय के अलावा उत्तर प्रदेश के कुछ आला पुलिस अफसरों पर प्रताड़ित करने का आरोप लगाया था. इन नामों में गाजियाबाद के पूर्व कप्तान और रिटायर्ड आईपीएस ऑफिसर अमिताभ ठाकुर भी थे.
अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी को राजनैतिक साजिश करार देते हुए उनकी पत्नी नूतन ठाकुर ने कहा कि "जब से अमिताभ ठाकुर ने योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने की बात कही है उसके बाद से ही लगातार हमारी प्रताड़ना शुरू हो गई है.. कल जब उन्होंने गोरखपुर जाने की बात की तो आज पहले हमारे घर पर सुबह पहले कई पुलिस फोर्स को तैनात किया गया और दोपहर में गिरफ्तार कर लिया गया."
सीधे मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को घेरते हुए उन्होंने कहा " अगर केवल पीड़िता के बयान को सच माना जाये तो मेरे पास ऐसे फुटेज है जिसमें पीड़िता ने मुख्यमंत्री श्री योगी आदित्यनाथ के लिए तमाम बातें कहीं हैं और उनको भी अन्याय के लिए जिम्मेदार कहा है.तो क्या उनको भी गिरफ्तार किया जाएगा ? "
इस घटना के तुरंत बाद उत्तर प्रदेश पुलिस के आला अधिकारियों ने एक SIT का गठन किया था. बुरी तरीके से झुलसे महिला रेप सर्वाइवर और उसके दोस्त की दिल्ली के अस्पताल में मौत चुकी है. उन्हीं दोनों मौतों को लेकर लखनऊ में मुकदमा हुआ लेकिन गौरतलब बात यह है कि मुकदमे में सिर्फ दो आरोपी बनाए गए- सांसद अतुल राय और रिटायर्ड आईपीएस अमिताभ ठाकुर. जबकि मृतक युवती ने अपने आखिरी वीडियो में जिन और बाकी लोगों पर आरोप लगाए थे क्या उन को क्लीन चिट दे दी गई? जांच में ऐसा क्या निकल कर आया, जिसमें सिर्फ अमिताभ ठाकुर दोषी निकले? युवती ने जिन और लोगों के नाम लिये थे वो हैं एसएसपी अमित पाठक, सीओ अमरेश सिंह, दरोगा संजय राय और उनके बेटे विवेक राय.
यूपी पुलिस ने इस मामले को लेकर बयान जारी करते हुए बताया कि, पीड़िता और उसके सहयोगी द्वारा 16 अगस्त को सुप्रीम कोर्ट के सामने आत्मदाह का प्रयास करने के संबंध में शासन द्वारा पुलिस महानिदेशक उत्तर प्रदेश पुलिस भर्ती एवं पदोन्नति बोर्ड लखनऊ और अपर पुलिस महानिदेशक, महिला सुरक्षा एवं बाल सुरक्षा संगठन लखनऊ की जांच समिति गठित की गई थी. एसआईटी ने अपनी अंतरिम जांच में पीड़िता और उसके सहयोगी को आत्महत्या के लिए प्रेरित करने और अन्य आरोपों में अतुल राय और अमिताभ ठाकुर को प्रथम दृष्टया दोषी पाया और उनके खिलाफ मामला दर्ज किर जांच की मंजूरी दी. इसे लेकर लखनऊ कमिश्नरेट को अग्रिम कार्यवाही करने के लिए निर्देश दिए गए थे.
इसके बाद अतुल राय और अमिताभ ठाकुरर के खिलाफ थाना हजरतगंज लखनऊ में दर्ज एफआईआर को लेकर जांच शुरू कर दी गई है. इसी जांच के दौरान अमिताभ ठाकुर की गिरफ्तारी की गई है.
इससे पहले लखनऊ पुलिस ने अमिताभ ठाकुर और उनकी पत्नी को गोरखपुर जाने से रोका था. उन्हें हाउस अरेस्ट किया गया था. पुलिस की दलील थी कि सुप्रीम कोर्ट वाले केस के कारण कुछ लोग ठाकुर से खफा हैं इसलिए उनकी जान को खतरा है. तब ठाकुर ने बयान जारी किया था दरअसल ये दिखाता है कि अपने को बड़े नेता मानने वाले सीएम योगी एक आम आदमी से कितना डर गए हैं. बता दें कि अमिताभ ठाकुर को बीजेपी सरकार ने जबरन रिटायर कर दिया है और ठाकुर ने योगी आदित्यनाथ के खिलाफ चुनाव लड़ने का ऐलान किया है.
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