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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के सुल्तानपुर जिले में एक यूट्यूबर को स्वास्थ्य केंद्र में पसरी बदहाली दिखाना भारी पड़ गया. पहले महिला स्वास्थ कर्मी (ANM) ने ईंट और डंडे से यूट्यूबर पर हमला कर दिया. फिर पुलिस ने भी कई धाराओं में मुकदमा दर्ज कर यूट्यूबर को गिरफ्तार कर लिया. इस मामले में प्रतिक्रिया देते हुए अखिलेश यादव ने बीजेपी पर निशाना साधा तो उत्तर प्रदेश के डिप्टी सीएम ने जांच की बात कही है.
सुल्तानपुर जिले के सराय गोकुल में एक स्वास्थ्य उपकेंद्र बना हुआ है. बुधवार, 5 जुलाई को इसी गांव में रहने वाले यूट्यूबर ललित यादव ने केंद्र की बदहाली पर रिपोर्टिंग की थी. उसने कैमरे के सामने तमाम बदइंतजामी और परिसर में फैली गंदगी दिखाने की कोशिश की.
कैमरे पर अपनी बात रखते-रखते यूट्यूबर कंट्रोल रूम में जाने की कोशिश करने लगा. इसपर एनएम ने उसे बाहर निकाल दिया. बाहर निकालने के बाद ललित को चप्पल, इंट और डंडे से मारने की कोशिश की. इस पूरी घटना का वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल है.
पुलिस ने इस घटना में युट्यूबर के खिलाफ ही केस दर्ज कर उसे गिरफ्तार कर लिया है. घटना का वीडियो वायरल होने के बाद एएनएम ने थाने पहुंचकर यूट्यूबर के खिलाफ तहरीर दी और छेड़खानी का मुकदमा दर्ज करवा दिया. पुलिस ने ललित के खिलाफ सरकारी काम में बाधा और सार्वजनिक सम्पत्ति नुकसान पहुंचाने सहित करीब आधा दर्जन धाराओं में FIR दर्ज किया है.
इसके अलावा सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारन अधिनियम की धारा 2 और 3 का भी प्रयोग है. इसके बाद पुलिस ने यूट्यूबर को गिरफ्तार कर लिया.
उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री बृजेश पाठक ने इस मामले में जांच की बात कही है. उन्होंने ट्वीट कर कहा, "जनपद सुलतानपुर में ANM सेंटर में पत्रकार के साथ महिला स्वास्थ्यकर्मी द्वारा अभद्र व्यवहार किये जाने व चप्पल व लाठी से पीटने संबंधी प्रकरण का संज्ञान लेते हुए मेरे द्वारा दिये गये आदेश के क्रम में मुख्य चिकित्साधिकारी, सुल्तानपुर द्वारा प्रकरण की जांच हेतु ACMO की अध्यक्षता में एक समिति गठित कर दी गई है.
उन्होंने आगे कहा कि जांच रिपोर्ट एक सप्ताह के अंदर मांगी गई है. दोषी स्वास्थ्यकर्मी के विरूद्ध कठोर कार्यवाही की जायेगी.
समाजवादी पार्टी अध्यक्ष अखिलेश यादव ने इस मामले के बाद ट्वीट कर बीजेपी पर निशाना साधा है. उन्होंने कहा, "बीजेपी के शासनकाल में, उत्तर प्रदेश के सरकारी अस्पताल की दुर्दशा का हाल उजागर करनेवाले एक मीडियाकर्मी को स्वास्थ्यकर्मी द्वारा पीटे जाने की घटना को आपराधिक मामले की तरह देखा जाए"
उन्होंने आगे कहा कि अगर हर जिले में एक भी ऐसा दुस्साहसी पत्रकार हो जाए तो उत्तर प्रदेश की सच्चाई सबको पता चल जाए.
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