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UPPSC Topper’s Story: पिता करते थे मजदूरी, पहले समीक्षा अधिकारी- अब DSP बना बेटा

UPPCS Success story: मिर्जापुर के जितेंद्र कुमार कोल ने UPPSC 2022 में 87 वां रैंक हासिल कर जनपद में इतिहास रचा

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<div class="paragraphs"><p>यूपी पीसीएस में 87 वां रैंक हासिल की&nbsp;</p></div>
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यूपी पीसीएस में 87 वां रैंक हासिल की 

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उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग यानी UPPSC 2022 के नतीजे शुक्रवार, 7 अप्रैल की शाम घोषित हुए. मिर्जापुर के आदिवासी बाहुल्य पिछड़े क्षेत्र के रहने वाले जितेंद्र कुमार कोल ने UPPSC 2022 में 87 वां रैंक हासिल कर जनपद में इतिहास रच दिया है. लालगंज विकास खंड के जयकर कला गांव के रहने वाले जितेंद्र कुमार कोल इसके पहले लोअर पीसीएस में चयनित होकर समीक्षा अधिकारी बने थे. UPPSC 2022 में 87 वां रैंक मिलने के बाद उनका डीएसपी के पद पर चयन हुआ है.

जितेंद्र कुमार कोल के पिता साधारण मजदूर थे

जितेंद्र कुमार कोल छोटे से गांव जयकर कला के रहने वाले हैं. इनके पिता साधारण मजदूर थे. पिता के मौत के बाद भी जितेंद्र कुमार कोल नहीं टूटे. उन्होंने बड़े भाई धर्मेंद्र कोल के सहयोग से अपना पढ़ाई जारी रखा. जितेंद्र कुमार कोल की जूनियर हाईस्कूल तक की पढ़ाई गांव के ही प्राथमिक विद्यालय जयकर कला से हुई. इसके बाद उन्होंने कक्षा 9 से इंटरमीडिएट तक की पढ़ाई क्षेत्र के देवराहा बाबा इंटर कॉलेज दुबार कला से की है.

फिर गांव से निकलकर जितेंद्र ने इलाहाबाद विश्वविद्यालय से ग्रेजुएशन किया. उन्होंने ग्रेजुएशन के बाद इतिहास से पीएचडी की डिग्री लिया. इसके बाद सिविल सेवा परीक्षा की तैयारी में लग गए.

पहले ही प्रयास में लोअर पीसीएस निकाला 

2013 में जितेंद्र का सेलेक्शन पहले ही प्रयास में लोअर पीसीएस में समीक्षा अधिकारी के पद पर हुआ. लेकिन उन्होंने अपनी पढ़ाई जारी रखा जिसका नतीजा रहा कि उन्होंने आज पीसीएस में 87 वां रैंक लाकर डीएसपी पद पाया है.

हम आपको बता दें मिर्जापुर जनपद का विकासखंड लालगंज आदिवासी इलाका है. लोग सफलता मिलने पर बड़े भाई धर्मेंद्र कोल से मिलकर गांव में बधाई देने पहुंच रहे हैं.

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