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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के हमीरपुर जिले के कुरारा ग्राम में, 17 सितंबर को इरोड वेंकटप्पा रामासामी उर्फ 'थंथई' पेरियार (Periyar) की जयंती का आयोजन किया गया था. पेरियार एक प्रतिष्ठित समाज सुधारक और लेखक थे. कार्यक्रम के दौरान "हिंदू देवताओं के खिलाफ हिंदू विरोधी टिप्पणी" करने के आरोप में पुलिस ने 19 सितंबर को चार दलितों के खिलाफ FIR दर्ज किया.
जिन चार लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया उनका नाम - अमर सिंह, डॉ. सुरेश, अवधेश और अशोक विद्यार्थी है. द क्विंट द्वारा एक्सेस किए गए कार्यक्रम के एक वीडियो में अमर यह कहते हुए दिखाई दे रहा "जिसने भगवान को बनाया वह मूर्ख है और जो भगवान का प्रचार करता है वह दुष्ट है और जो भगवान की पूजा करता है वह और भी बड़ा मूर्ख है. यही हकीकत है. "
धारा 295 "किसी वर्ग के व्यक्ति के धर्म का अपमान करने के इरादे से पूजा स्थल/पवित्र वस्तु को नष्ट करने" से संबंधित है. धारा 153ए "धर्म, नस्ल, जन्म स्थान, भाषा, आदि के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना" है.
शिकायतकर्ता ने आरोपी को BSP या भीम आर्मी का सदस्य बताया है. जबकि मुख्य आरोपी के भाई एडवोकेट हरदौल सिंह का कहना है कि आरोपी दलित वर्ग से आता है. वो एक सामाजिक कार्यकर्ता है और किसी पार्टी से उसका कोई संबंध नहीं है. वह किसी पार्टी का सदस्य नहीं है.
उन्होंने कहा कि वे केवल पेरियार के काम के बारे में जागरूकता फैला रहे थे. पेरियार का काम जातिवाद और किसी भी धार्मिक अनुष्ठानों और मूर्तियों की आलोचना करता था, जो लोगों को "भक्त" बनाते थे. आरोपी के मौजूदा स्थिति की जानकारी देते हुए हरदौल सिंह ने कहा कि उनका भाई अब दबाव और डर में है.
क्विंट के पास FIR की कॉपी है. जिसमें लिखा है, "उन्होंने एक वीडियो में हिंदू देवताओं का अपमान किया जो अब वायरल हो गया है. वीडियो में एक व्यक्ति लोगों के सामने अपने भाषण में अपमानजनक भाषा के साथ हिंदू देवी-देवताओं का अपमान कर रहा है, जिसमें बच्चे भी शामिल हैं."
वकील हरदौल ने पूरे मामले की जानकारी देते हुए कहा कि भीड़ में लगभग 150 लोग थे. सभी आरोपी की बात ध्यान से सुन रहे थे. कार्यक्रम के दौरान बच्चों को चॉकलेट, डायरी और पेन दिया गया था.
राजावत ने कहा कि भीड़ में से कुछ लोगों ने उस वीडियो को सोशल मीडिया पर शेयर किया, जिसके बाद वह वायरल हो गया. कुछ ही देर बाद आयोजन स्थल पर 40-50 लोगों की भारी भीड़ जमा हो गई. सभी लोग आरोपियों के टिप्पणी से नाराज थे इसलिए उन्होंने उनके खिलाफ मुकदमा दर्ज करवाया.
अमित राजावत ने बताया कि चार लोगों पर मामला दर्ज किया गया है. लेकिन अब तक यह साफ नहीं है कि वो चारों लोग मामले के आरोपी हैं या नहीं. पुलिस जांच कर रही है. अगर उनमें से कोई निर्दोष पाया जाता है, तो उन्हें बरी कर दिया जाएगा.
घटनास्थल का जिक्र करते हुए शिकायतकर्ता राजावत ने कहा कि वहां BSP का झंडा और बैनर लगा था. पार्टी के जिला प्रमुख भी कार्यक्रम में उपस्थित थें. आरोपी अमर सिंह देवी-देवताओं के विरूद्ध भाषण दिए जा रहे थे और सभी लोग उसे सुन बस तालियां बजा रहे थे.
विद्यार्थी के इस बयान पर राजावत ने कहा कि अगर वह इसका हिस्सा नहीं था, तो उसने या दूसरे लोगों ने अमित सिंह को रोका क्यों नहीं?"
राजावत ने निष्कर्ष निकालते हुए कहा कि, ''ऐसा कोई धर्म नहीं है जो दूसरे धर्म के बारे में गलत कहने की हिदायत देता हो.''
यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि पेरियार सामान्य रूप से ब्राह्मणवादी और गैर-ब्राह्मणवादी धार्मिक अनुष्ठानों के कट्टर आलोचक थे. एक नास्तिक के रूप में, उनके लेखन में ईश्वरीय मान्यताओं और धार्मिक मानदंडों की आलोचना शामिल थी. जो तर्कसंगत सोच में बाधा डालते थे या लोगों को भय और असमानताओं से बांधते थे.
पेरियार की अपनी पंक्तियां थीं: "जिसने ईश्वर को बनाया वह मूर्ख है, जो ईश्वर का प्रचार करता है वह बदमाश है, और जो ईश्वर की पूजा करता है वह बर्बर है." अमर इन्हीं पंक्तियों के बारे में बात कर रहे थे. तमिलनाडु उनके जन्मदिन को 'सामाजिक न्याय दिवस' के रूप में मनाता है.
वहीं पुलिस अधिकारी ने कहा है कि इस मामले में जांच चल रही है.
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