Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019States Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019यूपी में बढ़िया है कोरोना मैंनेजमेंट, तो इतना मातम क्यों है?

यूपी में बढ़िया है कोरोना मैंनेजमेंट, तो इतना मातम क्यों है?

बीजेपी सरकार का नीति आयोग सही या बीजेपी के अपने नेता गलत?

क्विंट हिंदी
राज्य
Published:
Uttar Pradesh में ऑक्सीजन की कमी नहीं?
i
Uttar Pradesh में ऑक्सीजन की कमी नहीं?
(फोटो: क्विंट हिंदी)

advertisement

‘उत्तर प्रदेश का ऑक्सीजन मैंनेजमेंट बढ़िया है और दूसरे राज्यों को भी इससे सीखना चाहिए’. नीति आयोग ने यूपी के ऑक्सीजन मॉडल की तारीफ में ऐसा ट्वीट किया है. इस ट्वीट पर ढेर से सारे लोगों जवाब में पूछा है कि जरा जमीनी हकीकत जाकर देखिए. ताज्जुब ये है कि एक तरफ बीजेपी सरकार का नीति आयोग ने यूपी की तारीफ कर रहा है कि दूसरी तरफ यूपी के ढेर सारे बीजेपी नेता बदहाली की शिकायत कर रहे हैं.

नीति आयोग ने कोविड प्रबंधन के लिए योगी सरकार के मॉडल की तारीफ की है. नीति आयोग के आधिकारिक ट्विटर हैंडल ने इसे लेकर दो ट्वीट किए हैं. एक ट्वीट में कोरोना मरीजों का पता लगाने और संक्रमण फैलने और रोकने के लिए उन्हें होम आइसोलेट करने के लिए चलाए गए ट्रिपल टी (ट्रेस, टेस्ट और ट्रीट) की सराहना की है तो दूसरे में यूपी के ऑक्सीजन ट्रांसपोर्ट ट्रैकिंग सिस्टम की.

नीति आयोग ने कहा,

ऑक्सीजन परिवहन और ट्रैकिंग के लिए एक प्रशंसनीय मॉडल. उत्तर प्रदेश सरकार ने ऑक्सीजन हब स्थापित किए हैं और एक डैशबोर्ड-ऑक्सीट्रैकर विकसित किया है, जिसके माध्यम से वास्तविक समय में टैंकरों को ट्रैक किया जा सकता है. यह ऑक्सीजन के तुरंत और स्मार्ट आवंटन की अनुमति देता है. परिणाम-पहले के 250 मेट्रिक टन के बजाय 1000 मेट्रिक टन O2 उठाया जा रहा है!

9 दिन पहले इलाहाबाद हाईकोर्ट ने लगाई थी फटकार

आपको बता दें कि नीति आयोग के इस तारीफ वाले ट्वीट से ठीक 9 दिन पहले चार मई को इलाहाबाद हाई कोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि अस्पतालों को ऑक्सीजन की सप्लाई न होने के चलते COVID-19 के मरीजों की मौत होना अपराध है और नरसंहार से कम नहीं है. लेकिन अब 9 दिन बाद अचानक से नीति आयोग दूसरे राज्यों को उत्तर प्रदेश से सीखने की नसीहत दे रहा है.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

बीजेपी सरकार का नीति आयोग सही या बीजेपी के अपने नेता गलत

अभी हाल ही में उत्तर प्रदेश सरकार ने कहा था कि अगर कोई सोशल मीडिया पर ऑक्सीजन, बेड या कोरोना से जुड़े ‘अफवाह’ फैलाता हैं तो उसके खिलाफ राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम (एनएसए) और गैंगस्टर अधिनियम के तहत कार्रवाई की जाए. अब भले ही आम लोग ऑक्सीजन को लेकर न बोल रहे हों, लेकिन बीजेपी के अपने नेता ही लगातार ऑक्सीजन को लेकर सवाल उठाते रहे हैं.

अभी हाल ही में बीजेपी के राज्यसभा सांसद विजयपाल सिंह तोमर ने स्वास्थ्य मंत्री को एक पत्र लिखा है. इस लेटर में उन्होंने मेडिकल कॉलेज पर कई जिलों के भार और ऑक्सीजन की कमी के बारे में लिखा है. साथ ही ऑक्सीजन प्लांट लगवाने की बात रखी है.

8 मई को केंद्रीय मंत्री संतोष गंगवार ने अपने संसदीय क्षेत्र बरेली में कई चीजों की कमी को लेकर शिकायत की, जिसमें ऑक्सीजन की कमी का भी जिक्र था. इससे पहले 7 मई को बीजेपी विधायक लोकेंद्र प्रताप सिंह ने सीएम योगी आदित्यनाथ को लेटर लिखा कि उनके विधानसभा क्षेत्र में ऑक्सीजन की कमी के कारण कई लोगों की जान चली गई है.

2 मई को रूधौली के बीजेपी विधायक संजय प्रताप जायसवाल ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नाम खत लिखा. इस लेटर में उन्होंने लिखा है कि

जिले में रेमेडिसिवर इंजेक्शन, ऑक्सीजन, वैक्सीन, बेड की कमी है. जिस वजह से लोगों को परेशान होना पड़ रहा है और लोगों का भरोसा केंद्र, राज्य सरकारों के प्रति घट रहा है.
  • मेरठ के सभी सरकारी और गैर-सरकारी अस्पताल ऑक्सीजन की अपर्याप्त आपूर्ति के संकट से जूझ रहे हैं- राजेंद्र अग्रवाल, सांसद, मेरठ-हापुड़
  • मेरठ के सरकारी/निजी अस्पताल में बेड, ऑक्सीजन और रेमिडिसीविर जैसी जीवनरक्षक दवाओ की भारी कमी- सुनील भराला, राज्यमंत्री, श्रम कल्याण परिषद
  • केजीएमयू, बलरामपुर अस्पताल में व्यवस्था लचर, आम जनता इलाज के अभाव में मर रही है- कौशल किशोर, BJP सांसद, लखनऊ

ये तीनों बयान भी बीजेपी के ही नेता के ही हैं. बरेली के बीजेपी विधायक केसर सिंह तो केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री से मदद मांगते-मांगते गुजर गए. अब सवाल ये है कि बीजेपी सरकार का नीति आयोग और बीजेपी के मंत्री, सांसद, विधायकों में से कौन सच बोल रहा है?

और ये जो मंत्री, विधायक, सांसद कह रहे हैं,जमीन पर वो तस्वीरों में तब्दील होने पर कैसा दिखता है...ये आप नीचे के दो वीडियो में देखिए

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT