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उत्तराखंड के पहाड़ों मे हो रही भारी बारिश के कारण चमोली, रुद्रप्रयाग समेत नौ पर्वतीय जिले भी प्रभावित हुए है. राज्य में एक बार फिर मौसम विभाग की भविष्यवाणी सटीक हुई है. चमोली जिले में बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग और लिंक सड़कें जगह-जगह बाधित होने के चलते जन जीवन पटरी से उतर गया है. अलकनंदा, नंदाकिनी और पिंडर नदियां अपने रौद्र रूप में है और नदी का पानी बस्तियों में घुसने लगा है. हालांकि, प्रशासन ने नदी किनारे बसे लोगों को घर खाली करने के आदेश दे दिए हैं.
ऋषिकेश-बदरीनाथ राष्ट्रीय राजमार्ग जगह-जगह बाधित होने के कारण चमोली और रुद्रप्रयाग में दूध, सब्जी और रसोई गैस की किल्लत होने लगी है. प्रशासन राष्ट्रीय राजमार्ग को खुलवाने का प्रयास कर रहा है, लेकिन मुसलाधार बारिश के चलते मार्ग खोलने में परेशानी हो रही है. वहीं मौसम विभाग ने राज्य में अगले 72 घंटे मूसलाधार बारिश की संभावना जताई है.
रुद्रप्रयाग में श्रीनगर-रुद्रप्रयाग के बीच सम्राट होटल और नरकोटा के बीच एनएच 58 लगातार हो रही बारिश और ऊपर पहाड़ी से मलबा आने के कारण बंद चल रहा था, जिस कारण रुद्रप्रयाग जिले के अंदर से जाने वाले यातायात को डायवर्ट किया गया है, और लोगों से भी अपील की गई है कि बारिश के इस मौसम में कम से कम आवागमन करें.
19 जून को रुद्रप्रयाग के पुलिस अधीक्षक, आयुष अग्रवाल ने जिले के अंदर लागू की गई यातायात व्यवस्थाओं का जायजा लिया गया, जिसके बाद वो नरकोटा पहुंचे और बाधित राष्ट्रीय राजमार्ग का जायजा लिया गया.
इस स्थान सहित जिले के दूसरे स्थानों पर मार्ग बाधित होने की सूचना पुलिस कंट्रोल रूम के जरिये सीमावर्ती जनपदों को समय-समय पर दी जा रही है, और साथ ही रुद्रप्रयाग पुलिस के सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से भी जानकारी दी जा रही है. पुलिस ने लोगों से अपील की है कि अलगनंदा और मंदाकिवनी नदियों का जलस्तर बढ़ा हुआ है, इसलिए लोग नदी किनारे जाने से बचें और अनावश्यक आवागमन न करें.
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