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"मैं आज परीक्षा देकर आया हूं. सही से परीक्षा नहीं दे पाया. मेरी सारी कॉपी-किताब हॉस्टल में है. हम सड़क पर रह रहें हैं, लेकिन हमारा सुनने वाला कोई नहीं है." ये कहना है इलाहाबाद सेंट्र्ल यूनिवर्सिटी के मुस्लिम हॉस्टल में रहने वाले छात्र अमन का. दरअसल, उमेश पाल हत्याकांड के बाद इलाहाबाद यूनिवर्सिटी के मुस्लिम हॉस्टल को सील कर दिया गया था. पुलिस का आरोप था कि मुस्लिम हॉस्टल में उमेश पाल हत्याकांड की साजिश रची गई थी.
मुस्लिम हॉस्टल के वार्डेन डॉ. इरफान खान डीएम कार्यलय के अंदर गए, 20 मिनट बाद जब बाहर आए तो डॉ. इरफान मीडिया से सीधी-सीधी बात ना करके पहले "नो कमेंट" कहा फिर बोले कि "हम प्रयास कर रहे हैं, जल्द हॉस्टल का ताला खुल जाएगा."
उधर, परेशान छात्र कह रहे हैं कि हमारी इलाहाबाद विश्वविधालय की परीक्षा शुरू हो गई है. हमारी किताब-कॉपी सभी कुछ हॉस्टल के रूम में बंद है. हमारी ना केवल पढ़ाई बाधित हो रही है, बल्कि हम सड़क पर रात गुजार रहे हैं. ऐसे में हमारी परीक्षा बाधित हो रही है और हम फेल हो जाएंगे.
एक अन्य छात्र ने अपनी परेशानी साझा करते हुए कहा कि मैं आज परीक्षा देकर आया हूं. सही से परीक्षा नहीं दे पाया हूं. मेरी सारी कॉपी-किताब हॉस्टल में है. पिछले 4 दिन से हम सड़क पर रह रहें हैं, लेकिन हमारा सुनने वाला कोई नहीं है. हमारी मांग है कि जो भी लीगल छात्र हैं, उनके लिए तत्काल प्रभाव से हॉस्टल खुलवाया जाए.
दरअसल, 24 फरवरी को उमेश पाल हत्याकांड के बाद मुस्लिम हॉस्टल में सर्च ऑपरेशन चलाया गया. इसके बाद पुलिस ने मुस्लिम हॉस्टल को सील कर दिया. पुलिस का आरोप था कि मुस्लिम हॉस्टल में उमेश पाल हत्याकांड की साजिश रची गई थी. 28 फरवरी को इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के मुस्लिम हॉस्टल से आरोपी सदाकत खान को STF ने षड्यंत्र रचने के आरोप में गिरफ्तार किया था. पुलिस का कहना था कि मुस्लिम हॉस्टल में कई छात्र अवैध रूप से रह रहे थे.
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