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उन्नाव (Unnao) के चर्चित माखी (उन्नाव का एक गांव) कांड केस में एक बड़ी खबर सामने आई है. स्कूल की फर्जी टीसी दिखाकर रेप के समय खुद को नाबालिग साबित करने के आरोप में उन्नाव कोर्ट में लगातार सुनवाई चल रही थी. कुलदीप सेंगर के वकील ने मुकदमे में फर्जी दस्तावेज तैयार कर फसाने का आरोप लगाया था. इसी सिलसिले में कोर्ट ने पहले रेप सर्वाइवर के खिलाफ जमानती वारंट जारी किया था, लेकिन 3 जुलाई को कोर्ट में हाजिर न होने पर गैर जमानती वारंट जारी कर दिया.
माखी कांड में दिल्ली पुलिस ने रेप सर्वाइवर के चाचा को कोर्ट में पेश किया था. अलग-अलग मुकदमों की सुनवाई के दौरान फर्जी टीसी के मामलें में अपर मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट 3 की कोर्ट में सह-अभियुक्त रेप सर्वाइवर हाजिर नहीं हुई.
चर्चित माखी कांड में साल 2017 में कुलदीप सिंह सेंगर पर अपहरण और रेप का आरोप लगा था. जिस वक्त ये घटना हुई थी उस वक्त महिला नाबालिग थी. उम्र का सबूत देने के लिए महिला ने स्कूल की टीसी कोर्ट में दिखाया था. इसी TC के जरिए उसने साबित किया कि रेप के समय उसकी उम्र 18 साल से कम थी, लेकिन आरोपी पक्ष के वकील ने टीसी को फर्जी तरह से तैयार करने का कोर्ट में दावा किया था.
माखी कांड में उस समय के बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर मुख्य आरोपी थे. महिला के अनुसार वो सेंगर के घर नौकरी के लिए बात करने गई थी, लेकिन सेंगर ने उसके साथ रेप किया. इसके बाद महिला ने विधायक कुलदीप सेंगर के खिलाफ मामला दर्ज कराया था. फिलहाल इसी मामले में सेंगर आजीवन कारावास की सजा काट रहा है.
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