दिल्ली की राउज एवेन्यू कोर्ट ने उन्नाव रेप पीड़िता के 2019 में रायबरेली रोड एक्सीडेंट मामले में बीजेपी से निष्कासित पूर्व विधायक कुलदीप सिंह सेंगर (Kuldeep Singh Sengar) को बरी कर दिया है. 2017 में नाबालिग से रेप के एक अलग मामले में सेंगर को 2019 में उम्रकैद की सजा सुनाई गई थी.
जुलाई 2019 में, उन्नाव रेप पीड़िता अपने परिवार के कुछ सदस्यों और अपने वकील के साथ जिस कार में यात्रा कर रही थी, उसे एक ट्रक ने टक्कर मार दी थी. इस हादसे में उसकी दो चाची की मृत्यु हो गई.
इसके बाद निष्कासित बीजेपी विधायक के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया था, जिसे नाबालिग सर्वाइवर के साथ बलात्कार के लिए आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई थी. परिवार ने दुर्घटना के पीछे "साजिश" का आरोप लगाने के बाद शिकायत दर्ज की थी. इसमें नौ अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया था.
सीबीआई ने एक्सीडेंट के पीछे साजिश से किया था इनकार
दिल्ली की अदालत ने केंद्रीय जांच ब्यूरो (CBI) द्वारा की गई जांच को सही माना है, जिसने 2019 में उन्नाव बलात्कार पीड़िता की दुर्घटना में किसी भी तरह की गड़बड़ी से इनकार किया था.
विशेष रूप से जांच एजेंसी ने निष्कर्ष निकाला था कि कुलदीप सेंगर, और ट्रक चालक या क्लीनर या ट्रक के मालिक सहित FIR में नामित लोगों के बीच आपराधिक साजिश के बारे में कोई सबूत नहीं था.
गौरतलब है कि 4 मार्च 2020 को सेंगर, उनके भाई और पांच अन्य लोगों को भी बलात्कार पीड़िता के पिता की न्यायिक हिरासत में मौत के लिए दोषी ठहराया गया और उन्हें 10 साल कैद की सजा सुनाई गई थी.
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