Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019UP: IPS ऑफिसर का घूस लेते वीडियो वायरल होने के बाद भी अब तक एक्शन क्यों नहीं?

UP: IPS ऑफिसर का घूस लेते वीडियो वायरल होने के बाद भी अब तक एक्शन क्यों नहीं?

वीडियो कॉल पर 2018 बैच के आईपीएस अधिकारी अनिरुद्ध कुमार अपनी वर्दी में ₹20 लाख रुपए घूस मांगते हुए सुने जा सकते हैं

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उत्तर प्रदेश (Uttar Pradesh) के एक स्कूल में रेप के मामले में घूस लेने के आरोपी IPS अनिरुद्ध कुमार से जुड़ा एक पुराना वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल है. इस मामले में अनिरुद्ध कुमार को पहले ही क्लीन चिट मिल चुकी है, लेकिन अब वीडियो सामने आने के बाद कई तरह के सवाल खड़े हो रहे हैं.

इस वीडियो में वीडियो कॉल पर 2018 बैच के आईपीएस अधिकारी अनिरुद्ध कुमार अपनी वर्दी में ₹20 लाख रुपए घूस मांगते हुए सुने जा सकते हैं. वे इस समय मेरठ में पुलिस अधीक्षक देहात के पद पर तैनात हैं.

वीडियो में फोन पकड़े शख्स के बारे में बताया जा रहा है कि वह बनारस के एक प्रतिष्ठित स्कूल का मालिक है. दोनों के बीच हुई बातचीत का अंश कुछ ऐसा है.

अनिरूद्ध - इतना लेट करके मत करिये. ठीक है, आप आज कितना भेज रहे है?

कुर्सी पर बैठा व्यक्ति- ऐसा है कि आज हम टेन या ट्वेंटी भेजेंगे.

अनिरूद्ध- अरे (ऊपर को मुंह करके हंसता है)

कुर्सी पर बैठा व्यक्ति- भैया निकालते हुए सस्पिशन नहीं होगा लोगों को. दस लाख रूपया जब एकाउंट से निकलता है तो दिक्कत होती है.

अनिरूद्ध - मिनिमम..मिनिमम...मिनिमम 20 भेजो. शाम को भेजिये, बाकी मैं तरीका बताता हूं.

वीडियो वायरल होने के बाद बढ़ी अनिरुद्ध कुमार की मुश्किलें

36 सेकंड का यह वीडियो यहीं समाप्त हो जाता है, लेकिन उत्तर प्रदेश पुलिस और अनिरुद्ध कुमार की मुश्किलें यहीं से शुरू हुई. वीडियो के सोशल मीडिया पर आने के बाद कई तरह के आंकलन शुरू हो गए. विपक्ष भी सक्रिय हो गया है और योगी सरकार पर निशाना साध रहा है.

इसी बीच मेरठ पुलिस का एक बयान आया है कि वायरल वीडियो पुराना है और इसकी जांच पूर्ण हो चुकी है. अपरोक्ष रूप से कहने का मतलब यह था कि उत्तर प्रदेश पुलिस को इस वीडियो के बारे में पहले से जानकारी थी और विभागीय जांच में संबंधित अधिकारी को क्लीन चिट मिल चुकी है.

मीडिया में वायरल होने के बाद पुलिस मुख्यालय ने वाराणसी पुलिस कमिश्नर से 3 दिन के अंदर रिपोर्ट मांगी है. इस आदेश को आए एक हफ्ते से ज्यादा का वक्त बीत गया है, लेकिन न तो कमिश्नर की रिपोर्ट का पता चला और न ही आला अधिकारी इस मामले पर कोई टिप्पणी कर रहे हैं.

घूस लेते वीडियो के वायरल होने के बाद अनिरुद्ध कुमार ने अपने बयान में यह भी कहा कि यह ट्रैप का वीडियो है जिसकी जांच हो चुकी है.

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क्या था पुराना मामला?

नवंबर 2021 में बनारस के एक प्रतिष्ठित स्कूल की एक शाखा में एक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म का मामला सामने आया था. घटना को लेकर स्कूल के बाकी अभिभावकों में भी काफी आक्रोश था, जिसको लेकर अभिभावकों ने स्कूल के सामने प्रदर्शन भी किया था. अभिभावकों की तरफ से स्कूल में पढ़ने वाले बच्चों की सुरक्षा के मद्देनजर एक सात सूत्रीय मांग भी स्कूल प्रबंधन को सौंपी गई थी.

पुलिस ने इस मामले में मुख्य आरोपी स्वीपर अजय कुमार को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. बाद में पुलिस ने स्कूल के कर्मचारी दिलीप कुमार को भी गिरफ्तार किया था. जांच की आंच स्कूल के मालिकों तक भी पहुंची थी और उन्हें भी पूछताछ के लिए बुलाया गया था. घूस लेने के आरोपी IPS अनिरुद्ध कुमार उस समय बनारस में ही तैनात थे.

वरिष्ठ अधिकारियों की शह पर मिली क्लीनचट?

सूत्रों की मानें तो दिसंबर 2021 में ही इस वीडियो की जानकारी उत्तर प्रदेश पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों को लग गई थी. बनारस में तैनात IPS अनिरुद्ध कुमार तबादला कर इंटेलिजेंस भेज दिया गया था. बाद में विभागीय जांच में क्लीन चिट मिल गई और फिर इनका तबादला फतेहपुर और अब वह मेरठ में तैनात हैं.

इस वीडियो से संबंधित सारी सच्चाई अभी तक सामने नहीं आई है, इसके पीछे पुलिस महकमे में आंतरिक कलह को वजह बताया जा रहा है. यूपी पुलिस के एक आला अधिकारी का तबादला इसलिए कर दिया गया क्योंकि उनके वरिष्ठ अधिकारियों को लगता है कि यह वीडियो उन्होंने मीडिया में लीक किया है. बताते चलते हैं कि यह अधिकारी भी उस समय बनारस में तैनात थे.

कई सवालों के जवाब बाकी

इस मामले में अब कई तरह के सवाल उठ रहे हैं.

  • आईपीएस अनिरुद्ध कुमार को किस आधार पर क्लीन चिट मिल गई?

  • क्या इस वीडियो की फॉरेंसिक जांच हुई?

  • अगर IPS अनिरुद्ध कुमार इस वीडियो से घूस देने वाले शख्स को ट्रैप कर रहे थे तो फिर वरिष्ठ अधिकारियों को इसकी जानकारी क्यों नहीं थी?

  • घूस का वीडियो अगर पुलिस की तरफ से किया गया ट्रैप था तो फिर अब जांच किस बात की?

  • अगर ट्रैप था तो घूस देने वाले व्यक्ति के खिलाफ क्या कार्रवाई हुई?

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