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"सरकार CBI जांच कराए, उसके बाद परीक्षा", उत्तराखंड पटवारी अभ्यर्थियों की मांग

UKPSC Patwari Lekhpal Exam Date: 2022: उत्तराखंड पटवारी परीक्षा- 8 जनवरी को पेपर लीक, 12 फरवरी को दोबारा एग्जाम.

उपेंद्र कुमार
न्यूज
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<div class="paragraphs"><p>"सरकार CBI जांच कराए, उसके बाद परीक्षा", उत्तराखंड पटवारी अभ्यर्थियों की मांग</p></div>
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"सरकार CBI जांच कराए, उसके बाद परीक्षा", उत्तराखंड पटवारी अभ्यर्थियों की मांग

(फोटोः क्विंट हिंदी)

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उत्तराखंड पटवारी और लेखपाल भर्ती परीक्षा- 2022 का आयोजन 8 जनवरी 2023 को किया गया था. करीब 7 साल बाद आयोजित हुई इस परीक्षा में बैठने के लिए सालों से तैयारी कर रहे अभ्यर्थी बड़े उत्साह से शामिल हुए थे. परीक्षा देकर लौटे अभ्यर्थी अपने-अपने सही प्रश्नों और अंकों का आकलन करने में जुट गए थे. लेकिन, परीक्षा के दो दिन बाद पता चला कि परीक्षा का पेपर लीक हो गया है. लिहाजा, परीक्षा रद्द कर दी गई.

8 जनवरी 2023 को पटवारी और लेखपाल की परीक्षा देकर लौटे अंजू कोठियाल को जब दो दिन बाद पता चला कि परीक्षा रद्द हो गई है. तो वो बहुत निराश हुए. कोठियाल ने रूंधते गले से द क्विंट से बातचीत में बताया कि...

"मेरे सपने टूट चुके हैं. हम गरीब परिवार से आते हैं. हमारे पास घूस देने के पैसे नहीं हैं. इस दलदल में होनहार अभ्यर्थी डूब रहा है."
अंजू कोठियाल, अभ्यर्थी

हालांकि, अब उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने परीक्षा की नई तारीख का ऐलान कर दिया है. अब परीक्षा की नई तारीख 12 फरवरी को रखी गई है. वहीं, 12 फरवरी को प्रस्तावित सहायक लेखाकार परीक्षा अब 19 फरवरी को आयोजित कराई जाएगी.

आयोग के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार ने कहा कि पटवारी लेखपाल भर्ती 12 फरवरी को कराने के साथ केवल सहायक लेखाकार परीक्षा को आगे बढ़ाया गया है. बाकी भर्तियों का एग्जाम परीक्षा कैलेंडर के हिसाब से ही होगा.

उत्तराखंड पटवारी और लेखपाल परीक्षा की उम्मीदवार सलोनी बिष्ट बताती हैं कि...

"मुझे ओवरऐज होने के लिए केवल दो महीने शेष बचे हैं. मैं मध्यमवर्गीय परिवार से आती हूं. मेरे पिता टेलर हैं. मै इकलौती हूं. मेरे माता-पिता मेरी सरकारी नौकरी के लिए बहुत मेहनत करते हैं. मैं हाईस्कूल और इंटरमीडिएट की टॉपर भी हूं. पटवारी पेपर में मेरे 82 नंबर हो रहे थे, लेकिन पेपरलीक हो गया. अब मै हताश हो गई हूं."
सलोनी बिष्ट, अभ्यर्थी

दरअसल, करीब 7 साल से यहां के युवा पटवारी, लेखपाल बनने का इंतजार कर रहे हैं. प्रदेश में आखिरी पटवारी भर्ती के लिए 2015 में प्रक्रिया शुरू हुई थी. जिलेवार 2016 में भर्ती के विज्ञापन जारी हुए थे, जिससे करीब 464 पद भरे गए थे. भर्ती में शामिल युवाओं को 2018 में ज्वाइनिंग मिल गई थी. इसके बाद से प्रदेश में पटवारी-लेखपाल की नई भर्ती नहीं हुई है.

मैं दुकान पर नौकरी करता हूं. रात 10 बजे से 4 बजे तक ऑनलाइन पढ़ता हूं. मेरा सेंटर मेरे गांव जोशियाणा उत्तरकाशी से 200 किलोमीटर दूर नौगांव गया था. मेरे पेपर में 71 प्रश्न सही थे. मै बहुत खुश था. लेकिन, दो दिन बाद मालूम हुआ कि पेपर लीक हो गया. बहुत निराशा हाथ लगी कि कैसे हमारी जिंदगी को सरकार बर्बाद कर रही है. ये परीक्षा करीब 7 साल बाद आई थी. हम लोगों में खुशी थी, लेकिन ये खुशी मातम में बदल गई. हालांकि, दोबारा परीक्षा की तारीख की घोषणा हो गई है. इस बार मेरा सेंटर डामटा में है, जो बहुत ही दुर्गम इलाके में है.
आशीष बेलवाल, अभ्यर्थी
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प्रदेश में पटवारी और लेखपाल के कुल 513 पदों के लिए उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग ने 17 जून 2021 को विज्ञापन जारी किया था. इसकी शारीरिक दक्षता परीक्षा नवंबर 2021 में प्रस्तावित थी, जो कि कोरोना की वजह से नहीं हो पाई थी. फिर पेपर लीक होने के बाद सरकार ने इस भर्ती की जिम्मेदारी सितंबर 2022 को उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को सौंप दी थी.

राज्य लोक सेवा आयोग ने पटवारी लेखपाल भर्ती का दोबारा विज्ञापन 14 अक्तूबर 2022 को जारी किया था. अबकी यह भर्ती 554 पदों के लिए निकाली गई थी. लेकिन, 8 जनवरी 2023 को आयोजित परीक्षा का पेपर लीक हो गया.

उत्तराखंड बेरोजगार संघ ने दोबारा परीक्षा कराने पर सवाल उठाए हैं. बेरोजगार संघ ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक पर एक पोल किया है, जिसमें पूछा गया है कि क्या 12 फरवरी को वर्तमान हालात में परीक्षा कराई जानी चाहिए. इस पोल में तीन सवाल पूछ गए हैं.

  1. हां, हमें कोई समस्या नहीं है

  2. पहले आयोग की जांच, नकलरोधी कानून और नकलचियों के नाम सार्वजनिक हों, उसके बाद ही परीक्षा हो

  3. हम दुविधा में हैं

इसमें सबसे ज्यादा दूसरा ऑप्शन (84%) लोगों ने पसंद किया है. उनका मानना है कि पहले आयोग की जांच, नकरोधी कानून और नकलचियों को नाम सार्वजिनक हों, उसके बाद ही परीक्षा कराई जानी चाहिए.

The Quint
सरकार अपने लोगों को बचा रही है. सरकार ने मछलियों को पकड़ लिया है, लेकिन मगरमच्छ अभी भी खुले में घुम रहे हैं. वो दोबारा यही काम करेंगे. बल्कि अब तो सतर्क होकर करेंगे. सरकार को पेपल लीक की जांच CBI से करानी चाहिए. जिससे असली गुनाहगारों का पता चल सके. इसके बाद एक कमेटी गठित की जानी चाहिए, जिसके नेतृत्व में परीक्षा आयोजित कराई जाए. इसके साथ ही नकलविरोधी कानून बनाना चाहिए, जिसमें परीक्षा लीक के दोषियों को कड़ी से कड़ी सजा दी जा सके. अगर ये नहीं होता है, तो ऐसे ही हमारी जिंदगियां बर्बाद होती रहेंगी.
रोहित, अभ्यर्थी

बता दें, 8 जनवरी 2023 की आयोजित परीक्षा के लिए 1,58,210 अभ्यर्थियों ने पंजीकृत किया था. जबकि, 1,14,071 अभ्यर्थियों ने परीक्षा दी थी. प्रदेश के 13 जिलों में परीक्षा आयोजित कराई गई थी, जिसके लिए 498 परीक्षा केंद्र बनाए गए थे. उत्तराखंड लोक सेवा आयोग ने 563 पदों पर वैकेंसी निकाली थी. जिसमें 391 रिक्तियां पटवारी के पद के लिए और 172 रिक्तियां राजस्व उप निरीक्षक लेखपाल के पद के लिए थीं.

इनपुटः मधुसूदन जोशी

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