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REET: 4 साल से भर्ती का इंतजार, 1.3 लाख पद खाली फिर भी नौकरी नहीं दे रही सरकार

REET को लेकर क्विंट ने अभ्यर्थियों और कर्मचारी चयन बोर्ड से बात की तो पूरी डर्टी पिक्चर पता लगी

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''राजस्थान सरकार ने अभी शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर निर्देश नहीं दिए हैं.'' -क्विंट से राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के चैयरमेन हरिप्रसाद शर्मा

इंतजार...इंतजार और इंतजार, सरकारी नौकरी मतलब नाक चने चबाना. पहले परीक्षा के लए इंतजार करो, हो जाये तो पेपर आउट ना होने की खबर का इंतजार करो. यहां से भी आगे बढ़ गए तो रिजल्ट का इंतजार करो और जब ये सब हो जाये तो सरकार के साथ कोर्ट की हरी झंडी का इंतजार. अब राजस्थान में चल रहे रीट विवाद को ही ले लीजिए अंतिम बार 2018 में शिक्षकों की भर्ती हुई थी. तब से लेकर अब तक राजस्थान (Rajasthan) में लाखों युवा शिक्षक भर्ती का इंतजार कर रह हैं. जिसके लिए राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (REET) का पेपर होना था, जो हुआ भी लेकिन सेकेंड लेवल का पेपर आउट हो गया.

अब राजस्थान सरकार ने फिर से कह दिया है कि फरवरी में पेपर कराएंगे लेकिन तारीख अभी भी फाइनल नहीं है.

जिसको लेकर प्रदेश के करीब 9 लाख युवा जद्दोजहद कर रहे हैं. लेकिन मामला इतना भर नहीं है, लेवल वन और लेवल टू में पदों की संख्या से लेकर आरक्षण तक की अड़चन इस भर्ती में है. जिसकी बात हम नीचे करेंगे, हम ये भी बताएंगे कि विभाग और अभ्यर्थी इसको लेकर क्या कह रहे हैं लेकिन पहले आसान भाषा में समझिए कि मामला क्या है?
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REET क्या है?

राजस्थान में शिक्षकों की भर्ती से पहले उन्हें एक टेस्ट पास करना होता है, जिसे राजस्थान शिक्षक पात्रता परीक्षा (REET) कहा जाता है.

जो लोग राजस्थान में नहीं रहते या वहां के भर्ती सिस्टम से अवगत नहीं हैं उनके मन में सवाल उठ रहा होगा कि ये लेवल-1 और लेवल-2 क्या बला है. तो आपको बता दें कि राजस्थान में लेवल वन में पहली क्लास से पांचवी तक पढ़ाने वाले शिक्षक आते हैं और लेवल टू में क्लास 6 से आठवीं तक पढ़ाने वाले शिक्षक आते हैं. जिनकी योग्यता अलग-अलग होती है इसीलिए दोनों अपने-अपने पद बढ़ाने की मांग कर रहे हैं.  

राजस्थान में शिक्षकों के कितने पद खाली?

शिक्षा विभाग के मुताबिक, प्रदेश के 64781 सरकारी स्कूलों में दो सत्र की डीपीसी बकाया होने से 30 प्रतिशत शिक्षकों के पद खाली हैं. शिक्षा विभाग में कुल 4 लाख 97 हजार 515 शिक्षकों के स्वीकृत पदों में से 1 लाख 32 हजार 252 पद खाली हैं. 4 लाख 85 हजार 013 वित्तीय स्वीकृति के सृजित पदों में से भी 119750 पद खाली हैं. वर्तमान सत्र में 3334 सैंकडरी स्कूलों को उच्च माध्यमिक स्कूलों में क्रमोन्नत किया गया. 500 सैकंडरी स्कूलों को पिछले सत्र में क्रमोन्नत किया गया था. 100 स्कूलों में अतिरिक्त संकाय खोले गए. इनमें 11302 लेक्चरर के पद तो सृजित कर दिए गए, लेकिन इन पदों की वित्तिय स्वीकृति जारी नहीं की गई.

REET में अभी क्या चल रहा है?

देखिए राजस्थान में शिक्षकों की भर्ती से पहले उन्हें एक टेस्ट पास करना होता है, जिसे राजस्थान रीट के लेवल टू का पेपर लीक हुआ था. जिसके बाद मुख्य परीक्षा को कैंसिल कर दिया गया था. जब तक मुख्य परीक्षा नहीं होगी तब तक नौकरी नहीं मिलेगी. लिहाजा अब राजस्थान सरकार ने ये तय कर दिया है कि 46500 शिक्षकों की भर्ती होगी. इसे प्रशासनिक स्वीकृति भी मिल गई है.  इसको लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बताया है कि इस भर्ती में लेवल-1 में 21,000 पदों पर और लेवल-2 में 25,500 पदों पर भर्ती की जायेगी. विशेष शिक्षा अध्यापकों के 4,500 पद भी इन पदों में ही शामिल होंगे.

यहां तक बात क्लियर है कि भर्ती होगी. लेकिन सवाल है कि इसके लिए मुख्य परीक्षा कब होगी? सरकार ने कहा है कि अगले साल फरवरी में मुख्य परीक्षा का आयोजन किया जायेगा लेकिन तारीख अभी तक फाइनल नहीं हुई है. जिसको लेकर अभ्यर्थी नाराज हैं.

इसी मांग को लेकर 9 दिसंबर को अभ्यर्थियों ने कर्मचारी चयन आयोग का घेराव किया. जिसके बाद शनिवार यानी 9 नवंबर को युवाओं की शिक्षा विभाग के अधिकारियों के साथ बातचीत हुई, लेकिन परीक्षा की तारीख अभी भी फाइनल नहीं हुई है.  

अभ्यर्थी क्या बोले?

जयपुर में पिछले आठ साल से पढाई कर रहे अभ्यर्थी देवकरण डोगीवाल ने क्विंट हिंदी से बातचीत में बताया कि मैंने पिछली सरकार के समय आयोजित की गई रीट 2018 की परीक्षा दी थी लेकिन तैयारी सही नहीं होने पर सेलेक्शन नहीं हुआ. कांग्रेस ने सरकार में आने से पहले 50 हजार शिक्षकों की भर्ती निकालने की घोषणा की तो रीट की तैयारी जारी रखी. दो साल इंतजार के बाद 2021 में 31 हजार पदों पर भर्ती आई. लेकिन नियमों में बदलाव किया तो लेवल-2 के लिए ही परीक्षा में बैठ पाया. इस बार अच्छी तैयारी थी. आंसर शीट के अनुसार नंबर भी अच्छे थे. लेकिन पेपर लीक होने के कारण भर्ती रद्द कर दी गई.

अगर ये भर्ती रद्द नहीं होती तो आज सरकारी नौकरी में होता. इस बार भी रीट की परीक्षा दी है. तृतीय शिक्षक भर्ती परीक्षा की तैयारी कर रहा हूं. लेकिन जब से परीक्षा आगे बढ़ने की बात सुनी है हिम्मत टूट रही है. आखिर एक भर्ती क्लियर होने में पांच साल लग रहे हैं. ऐसा हमारे साथ क्यों हो रहा है? समझ नहीं आ रहा अब क्या करें?

एक और अभ्यर्थी फूलचंद यादव ने क्विंट हिंदी से बातचीत में कहा कि, मैं पांच साल से REET की तैयारी कर रहा हूं 2018 से पहले सेंटर परीक्षाओं की तैयारी की, नेट परीक्षा पास की. लेकिन नौकरी जल्द से जल्द मिले इसी उम्मीद के साथ 2018 की रीट की तैयारी में लग गया.

मेरे नंबर भी अच्छे आए लेकिन वेटिंग सूचि में रह गया. फिर भी हार नहीं मानी और अगली भर्ती की तैयारी में लग गया, लेकिन वो रद्द हो गई. जिसके बाद सरकार ने जल्द भर्ती परीक्षा कराने की घोषणा की लेकिन अभी भी आगे बढ़ाने की बात कह रहे हैं. पता नहीं कब भर्ती पूरी होगी. रीट के चककर में अन्य परीक्षाओं की तैयारी भी नहीं कर पा रहा हूं. अब सरकार से गुजारिश है कि ये परीक्षा तो समय पर करा दें.
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अभ्यर्थी परेशान हैं, क्योंकि उन्हें पता नहीं है कि भविष्य किस ओर जा रहा है. वो बस ये चाहते हैं कि जल्द से जल्द भर्ती हो ताकि जो भी रिजल्ट आये वो उस हिसाब से अपना फ्यूचर प्लान करें. लेकिन भर्तियों का क्या है साहेब, आजकल पूरी होती ही नहीं हैं.

अभ्यर्थियों का यही सवाल लेकर हम राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड के चैयरमेन हरिप्रसाद शर्मा के पास पहुंचे. उन्होंने बताया कि,

अभी सरकार की तरफ से शिक्षक भर्ती परीक्षा को लेकर किसी तरह के निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं. इसीलिए परीक्षा की तारीख को लेकर कुछ भी नहीं कहा जा सकता है.

यही (कुछ नहीं कहा जा सकता है) बात अभ्यर्थियों को परेशान कर रही है. इसको लेकर राजस्थान बेरोजगार एकीकृत महासंघ के उपेन यादव ने कहा कि, अध्यापक भर्ती परीक्षा की तिथि को लेकर युवा बेरोजगारों में असमंजस की स्थिति है और आक्रोश है. जल्द से जल्द परीक्षा तिथि की स्थिति स्पष्ट की जाए और लेवल टू के पदों की संख्या बढ़ाई जाए.

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