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पिछले दिनों उत्तर प्रदेश के नोएडा में कथित बीजेपी नेता श्रीकांत त्यागी द्वारा ग्रैंड ओमेक्स सोसाइटी में अवैध कब्जे की खबर सुर्खियों में आई थी, ठीक उसी तरह की एक और खबर अब पीएम के संसदीय क्षेत्र वाराणसी (Varanasi) में सामने आई है. यहां भी अवैध कब्जे को लेकर एक बीजेपी नेता का नाम सामने आया है. नोएडा की तरह ही वाराणसी में भी बीजेपी नेता के खिलाफ महिलाओं ने मोर्चा खोल दिया, जिसके बाद BJP जिला उपाध्यक्ष द्वारा अवैध निर्माण गुरुवार को ध्वस्त करा दिया गया.
चंदौली से सांसद और केंद्रीय मंत्री महेंद्र नाथ पांडेय के करीबी और BJP के जिला उपाध्यक्ष सत्य प्रकाश उर्फ अखंड प्रताप सिंह सिकरौल वार्ड स्थित सेंट्रल जेल रोड पर वरुणा इंक्लेव सोसाइटी में रहते हैं. आरोप है कि सोसाइटी में अखंड प्रताप सिंह ने अवैध तरीके से जबरन अपना ऑफिस बना लिया था. अखंड के अवैध निर्माण के खिलाफ सोसाइटी की डॉक्टर अमृता कात्यायनी, रश्मि सिंह, कल्पना वर्मा, डाली सिंह, शशिकला सिंह और पूर्णिमा सिंह ने पहले तो विरोध करना शुरू किया, लेकिन सत्ता की हनक के आगे इनकी आवाज दब गई. हालांकि नोएडा की घटना के बाद महिलाओं ने पुरजोर विरोध किया. अब गुरुवार को निर्माण पर बुलडोजर की कार्रवाई की गई है.
वाराणसी के वरुणा इनक्लेव की शिकायत करने वाली महिलाओं के अनुसार सड़क चौड़ीकरण के कारण सोसाइटी की बाउंड्री वॉल पीछे करनी पड़ी थी. सोसाइटी के एक फ्लैट के मालिक अखंड प्रताप सिंह ने उस जगह पर अवैध कब्जा करके अपना निजी ऑफिस बना लिया.
सोसाइटी में जहां अवैध कब्जा हुआ वहां पहले गेट और गार्ड रूम था
स्थानीय BJP पार्षद दिनेश यादव ने बताया कि सोसाइटी में रहने वाले अखंड प्रताप सिंह द्वारा अवैध कब्जे की सूचना पहले मिली थी. सोसाइटी के जिस हिस्से में अवैध कब्जा हुआ है वहां पहले गेट और गार्ड रूम हुआ करता था. उन्होंने कहा, "अखंड प्रताप सिंह वाराणसी के BJP के जिला उपाध्यक्ष हैं. वह खुद को केंद्रीय मंत्री डॉक्टर महेंद्र नाथ पांडेय का प्रतिनिधि भी बताते हैं. उनका अवैध कब्जा साफ दिखाई दे रहा था, लेकिन न जाने क्यों इतने दिन से कार्रवाई नहीं हो रही थी."
वाराणसी विकास प्राधिकरण के जोनल अधिकारी परमानंद यादव ने बताया, "वरुणा इनक्लेव में किए गए अवैध निर्माण के विरुद्ध कार्रवाई की गई. सत्य प्रकाश सिंह उर्फ अखंड प्रताप सिंह ने अवैध कब्जा किया हुआ था. मई के आखिरी में इसकी सूचना मिली थी और हमने अवैध निर्माण संबंधी काम भी रुकवाया था. मगर, उन्होंने चोरी से अवैध निर्माण करा लिया." प्राधिकरण की उपाध्यक्ष के निर्देश पर अवैध निर्माण को ध्वस्त कर दिया गया है. बीजेपी नेता का अवैध निर्माण ध्वस्त कराने के दौरान सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर भारी संख्या में पुलिस तैनात रही.
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