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इन दिनों सोशल मीडिया पर एक इमेज तेजी से सर्कुलेट हो रही है, जिसमें लोगों को हिदायत दी जा रही कि उन 500 रुपये के नोटों को स्वीकार न करें, जिस पर महात्मा गांधी की तस्वीर के नजदीक सुरक्षा धागा (हरी पट्टी) है. इसके बजाय, इसमें यह दावा भी किया गया है कि लोगों को वो 500 रुपये के नोट स्वीकार करने चाहिए, जिनमें आरबीआई गवर्नर के दस्तखत के पास सुरक्षा धागा मौजूद हो.
कई सोशल मीडिया यूजर्स ने फेसबुक और ट्विटर पर इन्हीं दावों के साथ इस तस्वीर को शेयर किया है.
इसी इमेज को साल 2017 में भी सोशल मीडिया पर फैलाया गया था.
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के एक सूत्र ने द क्विंट को बताया कि पोस्ट में किया गया दावा झूठा है. इसके अलावा, 500 रुपये के नोटों की खासियत वाले RBI की लिस्ट में नोट पर छपे गांधीजी की तस्वीर से सुरक्षा धागे की दूरी के बारे में किसी भी तरह का जिक्र नहीं किया गया है.
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RBI के एक सूत्र ने द क्विंट को इस बात की पुष्टि की, कि पोस्ट में किया गया दावा झूठा है. हालांकि, उन्होंने इस बात का जवाब देने से परहेज किया कि क्या सिक्योरिटी थ्रेड यानी सुरक्षा धागा का प्लेसमेंट कोई मुद्दा है या नहीं.
फिर हमने नकली करेंसी की पहचान करने के तरीके की पड़ताल की. RBI ने अपनी वेबसाइट पर 500 रुपये के नोटों की विशेषताओं की लिस्ट दी है.वेबसाइट में ये भी बताया गया है कि कोई कैसे यह पता लगा सकता है कि नोट नकली है या नहीं.
इस लिस्ट में देवनागरी में अंकित मूल्य, महात्मा गांधी का चित्र, आरबीआई गवर्नर के हस्ताक्षर के साथ प्रॉमिस क्लॉज, जैसे कई विशेषताओं के बारे में बताया गया है.
आरबीआई के मुताबिक, सुरक्षा धागा के बारे में बताय गया है कि अगर नोट को झुकाया जाए तो थ्रेड हरे रंग से नीले रंग में बदल जाएगा. हालांकि, इसमें नोट पर छपे गांधीजी की तस्वीर से सुरक्षा धागे की दूरी के बारे में कुछ भी उल्लेख नहीं किया गया है.
अपनी पड़ताल में हमें 2 जुलाई 2018 की तारीख वाला एक आरबीआई सर्कुलर भी मिला. ये सर्कुलर जाली नोटों का पता लगाने और जब्त करने से संबंधित है. इसमें जिक्र किया गया है कि बैंकों के साथ-साथ भारतीय रिजर्व बैंक के ऑफिस, कोषागार और उप-कोषागार जाली नोटों को जब्त कर सकते हैं. इसमें कहा गया है कि वे सभी करेंसी नोट जो बैंक काउंटर से या ’करेंसी चेस्ट’ से हासिल होते हैं, उन्हें मशीनों के जरिए जांचना चाहिए.
सर्कुलर में आगे कहा गया है कि नकली नोट पकड़ में आने के बाद उनपर 'जाली नोट’ नाम से एक मोहर लगा दी जाएगी, और फिर उन्हें जब्त किया जाएगा. इस सर्कुलर में उन विभिन्न स्थितियों का भी जिक्र किया गया है, जिनमें जाली नोट से संबंधित मामले पुलिस को सूचित किए जाने चाहिए.
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