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आमिर खान को लेकर पिछले दिनों कई तरह के सोशल मीडिया पोस्ट हुए थे. जब तुर्की की प्रथम महिला के साथ उनकी कुछ फोटोज और वीडियो वायरल हुआ था. फेसबुक से लेकर ट्विटर तक तमाम जगह आमिर को लेकर कई फेक पोस्ट हुए और उन्हें जमकर ट्रोल किया गया. आमिर को लेकर ऐसा ही एक पोस्ट सामने आया है, जिसमें दावा किया जा रहा है कि आमिर जब हज पर गए थे तो उन्होंने आतंकी संगठन लश्कर-ए-तैयेबा के आतंकियों से मुलाकात की थी.
लेकिन दरअसल ये एक झूठा दावा है. आमिर खान की ये तस्वीर साल 2012 में ली गई थी और जिनके साथ वो खड़े हैं, उनमें से एक दिवंगत पाकिस्तानी सिंगर जुनैद जमशेद और दूसरे धार्मिक गुरु तारिक जमील हैं.
हमने पाया कि इस पोस्ट को ट्विटर पर काफी लोग शेयर कर रहे हैं. कई लोग आमिर खान की इस तस्वीर को सुशांत सिंह राजपूत से जोड़ते हुए भी नजर आए. लोगों ने कहा कि बॉलीवुड एक्टर ने आतंकियों से मुलाकात की और सुशांत की मौत पर ट्वीट तक नहीं किया. साथ ही ये भी कहा गया कि आमिर ने स्वतंत्रता दिवस की बधाई भी नहीं दी.
हमने ये भी देखा कि लोग इस फोटो को शेयर करते हुए दावा कर रहे हैं कि आमिर खान जिन दो लोगों के साथ दिख रहे हैं, वो जुनैद समशेद और मौलाना तारीक (लश्कर आतंकी) हैं. साथ ही कहा जा रहा है कि ये फोटो मक्का में ली गई थी. पोस्ट में इसके बाद आमिर के उस बयान का जिक्र किया जा रहा है जिसमें उन्होंने भारत में उनके परिवार के रहने पर डर जाहिर किया था और कहा था कि यह सहिष्णुता नहीं है. पोस्ट में कहा गया है कि ये असहिष्णुता की बात करता है, लेकिन इन लोगों की हरकतों को बर्दाश्त करता है.
इसके बाद कई लोग इसी तरह के दावों के साथ इस फोटो को आगे शेयर करते गए.
हमने रिवर्स इमेज सर्च किया तो हमें साल 2016 में पाकिस्तानी अखबार द एक्सप्रेस ट्रिब्यून में छपा एक आर्टिकल दिखा. इस आर्टिकल में 2016 में प्लेन क्रैश से हुई सिंगर जमशेद की मौत पर आमिर खान का रिएक्शन बताया गया था. इस आर्टिकल में ये भी बताया गया था कि आमिर खान ने उनसे तब मुलाकात की थी जब वो हज के लिए अपनी मां के साथ गए थे. हालांकि इसमें ये नहीं बताया गया था कि किस साल ये मुलाकात हुई थी.
हालांकि पोस्ट को सच्चा दिखाने के लिए सोशल मीडिया पर जमशेद के नाम को गलत तरीके से लिखा गया. इसमें उन्हें जुनैद समशेद लिखा गया. क्योंकि जमशेद पाकिस्तान में एक जाना माना नाम हैं. लेकिन समशेद बताकर उन्हें आतंकी करार दिया गया. जमशेद सिंगर के साथ-साथ फैशन डिजाइनर भी थे. उन्होंने साल 1983 में अपने करियर की शुरुआत की थी और फेमस म्यूजिक एलबम "उस राह पर" जैसे कई काम किए. हालांकि बाद में उन्होंने म्यूजिक इंडस्ट्री को छोड़ दिया और धार्मिक काम करने लगे.
हमें अपनी जांच में एक वीडियो भी मिला, जिसमें जमशेद हज के दौरान हुई आमिर खान से अपनी मुलाकात को लेकर बात कर रहे हैं.
आखिरकार हमें वही तस्वीर मिल गई, जिसे लेकर ये फेक दावे किए जा रहे थे. आमिर खान और जमशेद की ये तस्वीर पाकिस्तानी अखबार डॉन में छपी थी. इस फोटो के कैप्शन में लिखा गया था- 2012 की हज यात्रा के दौरान बॉलीवुड एक्टर आमिर खान के साथ जुनैद जमशेद और धार्मिक गुरु तारिक जमील. इसके अलावा हमें जमशेद के फेसबुक प्रोफाइल पर भी यही फोटो मिली, जिसे उन्होंने अक्टूबर 2012 में पोस्ट किया था.
इसीलिए ये साफ हो चुका है कि ये फोटो साल 2012 की है, जब आमिर खान अपनी मां को साथ लेकर हज के लिए गए थे.
इसके अलावा फोटो में आमिर के साथ जो दूसरा शख्स नजर आ रहा है वो मौलाना तारीक जमील हैं. जो कि एक पाकिस्तानी उपदेशक, धार्मिक लेखक और एक स्कॉलर हैं. वो पाकिस्तान में एक धार्मिक नेता के तौर पर भी जाने जाते हैं. डेली मेल के मुताबिक जमील को सरकार ने इसी साल एक बड़े अवॉर्ड से भी नवाजा था.
हमें जमशेद के अलावा जमील का भी एक वीडियो मिला, जिसमें वो एक्टर आमिर खान से अपनी मुलाकात का जिक्र कर रहे हैं. इसमें वो बता रहे हैं कि पाकिस्तान के क्रिकेटर शाहिद अफरीदी ने कैसे उनकी ये मुलाकात कराई थी.
इस पूरी पड़ताल के बाद ये बात साबित हो चुकी है कि सोशल मीडिया पर आमिर खान को लेकर फेक दावा किया जा रहा है कि वो आतंकियों से मिले थे.
इससे पहले आमिर खान को लेकर कंगना रनौत ने भी एक वीडियो जारी कर झूठा दावा किया था. जिसमें कंगना ने आमिर के एक इंटरव्यू को लेकर कहा था कि वो इसमें इस्लाम के बारे में बात कर रहे हैं. कंगना ने कहा कि आमिर कट्टरवादी हैं. जबकि उनकी पत्नी हिंदू हैं, उनके बच्चे सिर्फ इस्लाम को फॉलो करते हैं. हालांकि कंगना का ये दावा पूरी तरह से फेक था.
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