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एक युवा स्वंसेवी का हेल्थ चेकअप होते हुए फोटो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. दावा किया जा रहा है कि ये रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बेटी हैं, जिनको पहला कोरोना वायरस वैक्सीन दिया गया है.
रूस ने अपनी पहली कोरोनावायरस वैक्सीन का जब ऐलान किया और खबर आई कि शुरुआती वैक्सीन में से पुतिन की बेटी को भी कोरोना वायरस की वैक्सीन दी गई है. तब ये वीडियो वायरल होने लगा. हालांकि वीडियो में दिख रही युवा स्वयंसेवी ने वैक्सीन ट्रायल में हिस्सा लिया था लेकिन ये पुतिन की बेटी नहीं हैं.
Prime9news नाम के फेसबुक पेज पर एक वीडियो शेयर किया गया जिसमें लिखा था कि 'व्लादिमीर पुतिन ने ये ऐलान कर दिया है कोरोना वायरस की वैक्सीन का इजाद हो गया है. उनकी एक बेटी को भी ये वैक्सीन दी गई है और उसकी सेहत अच्छी है.'
ये न्यूज लिखे जाने तक इस वीडियो को करीब 8000 लोगों ने देखा. इसे 11 अगस्त को अपलोड किया गया.
एक दूसरे पेज से भी यही वीडियो शेयर किया गया. इस पेज पर सिर्फ 24 घंटे में करीब 1300 व्यूज हैं.
कुछ लोगों ने इसी वीडियो को ट्वीट भी किया.
हमने Google Chrome extension InVid का इस्तेमाल करते हुए वीडियो को कई सारे फ्रेम में तोड़ा और इसके बाद इन फ्रेम्स का रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें सर्च में रशिया टाइम्स की एक रिपोर्ट मिली. बता दें कि रशिया टाइम्स राज्य नियंत्रित टीवी नेटवर्क है. वहां पर ये आर्टिकल 20 जुलाई 2020 को पब्लिश हुआ था.
रशिया टाइम्स की इस रिपोर्ट में साफ-साफ लिखा है कि जिन युना स्वयंसेवी ने कोरोना वायरस वैक्सीन के ट्रायल में हिस्सा लिया है उनको मॉस्को के मिलिट्री हॉस्पिटल से छुट्टी मिल गई है. इसमें ये भी लिखा गया है कि वॉलेंटियर्स में आम लोग और मिलिट्री के लोग दोनों शामिल थे. इन लोगों को 40 दिन तक देखरेख में रखने के बाद छोड़ दिया गया.
इसके बाद हमने Yandex search engine का इस्तेमाल करते हुए एक और रिवर्स इमेज सर्च किया, इसके बाद हमें एक यूट्यूब वीडियो मिला. ये वीडियो 25 जून को यूट्यूब पर अपलोड किया गया था. इसमें इस वॉलिंटियर का नाम 'नाटालिया' बताया गया है.
इस पर कई सारी रिपोर्ट्स हैं लेकिन किसी ने भी इन वॉलेंटियर की पहचान पुतिन की बेटी के तौर पर नहीं लिखी है.
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