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किसान आंदोलन में नहीं गईं थीं अमूल्या, गलत दावे के साथ फोटो वायरल

वायरल फोटो में दिख रही लड़की स्टूडेंट एक्टिविस्ट वलारमथी है जो 26 जनवरी की किसान रैली के लिए दिल्ली आई थी.

सोनल गुप्ता
वेबकूफ
Published:
वायरल फोटो में दिख रही लड़की स्टुडेंट एक्टिविस्ट वलारमथी है, अमूल्या नहीं
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वायरल फोटो में दिख रही लड़की स्टुडेंट एक्टिविस्ट वलारमथी है, अमूल्या नहीं
(फोटो: Altered by The Quint)

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तमिलनाडु की स्टूडेंट एक्टिविस्ट वलारमथी जनवरी में किसानों के विरोध में शामिल होने के लिए टिकरी बॉर्डर आईं थी. वलारमथी की फोटो को सोशल मीडिया में अमूल्या लियोना के तौर पेश किया जा रहा है. अमूल्या पर पिछले साल ''पाकिस्तान जिंदाबाद'' के नारे लगाने के आरोप लगे थे.

कई सोशल मीडिया यूजर ने दोनों एक्टिविस्ट की फोटो एक साथ शेयर करके ये गलत दावा किया कि ये दोनों एक ही हैं.

दावा

दोनों तस्वीरों को इस कैप्शन के साथ शेयर किया गया, '' किसानों के विरोध प्रदर्शन में वही लड़की....जिसने MIM की मीटिंग में पाकिस्तान जिंदाबाद के नारे लगाए... यह क्या कनेक्शन है .... सभी देशद्रोही विरोध में एक जैसे चेहरे दिख रहे हैं..''

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें(फोटो: स्क्रीनशॉट/फेसबुक)
पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें(फोटो: स्क्रीनशॉट/फेसबुक)

इस दावे को ट्विटर पर तेलुगू में भी शेयर किया गया है.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें(फोटो: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)
पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें(फोटो: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)
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पड़ताल में हमने क्या पाया

रिवर्स इमेज सर्च करे के दौरान हमने पाया कि एक ट्विटर यूजर ने इसी दावे के साथ 26 जनवरी को दोनों तस्वीरों का एक साथ शेयर किया था.

इसके जवाब में दूसरे ट्विटर यूजर ने लिखा था कि शेयर की गई तस्वीर वलारमथी की है न कि अमूल्या की.

शेयर की गई तस्वीर वलारमथी की है न कि अमूल्या की(फोटो: स्क्रीनशॉट/ट्विटर)

फेसबुक पर ‘Valarmathi farmers protest’ कीवर्ड सर्च करने पर हमें स्टुडेंट एक्टिवस्ट वलारमथी की प्रोफाइल देखने को मिली.

वलारमथी ने 26 जनवरी को एंटी इंपीरियलिस्ट मूवमेंट के एक पोस्ट को शेयर किया था. इस पोस्ट में यही वायरल फोटो है. पोस्ट के कैप्शन में लिखा गया था कि तमिलनाडु से अलग-अलग समूहों के कई प्रतिनिधि दिल्ली में किसानों के प्रोटेस्ट में गए थे. इनमें स्टुडेंट अपराइजिंग मूवमेंट फॉर सोशल वेलफेयर (SUMS) से जुड़ी वलारमथी भी शामिल थी.

इस फोटो में वलारमथी है न कि अमूल्या(फोटो: स्क्रीनशॉट/फेसबुक)
क्विंट की वेबकूफ टीम से बात करते हुए वलारमथी ने कहा कि यह दावा ‘’पूरी तरह से गलत’’ है.

वलारमथी 25 से 27 जनवरी के बीच टिकरी और सिंघु बॉर्डर में कई लोगों के साथ पहुंची थी.

‘’पहली फोटो में मैं हूं न कि अमूल्या. हम 26 जनवरी की किसान रैली में दिल्ली गए थे. हम मुद्दों को ठीक से समझना चाहते थे और एकजुटता को बढ़ा रहे थे. यह फोटो टिकरी बॉर्डर पर ली गई थी. फोटो में दिख रहा व्यक्ति भगत सिंह का करीबी रिश्तेदार है. इसी वजह से हम फोटो क्लिक करवाना चाह रहे थे.’’
वलारमथी, स्टुडेंट एक्टिविस्ट

हमें वलारमथी से जुड़ी कई न्यूज रिपोर्ट भी देखने को मिलीं. इनमें द हिंदू और न्यू इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट्स भी शामिल हैं. इन रिपोर्ट्स में वलारमथी से जुड़ी वो रिपोर्ट देखने को मिलीं जिनमें इस बात का जिक्र था कि सलेम-चन्नई ग्रीन एक्सप्रेसवे कॉरिडोर प्रोजेक्ट के विरोध में प्रदर्शन करने में वलारमथी को जेल भेजा गया था.

अमूल्या लियोना - वो लड़की जिसने 'पाकिस्तान जिंदाबाद' के नारे लगाए थे

दूसरी फोटो की रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें 21 फरवरी, 2020 की बीबीसी की एक रिपोर्ट मिली, जिसमें बंगलुरु में अमूल्या लियोना की गिरफ्तारी के बारे में लिखा गया था.

स्टुडेंट एक्टिवस्ट को 20 फरवरी 2020 को बेंगलुरु में एक एंटी-सीएए कार्यक्रम में गिरफ्तार किया गया थाफोटो: स्क्रीनशॉट/BBC

स्टूडेंट एक्टिवस्ट को 20 फरवरी 2020 को बेंगलुरु में एक एंटी-सीएए कार्यक्रम में पाकिस्तान के समर्थन में नारे लगाने के लिए राजद्रोह और सांप्रदायिक विद्वेष फैलाने करने के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इस कार्यक्रम में AIMIM के चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भाग लिया था.

तीन महीने बाद 5वीं ACMM कोर्ट ने 10 जून को सीआरपीसी 167 (2) के तहत लियोना को जमानत दे दी थी.

मतलब साफ है कि हमें किसानों के प्रोटेस्ट में लियोना के शामिल होने की कोई सटीक न्यूज रिपोर्ट नहीं मिली. वलारमथी को अमूल्या की तरह पेश करने किया जा रहा है और ये दावा गलत है.

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