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कुछ पुलिसकर्मियों के साथ गृह मंत्री अमित शाह की एक फोटो सोशल मीडिया पर इस दावे के साथ शेयर की जा रही है कि उन्होंने कोर्ट जाते समय हाथों में लगी हथकड़ी को रुमाल से छिपाया.
बता दें कि ये फोटो साल 2010 की है, जब अमित शाह को सोहराबुद्दीन फेक एनकाउंटर केस के संबंध में गांधीनगर में सीबीआई कोर्ट ले जाया गया था. फोटो को जूम करने पर साफ दिखाई देता है कि उन्हें हथकड़ी नहीं पहनाई गई थी.
फेसबुक पर मनोहर श्रीवास्तव नाम के यूजर्स ने इस फोटो को शेयर किया. इस आर्टिकल को लिखे जाने तक इस फोटो को 10 हजार से ज्यादा लोग शेयर कर चुके थे.
फोटो के साथ लिखा है, “अमित शाह तड़ीपार को जब न्यालय में हत्कडी (रुमाल से छुपा ली) लगाकर पुलिस ले गयी थी .....ऐतिहासिक फोटो को वायरल करें.”
गूगल रिवर्स इमेज सर्च करने पर हमें अगस्त 2010 में द हिंदू का पब्लिश किया हुआ एक आर्टिकल मिला, जिसमें वही फोटो थी, जो वायरल हो रही थी. आर्टिकल की हेडलाइन है: Amit Shah had active role in fake encounter: CBI, यानी 'फेक एनकाउंटर में अमित शाह का रोल: सीबीआई'.
अमित शाह को तब सोहराबुद्दीन फेक एनकाउंटर केस में गुजरात के गांधीनगर में सीबीआई दफ्तर ले जाया जा रहा था. शाह को दिसंबर 2014 में सबूतों के अभाव में छोड़ दिया गया था.
हमें आउटलुक में इस फोटो का साफ वर्जन मिला. इसे ध्यान से देखने पर, हमने देखा कि अमित शाह को हथकड़ी नहीं पहनाई गई है, बल्कि उन्होंने बस हाथ में रुमाल पकड़ा हुआ है.
इससे साफ होता है कि अमित शाह की एक पुरानी फोटो को गलत दावे के साथ शेयर किया जा रहा है.
(SM Hoax Slayer इनपुट के साथ)
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