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पानी के नीचे बनी सड़क-रेल लाइन की वायरल तस्वीरें असम नहीं, यूरोप की हैं

वायरल तस्वीरें यूरोप की प्रस्तावित परियोजनाओं की हैं, न कि ब्रह्मपुत्र नदी पर पानी के नीचे बनी सड़क और रेल लाइन की.

अभिलाष मलिक
वेबकूफ
Published:
<div class="paragraphs"><p>वायरल तस्वीरें यूरोप की प्रस्तावित परियोजनाओं की हैं</p></div>
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वायरल तस्वीरें यूरोप की प्रस्तावित परियोजनाओं की हैं

(फोटो: Altered by the Quint)

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पीएम नरेंद्र मोदी (Narendra Modi) की फोटो के साथ पानी के नीचे सड़क और रेलवे लाइन वाली सुरंग दिखाती तीन तस्वीरों का एक कोलाज सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है. दावा किया जा रहा है कि ये भारत में पानी के नीचे बनी सड़क और रेलवे लाइन है, जो असम में ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे बनाई गई है.

हालांकि, पड़ताल में ये दावा झूठा निकला. एक तस्वीर यूरोप में डेनमार्क और जर्मनी के बीच पानी के नीचे एक निर्माणाधीन सड़क और रेल सुरंग फेहमर्न बेल्ट की डिजायन फोटो है. वहीं दूसरी तस्वीर नॉर्वे में प्रस्तावित फ्लोटिंग सुरंग की एक डिजायन तस्वीर है.

दावा

वायरल तस्वीरों के साथ शेयर किए गए दावे में लिखा गया, "इसे कहते हैं नया भारत मोदी हैं तो मुमकिन है। भारत की पहली पानी के नीचे सड़क व रेलवे लाइन, यह असम में ब्रह्मपुत्र नदी के नीचे बनी लगभग 14 किलोमीटर लंबी सुरंग है।"

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/फेसबुक)

फोटो के साथ यही दावा की लोगों ने सोशल मीडिया पर शेयर किया है. इनमें से कुछ के आर्काइव आप यहां और यहां देख सकते हैं.

पड़ताल में हमने क्या पाया

पहली तस्वीर हमें एक अमेरिकी मैगजीन GPS World पर पब्लिश एक आर्टिकल में मिली, जो मार्च 2020 में पब्लिश हुआ था.

स्टोरी के मुताबिक, ये तस्वीर फेहमर्न बेल्ट फिक्स्ड लिंक को दिखाती है. ये एक अंडरवॉटर सुरंग है. इसके जरिए, डेनमार्क और जर्मनी के बीच आने-जाने वाले लोग कार या ट्रेन के जरिए यात्रा कर पाएंगे.

आर्टिकल का लिंक यहां है

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/GPS World)

हमें Tunnel Engineering Consultants की वेबसाइट पर भी यही तस्वीर मिली. ये एक कंसल्टेंसी है जो सॉफ्ट ग्राउंड टनल डिजायन और इंजीनियरिंग, कंस्ट्रक्शन और प्रोजेक्ट मैनेजमेंट का काम करती है.

ये कंपनी फेहमर्न बेल्ट के निर्माण में भी शामिल है. वेबसाइट पर वायरल तस्वीर को फेहमर्न बेल्ट की डिजायन तस्वीर के तौर पर पब्लिश किया गया था.

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तस्वीर 2

हमें दूसरी तस्वीर Engineering News-Record पर 2013 में पब्लिश एक आर्टिकल में मिली. ये पब्लिकेशन इंजीनियरिंग और कंसट्रक्शन से जुड़ी न्यूज पब्लिश करता है.

आर्टिकल का लिंक यहां पर देखें

(फोटो: स्क्रीनशॉट/ENR)

इस आर्टिकल में नॉर्वे में प्रस्तावित फ्लोटिंग टनल के बारे में बताया गया है.

हमें ये फोटो वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम पर 2016 में पब्लिश एक आर्टिकल पर भी मिली. आर्टिकल में वायर्ड के हवाले से लिखा गया था कि इस परियोजना को बनाने में 25 बिलियन डॉलर का खर्च आएगा. आर्टिकल में इस्तेमाल की गई इस तस्वीर के लिए नॉर्वेजियन पब्लिक रोड्स एडमिनिस्ट्रेशन (NPRA) को क्रेडिट दिया गया था.

वहीं दावे में इस्तेमाल की गई पीएम मोदी की तस्वीर 2017 की है, जब वो ढोला-सदिया ब्रिज का उद्घाटन कर रहे थे. नदी पर बना ये ब्रिज अरुणाचल और असम को जोड़ने वाला देश का सबसे लंबा पुल है.

हमें एक प्रस्तावित सड़क और रेलवे लाइव वाली टनल के बारे में न्यूज रिपोर्ट्स भी मिलीं, जिसे असम में ब्रह्मपुत्र नदी पर 7000 करोड़ रुपये की अनुमानित लागत से बनाया जाना था.

हमें डायरेक्टर जनरल बॉर्डर रोड्स (DGBR) का एक ट्वीट मिला, जिसमें उन्होंने रेल और सड़क राजमार्ग की रेकी करने की बात की थी.

हालांकि, हमें प्रस्तावित परियोजना की कोई भी डिजायन तस्वीर ऑनलाइन नहीं मिली.

मतलब साफ है कि यूरोप में पानी के नीचे बनी सुरंगों की डिजायन तस्वीरें शेयर कर ये गलत दावा किया गया कि ये तस्वीरें ब्ह्मपुत्र नदी में पानी के नीचे बनी रेल और सड़क मार्ग को दिखाती हैं.

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं )

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