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सोशल मीडिया पर दो मिनट का एक वीडियो शेयर हो रहा है. जिसे शेयर कर दावा किया जा रहा है कि मुस्लिम समुदाय के लोग गंगा नदी में खड़े होकर अजान कर रहे हैं. ऐसा इसलिए किया जा रहा रहा है क्योंकि वो गंगा के किनारे समुदाय के लिए स्थायी बस्ती बनाना चाह रहे हैं. और ये उसी योजना का हिस्सा है.
हालांकि, हमने पाया कि ये वीडियो बांग्लादेश के खुलना जिले का है. मई 2020 में चक्रवात अम्फान की वजह से बांध क्षतिग्रस्त हो गया था और इसीलिए वहां रहने वाले लोगों ने घुटने तक पानी में खड़े होकर प्रार्थना की थी.
वीडियो को इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है: ''यह मुस्लिमों की एक योजना है कि एकान्त स्थान पर गंगा नदी में अज़ान लगा कर कब्जा किया जये। इनकी योजना के अनुसार गंगा नदी के किनारे किनारे पर अस्थाई निवास बनाये जाय बाद में यह स्थाई निवास में परिवर्तन कर दिया जायेगा। क्यों कि विश्व की अगली लड़ाई पानी के लिए होनी है। और यह गंगा के किनारे रह कर यह मुस्लिम इस्लाम को बुलन्द करेंगे। मेरी आप सभी हिन्दू भाइयों से विनती है कि यह विडियो वायरल करें ज्यादा से ज्यादा''
हमने InVID टूल का इस्तेमाल कर वीडियो को कई कीफ्रेम में बांटा. और उनमें से हर एक पर रिवर्स इमेज सर्च किया.
हमें 'Daily AjkerNews' नाम के एक यूट्यूब चैनल पर 25 मई 2020 को अपलोड किया गया एक वीडियो मिला.
कैप्शन के मुताबिक बांग्लादेश में कोयरा उपजिला के निवासियों ने घुटने भर पानी में खड़े होकर चक्रवात अम्फान के बाद अलग तरीके से ईद मनाई.
BBC के मुताबिक, अम्फान चक्रवात 20 मई 2020 को पूर्वी भारत और बांग्लादेश के तट से टकराया था और कहर बरपाया था. इसकी वजह से दोनों देशों में करीब 84 लोग मारे गए थे.
यहां से संकेत लेकर हमने गूगल पर घटना से जुड़े जरूरी कीवर्ड सर्च करके देखे. हमें ईद के मौके पर घुटने भर पानी में प्रार्थना करने वाले लोगों के बारे में कई न्यूज रिपोर्ट मिलीं.
Dhaka Tribune की 25 मई 2020 को पब्लिश एक रिपोर्ट के मुताबिक, चक्रवात ने बांधों को नष्ट कर दिया था, जिससे खुलना जिले के कोयना उपजिला में कई इलाकों में पानी भर गया था. इस वजह से वहां के लोगों को घुटने भर पानी में खड़े होकर नमाज अदा करने के लिए मजबूर होना पड़ा.
हमें बांग्लादेश के एक न्यूज चैनल 'Jamuna TV' के यूट्यूब चैनल पर 25 मई 2020 को पब्लिश एक वीडियो भी मिला.
इसके बाद, हमने वायरल वीडियो की तुलना 2020 में अपलोड किए गए वीडियो से की. हमें दोनों में कई एक जैसे एलीमेंट मिले.
मतलब साफ है कि बांग्लादेश का पुराना वीडियो भारत का बता गलत सांप्रदायिक दावे से शेयर किया जा रहा है.
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