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सोशल मीडिया पर एक वीडियो वायरल हो रहा है जिसमें कुछ स्थानीय लोग हेलमेट न पहनने पर बाइक वाले को रोक कर उसे हेलमेट पहनने की सलाह दे रहे हैं. इसके बाद, मुस्लिमों की भीड़ तलवारें और बंदूक लहराते हुई आती दिख रही है. वीडियो शेयर कर कहा जा रहा है कि भारत में सेक्युलरिज्म की बात करने वालों को ये देखना चाहिए, क्योंकि ये वीडियो उनके लिए ''रिएलिटी चेक'' की तरह है.
हालांकि, हमने पाया कि ये वीडियो किसी सच्ची घटना का नही हैं. बल्कि, इसे राघवेंद्र कुमार ने बनाया था ताकि बिहार के कैमूर जिले की मुस्लिम आबादी के बीच सड़क सुरक्षा को लेकर जागरूकता फैलाई जा सके.
इस वायरल वीडियो को विश्व हिंदू परिषद की साध्वी प्राची ने फेसबुक पर इस दावे के साथ शेयर किया है: "सेकुलरिजम का झुनझुना बजाने वाले ये वीडियो अवश्य देखें. बिना हेलमेट नमाजियों को रोका तो कैसे एक फोन पर पचासों शांतिदूत बन्दूक और तलवार लेकर आ गये. क्या पुलिस किसी हिन्दू को बिना हेलमेट पकड़ती है तो बिना चालान किये जाने देती ??"
हमने InVid Google Chrome extension का इस्तेमाल करके वायरल वीडियो को कई कीफ्रेम में बांटा और उनमें से एक कीफ्रेम पर रिवर्स इमेज सर्च किया. हमें यूट्यूब पर Helmet Man India नाम के चैनल का 20 मार्च को अपलोड किया गया एक वीडियो मिला.
ये वीडियो वायरल वीडियो का बड़ा वर्जन है. इस वीडियो में एक शख्स मुस्लिम युवाओं को हेलमेट पहनने की सीख देता हुआ देखा जा सकता है.
इसके बाद, हमने फेसबुक पर 'Helmet Man' कीवर्ड सर्च करके देखा. हमें इसी नाम से एक पेज मिला जहां से कॉन्टैक्ट डिटेल्स लेकर हमने राघवेंद्र से बात की.
राघवेंद्र कुमार 'हेलमेट मैन' ने क्विंट से बातचीत में बताया कि उन्होंने अपने भाई को एक रोड एक्सीडेंट में खो दिया था. उसके बाद उन्होंने संकल्प लिया कि वो सड़क सुरक्षा से जुड़े काम करेंगे. इसके लिए, वो बिहार के कैमूर जिले पहुंचे जहां एक मस्जिद के मौलवी और कुछ स्थानीय युवाओं ने हेलमेट पहनने से जुड़ी जागरूकता फैलाने वाला वीडियो बनाने में उनकी मदद की.
मतलब साफ है कि बिहार में रोड सेफ्टी को लेकर जागरूकता फैलाने के लिए बनाया गया वीडियो, सांप्रदायिक ऐंगल देकर भ्रामक दावे से शेयर किया जा रहा है.
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