advertisement
सोशल मीडिया पर एक वीडियो इस दावे के साथ शेयर किया जा रहा है कि एक ब्रिटिश पत्रकार ने अंडमान की जेल में जाकर विनायक दामोदर सावरकर यानी 'वीर सावरकर' की दुर्लभ वीडियो बनाई थी. साथ में इस दावे को और मजबूत करने के लिए बीबीसी का नाम जोड़ा जा रहा है. लेकिन सच तो ये है कि न ही बीबीसी ने अपने चैनल पर ये वीडियो दिखाई है और न ही ये सावरकर की असली वीडियो है. आईए हम आपको इस वीडियो और उसपर किए जा रहे दावे की पूरी हकीकत बताते हैं.
दरअसल, सोशल मीडिया पर जो वीडियो शेयर किया जा रहा है उमसें दिख रहा है कि जेल में एक व्यक्ति कैद है, वो संघर्ष के साथ अपनी सजा काट रहा है. साथ में वीडियो के साथ लिखा गया है, "एक ब्रिटिश पत्रकार ने अंडमान के जेल में जाकर सावरकर का वीडियो फुटेज लिया था, वह दुर्लभ फुटेज बीबीसी ने भी अपने चैनल पर दिखाया था, आप एक बार यह दुर्लभ फुटेज देखिए, जिसमें एक छोटी-सी कोठरी में सावरकर कैद थे. ये सब यातनाएं वीर सावरकर ने देश की आजादी के लिए. वीर सावरकर को नमन.”
कई सारे फेसबुक यूजर भी इसी एक वीडियो को कर रहे हैं शेयर
जब क्विंट ने इन YouTube पर 'सावरकर अंडमान जेल काला पानी' की वर्ड से सर्च किया तो हमें केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय का एक वीडियो मिला. ये वीडियो मंत्रालय के ऑफिशियल यूट्यूब चैनल पर 14 अगस्त, 2014 को अपलोड किया गया था. वीडियो का टाइटल है, "लाइफ ऑफ श्री विनायक दामोदर सावरकर."
YouTube वीडियो के 25:16 मिनट पर जब हम पहुंचे तो हमें वही सेम फ्रेम मिला जिसे सोशल मीडिया पर शेयर किया जा रहा है.
वायरल वीडियो का वही हिस्सा मंत्रालय की वीडियो में 27:30 और 29:45 मिनट पर भी देखा जा सकता है. साथ ही दोनों वीडियो में आ रही आवाज भी एक ही है.
केंद्रीय सूचना एवं प्रसारण मंत्रालय की वीडियो के डिस्क्रिपशन में लिखा है "ये फिल्म सावरकर की जिंदगी के कई अहम पहलुओं को दर्शाती है." मंत्रालय के इस वीडियो में 01:26 मिनट पर वीडियो फूटेज के लिए क्रेडिट के रूप में फिल्म डिविजन ऑफ इंडिया का नाम है.
जब फिल्म डिविजन की वेबसाइट पर हम 'वीर सावरकर' सर्च करते हैं, तो हमें 1983 में प्रेम वैद्य की निर्देशित फिल्म “वीर सावरकर” का जिक्र मिलता है. साथ ही फिल्म डिविजन की लाइब्रेरी में सीरियल नंबर 4706 में इस फिल्म के बारे में जानकारी दी हुई है. कुल मिलाकर बात साफ हो गई कि वायरल हो रहा वीडियो 1983 में बनी “वीर सावरकर” फिल्म का एक हिस्सा है. न कि किसी ब्रीटिश पत्रकार की बनाई हुई वीडियो.
फिल्म डिविजन की बनाई इस फिल्म के सिनेमैटोग्राफर एम. एस. गंगाधर और श्रीधर जोशी थे और स्क्रिप्ट प्रेम वैद्य की थी.
कुल मिलाकर बात साफ हो गई कि वायरल हो रहा वीडियो 1983 में बनी “वीर सावरकर” फिल्म का एक हिस्सा है. न कि किसी ब्रीटिश पत्रकार की बनाई हुई वीडियो.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)