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कांग्रेस नेता राहुल गांधी (Rahul Gandhi) की एक 4 सेकेंड की क्लिप सोशल मीडिया पर वायरल हो रही है, जिसमें वो कहते दिख रहे हैं कि 'हम हिंदुस्तान के पूरे इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ लड़ रहे हैं.' वीडियो को राहुल गांधी पर तंज कसते हुए शेयर किया जा रहा है.
हालांकि, पड़ताल में हमने पाया कि 5 अगस्त को राहुल गांधी की एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान के बड़े वीडियो का एक छोटा सा हिस्सा काटकर सोशल मीडिया पर गलत दावे से शेयर किया जा रहा है. पूरे वीडियो में उन्हें राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (RSS) और भारतीय जनता पार्टी (BJP) के खिलाफ बोलते देखा जा सकता है.
वीडियो के लंबे वर्जन में राहुल गांधी को देश के इंस्टीट्यूशन्स लीगल, ज्यूडिशियल और इलेक्टोरल स्ट्रक्चर के साथ-साथ मीडिया के बारे में बोलते देखा जा सकता है. उन्होंने आरोप लगाया कि RSS ने इन सब जगहों पर अपने लोग बिठा रखे हैं. इसलिए कांग्रेस किसी एक पार्टी के खिलाफ नहीं बल्कि इस पूरे इंफ्रास्ट्रक्चर के खिलाफ लड़ रही है.
वीडियो को बीजेपी आईटी सेल चीफ अमित मालवीय ने शेयर कर इंग्लिश में जो कैप्शन लिखा उसका हिंदी इस प्रकार है, ''अगर राहुल गांधी की बकवास इतनी बचकानी नहीं होतीं, तो वो बहुत खतरनाक होतीं''
हमने वीडियो में राहुल गांधी जो बोलते दिख रहे हैं, उसे ही कीवर्ड की तरह इस्तेमाल कर सर्च किया. हमें India Today के ऑफिशियल यूट्यूब हैंडल पर एक वीडियो रिपोर्ट मिली. वीडियो के 1 मिनट 33वें सेकेंड पर वही क्लिप देखी जा सकती है जो वायरल हो रही है.
वीडियो रिपोर्ट के डिस्क्रिप्शन के मुताबिक, 6 अगस्त को महंगाई और बेरोजगारी को लेकर किए जाने वाले कांग्रेस के देशव्यापी प्रोटेस्ट से पहले, कांग्रेस मुख्यालय में राहुल गांधी ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की थी.
हमने यहां से क्लू लेकर कांग्रेस के ऑफिशियल यूट्यूब हैंडल पर जाकर देखा. हमें इस प्रेस कॉन्फ्रेंस का 5 अगस्त को पब्लिश एक वीडियो मिला.
वीडियो टाइटल के मुताबिक, ये प्रेस कॉन्फ्रेंस ऑल इंडिया कांग्रेस कमिटी हेडक्वार्टर में हुई थी. वीडियो में राहुल गांधी के अलावा अशोक गहलोत, जयराम रमेश के साथ-साथ और भी लोग देखे जा सकते हैं.
कॉन्फ्रेंस की शुरुआत में ही राहुल गांधी को ''देश में तानाशाही'' और ''डेमोक्रेसी की मौत'' के बारे में बोलते सुना जा सकता है. वो ये भी कहते हैं कि हम महंगाई और बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर चर्चा करना चाहते हैं, लेकिन हमें बोलने नहीं दिया जाता.
उन्होंने कहा कि जो इस देश ने ''70 सालों में बनाया उसे 8 सालों में खत्म कर दिया गया.'' राहुल गांधी ने केंद्र पर आरोप लगाया कि वो लोगों के मुद्दों पर चर्चा नहीं करते. वो सिर्फ 4 से 5 लोगों के हितों को प्रोटेक्ट करते हैं.
वीडियो के 11वें मिनट के बाद एक पत्रकार सवाल पूछता है कि बार-बार विरोध के बावजूद सरकार पर कोई दबाव क्यों नहीं पड़ रहा. इसके जवाब में राहुल गांधी कहते हैं, ''लोकतंत्र में विपक्ष इंस्टीट्यूशन्स यानी देश का लीगल स्ट्रक्चर, ज्यूडिशियल स्ट्रक्चर, इलेक्टोरल स्ट्रक्चर और मीडिया के आधार पर लड़ता है. ये सब सरकार को पूरा सपोर्ट दे रहे हैं.''
उन्होंने कहा कि जब हमारी सरकार थी तो हम इंस्टीट्यूशन्स को कंट्रोल नहीं करते थे. आखिर में वो कहते हैं कि केंद्र की फाइनेंशियली और इंस्टीट्यूशनली मोनोपली है. कोई उनके खिलाफ बोलता है तो ED पीछे लगा दी जाती है. यही सब वजहें हैं जिसकी वजह से केंद्र के खिलाफ एकजुट होकर खड़े होने के बावजूद कोई प्रभाव नहीं पड़ रहा है.
इस वीडियो का छोटा वर्जन आप यहां देख सकते हैं:
मतलब साफ है कि राहुल गांधी के बड़े वीडियो का एक बहुत छोटा सा हिस्सा काटकर बिना किसी संदर्भ के राहुल गांधी पर तंज करते हुए शेयर किया जा रहा है.
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