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सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर हो रहा है जिसमें एक शख्स जेल के गेट से बाहर निकलते नजर आ रहा है.
क्या है दावा?: वीडियो शेयर कर दावा किया जा रहा है कि भीम आर्मी (Bhim Army) चीफ चंद्रशेखर आजाद (ChandraShekhar Azad) पर जानलेवा हमला करने वालों को जमानत में छोड़ दिया गया है.
चंद्रशेखर आजाद पर हमला: 28 जून को भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर पर 4 लोगों ने हमला किया और उन पर फायरिंग की थी. इस हमले में चंद्रशेखर घायल हो गए थे. हालांकि, 1 जुलाई को चारों आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया गया था. ऐसे में ये वीडियो शेयर हो रहा है.
सच क्या है?: वायरल दावा सच नहीं है. ये वीडियो चंद्रशेखर आजाद पर हमला करने वालों की गिरफ्तारी के पहले से इंटरनेट पर मौजूद है.
इसके अलावा, सहारनपुर एसएसपी विपिन ताडा ने हमें बताया कि वायरल दावा गलत है. आरोपियों अभी जेल में ही हैं.
हमने सच का पता कैसे लगाया?: वायरल वीडियो में 'महाकाल महकमा रणखंडी Vicky Rana Rankhandi Welcome Back #307' लिखा दिख रहा है.
यहां से क्लू लेकर हमने सोशल मीडिया पर जरूरी कीवर्ड्स की मदद से सर्च किया.
इससे हमें इंस्टाग्राम पर 'mahakal_mehakma_rkd' नाम से एक प्रोफाइल मिली, जहां यही वीडियो एक हफ्ते पहले पोस्ट किया गया था.
इसके अलावा, हमें 1 महीने पहले पोस्ट किया गया एक और वीडियो मिला, जिसमें इस वीडियो के कुछ हिस्सों को देखा जा सकता है. इस वीडियो को दिग्विजय राणा नाम के इंस्टाग्राम यूजर ने पोस्ट किया था.
बता दें कि चंद्रशेखर पर हमला 28 जून को हुआ था और ये पोस्ट उससे भी करीब 3 हफ्ते पहले डाली गई थी. इससे साफ होता है कि ये वीडियो हाल का नहीं है.
पुलिस ने कब किया था हमलावरों को गिरफ्तार?: सहारनपुर पुलिस के वेरिफाइड ट्विटर हैंडल पर 2 जुलाई को अपलोड किया गया एक ट्विटर थ्रेड मिला, जिसमें सहारनपुर डीआईजी अजय कुमार साहनी को चारों आरोपियों की गिरफ्तारी के बारे में जानकारी देते देखा जा सकता है.
वीडियो में वो बताते दिख रहे हैं कि कैसे पुलिस ने चंद्रशेखर आजाद पर फायरिंग करने वाले 4 अभियुक्तों विकी (हरियाणा निवासी), विकी राणा (रणखंडी निवासी), लविश उर्फ अभिषेक ठाकुर और प्रशांत को गिरफ्तार किया है.
वीडियो में उन्हें ये बताते भी देखा जा सकता है कि इनसे पूछताछ की जानी है और माननीय न्यायलय में पेश किए जाने के बाद इनकी पुलिस रिमांड मांगी जाएगी.
क्या कहना है सहारनपुर एसएसपी का?: हमने सहारनपुर एसएसपी विपिन ताडा से संपर्क किया, जिन्होंने वायरल दावे को गलत बताया. उन्होंने कहा कि चारों आरोपी अभी भी हिरासत में हैं.
उन्होंने आगे ये भी बताया कि विकी हाल में ही कुछ दिन पहले भी जेल गया था, तो हो सकता है कि ये वीडियो तब का हो.
The Print की एक रिपोर्ट के मुताबिक, विकी राणा पर 307 का मुकदमा पहले भी दर्ज है, जिसमें अप्रैल में वो जेल गया था. उस दौरान आरोपी के इंस्टाग्राम अकाउंट से उसके जेल से छूटने का वीडियो डाला गया था.
पुलिस का प्रेस नोट: सहारनपुर पुलिस के प्रेस नोट के मुताबिक, चारों आरोपियों पर IPC की धारा 307, 506 और 120 बी के अलावा, एससी एसटी एक्ट के तहत मामला दर्ज किया गया है. इसके अलावा, इस प्रेस नोट में आरोपियों के आपराधिक इतिहास के बारे में भी बताया गया है.
इसके अलावा, वायरल वीडियो का लंबा वर्जन इंस्टाग्राम पर पोस्ट करने वाले यूजर दिग्विजय राणा से भी हमने संपर्क किया, जिन्होंने बताया कि ये वीडियो एक महीने पहले का है, जब विक्की को 307 के केस में जमानत मिली थी.
बता दें कि IPC की धारा 307 तब लगती है जब हत्या का प्रयास किया गया हो. ये गैरजमानती और संज्ञेय अपराध की श्रेणी में आता है. ऐसे में जब तक कोर्ट में सुनवाई नहीं होती, तब तक आरोपी को जमानत नहीं मिलती.
निष्कर्ष: साफ है कि ये दावा गलत है कि चंद्रशेखर आजाद पर हमला करने वालों को जमानत मिल गई है.
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