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(ये ऑडियो सुनने से पहले आपसे एक अपील है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और असम में ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के बीच कोरोना वैक्सीन को लेकर फैल रही अफवाहों को रोकने के लिए हम एक विशेष प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. इस प्रोजेक्ट में बड़े पैमाने पर संसाधनों का इस्तेमाल होता है. हम ये काम जारी रख सकें इसके लिए जरूरी है कि आप इस प्रोजेक्ट को सपोर्ट करें. आपके सपोर्ट से ही हम वो जानकारी आप तक पहुंचा पाएंगे जो बेहद जरूरी हैं.
धन्यवाद - टीम वेबकूफ)
कोरोना (Corona) महामारी गई नहीं है. ऐसे में जरूरी है कि इससे निपटने के कारगर तरीकों को तो अपनाएं ही, जैसे कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन करना और कोरोना वैक्सीन लगवाना, लेकिन साथ ही कोरोना वैक्सीन (Covid Vaccine) और कोरोना से जुड़ी अवैज्ञानिक बातों पर भरोसा भी न करें.
टीचर दीदी को अवैज्ञानिक बातों के हमेशा खिलाफ रहती हैं और जब भी वो इस तरह की बातें सुनती हैं, तो तुरंत उनका जवाब बड़े ही तार्किक तरीके से देती हैं. अब कमला-विमला भी ऐसे ही सवालों के साथ टीचर दीदी के पास पहुंच गईं, ताकि उन्हें इन सवालों के जवाब मिल सकें. इन अवैज्ञानिक सवालों में से थे, जैसे कि
कोरोना की टीका सुरक्षित है या नहीं?
गर्भवती महिलाओं को टीका लगवाना चाहिए या नहीं?
टीचर दीदी ने बताया कि जिस तरह से बच्चों को पोलियो जैसे टीकों की जरूरत होती है, उसी तरह हम सबको कोरोना टीका फौरन लगवा लेना चाहिए.
इस सवाल का जवाब भी टीचर दीदी ने हां में ही दिया, क्योंकि गर्भवती महिलाएं भी कोरोना का टीका लगवा सकती हैं और ये पूरी तरह से सुरक्षित है. अगर गर्भवती महिलाएं टीका लगवाती हैं तो मां के साथ-साथ बच्चों को भी सुरक्षा मिलती है. इसलिए, डॉक्टर की सलाह से टीका जरूर लगवाएं.
इसके अलावा, टीचर दीदी ने ये भी बताया कि जिन्हें कोरोना हो चुका है उन्हें भी टीका जरूर लगवाना चाहिए.
इसके अलावा, टीचर दीदी ने ये भी बताया कि टीका लगवाने से न तो पुरुषों में नपुंसकता आती है और न ही महिलाओं को मासिक धर्म में कोई समस्या होती है.
(ये वीडियो द क्विंट के कोविड-19 और वैक्सीन पर आधारित फैक्ट चेक प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जो खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए शुरू किया गया है.)
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