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Fact Check: कोरोना वैक्सीन लगवा चुके लोगों को सरकार नहीं दे रही 5000 रुपये

वायरल दावे के साथ एक फर्जी लिंक भी शेयर किया जा रहा है, जिस पर क्लिक करना खतरनाक हो सकता है.

ऋजुता थेटे
वेबकूफ
Published:
<div class="paragraphs"><p>वायरल दावे के साथ एक फर्जी लिंक भी शेयर किया जा रहा है, जिस पर क्लिक करना खतरनाक हो सकता है.</p></div>
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वायरल दावे के साथ एक फर्जी लिंक भी शेयर किया जा रहा है, जिस पर क्लिक करना खतरनाक हो सकता है.

(फोटो: Altered by the Quint)

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सोशल मीडिया पर एक फेक मैसेज वायरल हो रहा है जिसमें दावा किया जा रहा है कि केंद्र सरकार कोविड-19 (Covid-19) की वैक्सीन लगवा चुके लोगों को 5000 रुपये देगी.

इस मैसेज के साथ एक लिंक भी दिया गया है. इस पर क्लिक करने पर खुलने वाले पेज में नाम, लग चुकी वैक्सीन का नाम और परिवार के सदस्यों की संख्या के साथ-साथ कॉन्टैक्ट नंबर मांगा जाता है.

हालांकि, ये लिंक यूजर्स को सरकारी वेबसाइट के नाम पर बनी एक फर्जी वेबसाइट (https://pm-yojna.in/5000rs/) पर ले जाता है.

इसके अलावा, केंद्र सरकार के फैक्ट चेक हैंडल से भी स्पष्ट किया गया है कि ऐसी कोई घोषणा नहीं की गई है कि वैक्सीन लगवाने वालों को 5000 रुपये दिए जाएंगे.

दावा

वायरल मैसेज के मुताबिक, वैक्सीन लगवा चुके लोगों को प्रधानमंत्री जन कल्याण विभाग 5000 रुपया दे रहा है. साथ में, वो लिंक भी दिया गया है जिस पर क्लिक करके फॉर्म भरने के लिए बोला जा रहा है.

इसमें ये भी बताया गया है कि ये सुविधा 30 जुलाई 2022 तक ही उपलब्ध है.

पोस्ट का आर्काइव देखने के लिए यहां क्लिक करें

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/फेसबुक)

ये दावा कई यूजर्स ने शेयर किया है. इनमें से कुछ के आर्काइव आप यहां और यहां देख सकते हैं.

पड़ताल में हमने क्या पाया?

हमने वायरल मैसेज में दिए गए लिंक को ओपन किया. इसे ओपन करते हुए, यूजर का नाम, ली गई कोविड वैक्सीन, परिवार के सदस्यों की संख्या और फोन नंबर जैसी जानकारी भरने के लिए कहा गया. [Link: https://pm-yojna.in/5000rs/,आर्काइव यहां देखें]

हमें यहां कुछ समस्याएं दिखीं.

  • भारत सरकार की वेबसाइट के आखिर में ".gov.in" डोमेन नाम होता है, जो यहाँ नहीं मौजूद नहीं है.

  • हमने ये भी ध्यान दिया कि यूजर्स को अगले पेज पर बिना जरूरी जानकारी भरे भी जा सकते हैं.

पहले पेज के टॉप पर लिखा हुआ है, ''कल्याण विभाग 5000 रुपये की आर्थिक सहायता दे रहा है. नीचे दिए गए फॉर्म को अप्लाई कर योजना का लाभ लें.''

लिंक पर क्लिक करने पर ये पेज खुलता है.

(सोर्स: स्क्रीनशॉट)

इसमें 'मेक इन इंडिया, बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ और आरोग्य सेतु लोगो के साथ पीएम नरेंद्र मोदी की फोटो का भी इस्तेमाल किया गया है.

ये सभी डिटेल्स भरने के बाद, यूजर अगले पेज पर पहुंचता है. इसमें यूजरनेम के साथ-साथ ये भी पूछा जाता है कि पैसे कहां पर चाहिए.

वेबसाइट का दूसरा पेज

(सोर्स: स्क्रीनशॉट)

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इन डिटेल्स को भरने पर, वेबसाइट अगले पेज पर डायरेक्ट करती है. इसमें यूजर से 3 महीने वाला डेटा प्लान सेलेक्ट करने के लिए पूछा जाता है.

यहां सबसे ऊपर दी गई तस्वीर और हेडर बदल जाता है. जहां पीएम मोदी की तस्वीर के साथ लिखा होता है 'सभी 4जी सिम उपभोक्ताओं को 3 महीने का डाटा और कॉलिंग मुफ्त दिया जा रहा है.' कोविड वैक्सीन से जुड़ा सवाल ''3 महीने के लिए अनलिमिटेड डाटा प्लान' में बदल जाता है.

यहां टेलीकॉम कंपनीज जियो, एयरटेल, वोडाफोन, आइडिया और BSNL के लोगो भी दिखते हैं.

वेबसाइट का तीसरा पेज

(सोर्स: स्क्रीनशॉट)

आगे जाने पर, इसे WhatsApp पर लोगों को फॉरवर्ड करने के का मैसेज दिखता है.

वेवसाइट का चौथा पेज

(सोर्स: स्क्रीनशॉट)

यूजर को वो लिंक पांच लोगों को भेजने की जरूरत नहीं है, इस पर पांच बार क्लिक करने पर 'मुफ्त रिचार्ज कन्फर्म करें' ऑप्शन ऐक्टिवेट हो जाता है.

इसके बाद ये हमें किसी भी रैंडम वेबसाइट पर ले जाता है. उदाहरण के लिए, ये हमें ट्रेडिंग वेबसाइट 'OctaFX' पर ले गया. हालांकि, जब हमने 'OctaFX' को फेसबुक और ट्विटर पर चेक किया, तो पाया कि दोनों के लोगो में फर्क है.

वेबसाइट का आखिरी पेज

(सोर्स: स्क्रीनशॉट)

वहीं दूसरी बार, ये हमें किसी https://hindi2news.com वेबसाइट पर ले गया. ये वेबसाइट एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री की खबरें पब्लिश करने वाली वेबसाइट लग रही थी. इसके बाद, जब हमने इस स्कैम लिंक का आगे इस्तेमाल करना चाहा, तो इसने हमें आगे नहीं बढ़ने दिया.

वेबसाइट का डोमेन नेम

हमने 'whois.com' पर वेबसाइट के डोमेन से जुड़ी डिटेल्स भी चेक कीं. 'whois.com' वेबसाइट रजिस्टर्ड यूजर्स का डेटाबेस स्टोर करती है. हमने पाया कि 'pm-yojna.in' डोमने नेम 15 सितंबर 2021 को रजिस्टर किया गया था. इसके अलावा, यूजर से जुड़ी डिटेल्स उपलब्ध नहीं थी. रिकॉर्ड्स के मुताबिक, इसे अल्बर्टा में रजिस्टर किया गया था.

डोमेन डिटेल्स का स्क्रीनशॉट

(सोर्स: स्क्रीनशॉट/Whois.com)

मतलब साफ है कि सोशल मीडिया पर एक फर्जी लिंक को इस झूठे दावे से शेयर किया जा रहा है कि वैक्सीन ले चुके इस पर जाकर अप्लाई करेंगे तो सरकार उन्हें 5000 हजार रुपये देगी.

(अगर आपके पास भी ऐसी कोई जानकारी आती है, जिसके सच होने पर आपको शक है, तो पड़ताल के लिए हमारे वॉट्सऐप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर भेजें. सच हम आपको बताएंगे. हमारी बाकी फैक्ट चेक स्टोरीज आप यहां पढ़ सकते हैं)

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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