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सोशल मीडिया पर कुछ तस्वीरें वायरल हो रही है. जिसमें एक शख्स के शरीर से स्टील के बर्तन और सिक्के चिपकते दिख रहे हैं. दावा किया जा रहा है कि ये कोरोना वैक्सीन के दूसरे डोज का असर है. दावा है कि वैक्सीन लेने से लोगों के शरीर में मैग्नेटिक पॉवर यानी चुम्बकीय शक्ति आ जाती है.
कई मीडिया हाउसेस ने वीडियो को इसी दावे के साथ शेयर किया. हालांकि, जब हमने वायरल वीडियो में दिख रहे शख्स अरविंद सोनार से संपर्क किया, तो उन्होंने इस दावे से साफ इनकार कर दिया कि वैक्सीन लेने के बाद उनके अंदर मैग्नेिटिक पॉवर आ गई.
वयरोलॉजिस्ट्स और फिजिसिस्ट्स ने भी क्विंट से बातचीत में वैक्सीन लेने के बाद शरीर में मैगनेटिक पॉवर आने की संभावना से इनकार किया.
सोशल मीडिया पर फोटो के साथ शेयर हो रहा कैप्शन है- नासिक के इस शख्स का दावा है कि कोविशील्ड वैक्सीन लेने के बाद इसके शरीर मे मैग्नेटिक पॉवर आ गई है. (हिंदी अनुवाद)
न्यूज़ 18, नवभारत टाइम्स, इंडिया.कॉम और एबीपी मांझा जैसे क्षेत्रीय चैनलों की स्टोरी में कहा गया है - नासिक के शख्स का दावा है कि कोरोना वैक्सीन लेने के बाद उसके शरीर मे मैग्नेटिक पॉवर डेवलप हो गई.
क्विंट ने नासिक के सोनार परिवार से संपर्क किया. परिवार ने वैक्सीन के बाद मैग्नेटिक पॉवर डेवलप होने के दावे को फेक बताया. वायरल वीडियो में दिख रहा अरविंद सोनार के बेटे जयंत सोनार ने कहा
‘’परिवार में किसी और को इस तरह का अनुभव नहीं हो रहा है. मेरे माता-पिता दोनों ने वैक्सीन लिया है, लेकिन, केवल मेरे पिता का शरीर चम्मच और सिक्कों को आकर्षित कर रहा है इसका वैक्सीन से कोई संबंध नहीं है, क्योंकि अगर ऐसा होता तो मैग्नेटिक पॉवर का असर पूरे शरीर में होना चाहिए. लेकिन चीजें उनके शरीर के सिर्फ ऊपरी हिस्से में ही चिपक रही हैं. इसलिए, इसे वैक्सीन से नहीं जोड़ा जा सकता.''
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हमने नासिक म्यूनिसिपल हॉस्पिटल में मेडिकल ऑफिसर डॉ. बापूसाहेब नागरगोजे से भी संपर्क किया. डॉ. बापूसाहेब ने इस दावे के वायरल होने के बाद सोनार की जांच की थी
डॉ. नागरगोजे ने आगे कहा कि वैज्ञानिक तौर पर बात करें तो वैक्सीन से ऐसा कुछ नहीं होता.
सोनार के सम्बंध में डॉ. नागरगोजे कहते हैं - उनकी जांच हुई है, अब तक कि जांच में यही सामने आया है कि वैक्सीन से कोई कनेक्शन सामने नहीं आया है. सही स्थिति शरीर के पूरे चेकअप के बाद ही सामने आएगी.
हमने वायरोलॉजिस्ट डॉ. जैकब टी जॉन से बात की. उन्होंने कहा कि
इम्यूनोलॉजिस्ट और IISER पुणे में सहायक फैकल्टी डॉ. सत्यजीत रथ ने भी डॉ. जॉन से सहमति जताते हुए कहते हैं कि
हमने होमी भाभा सेंटर फॉर साइंस एजुकेशन में एसोसिएट प्रोफेसर अनिकेत सुले से बात की, ताकि ये समझ सकें कि क्या ऐसी घटना संभव है या नहीं.
कोविशील्ड (ऐस्ट्राजेनेका) की फैक्ट शीट के मुताबिक, वैक्सीन में किसी भी धातु वाली सामग्री का इस्तेमाल नहीं किया गया है.
इस सवाल का जवाब देते हुए अनिकेत सुले ने कहा:
महाराष्ट्र अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के सदस्य ने एक वीडियो शेयर किया था, जिसमें शरीर मे स्टील और प्लास्टिक की चीज़ों को चिपकता दिखाया गया था.
हमें ऐसी कोई रिसर्च रिपोर्ट नहीं मिली, जिससे सोशल मोडिया पर किए जा रहे इस दावे की पुष्टि होती हो.
चुंकबकीय गुण वाले लोगों से जुड़े इस तरह के दावे पहले भी चर्चा में रहे हैं. सर्बिया के एक 7 साल के लड़के ने साल 2011 में मैग्नेटिक पॉवर होने का दावा किया था. 2016 में भी ऐसा ही एक दावा नई दिल्ली के एक शख्स ने किया था, जिसे नेशनल मीडिया ने कवर भी किया था.
(ये स्टोरी द क्विंट के कोविड-19 वैक्सीन से जुड़े प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जो खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए शुरू किया गया है)
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