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कैमरा - अतहर राथर, अभिषेक रंजन, शिव कुमार मौर्य
प्रोड्यूसर - तरुण जैन
वीडियो एडिटर - प्रशांत चौहान
वीडियो देखने से पहले आपसे एक अपील है. उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, बिहार और असम में ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के बीच कोरोना वैक्सीन को लेकर फैल रही अफवाहों को रोकने के लिए हम एक विशेष प्रोजेक्ट पर काम कर रहे हैं. इस प्रोजेक्ट में बड़े पैमाने पर संसाधनों का इस्तेमाल होता है. हम ये काम जारी रख सकें इसके लिए जरूरी है कि आप इस प्रोजेक्ट को सपोर्ट करें. आपके सपोर्ट से ही हम वो जानकारी आप तक पहुंचा पाएंगे जो बेहद जरूरी हैं.
धन्यवाद - टीम वेबकूफ
सोशल मीडिया पर कोरोना वायरस (Coronavirus) और कोविड वैक्सीन (Covid Vaccine) को लेकर फैल रही अफवाहों का सिलसिला जारी है. जाहिर है ये अफवाहें कोरोना वैक्सीनेशन को प्रभावित कर रही हैं. अफवाहों को सच मानकर लोग वैक्सीन लगाने से कतरा रहे हैं.
इस काल्पनिक नाटक के जरिए हम लोगों को ये संदेश देना चाहते हैं कि वैक्सीन न सिर्फ आपके लिए, बल्कि आपके परिवार और आसपास के लोगों के लिए भी जरूरी है.
देखिए कैसे यूपी के एक गांव के सरपंच ने अफवाहों को सच मानकर वैक्सीन न लगवाने का मन बना लिया था. पर जब गांव की आशा कार्यकर्ता ने वैक्सीन के महत्व को समझाया तो आखिरकार सरपंच ने अपना फैसला बदलकर वैक्सीन लगवाई.
सोशल मीडिया पर कोरोना और वैक्सीन को लेकर कई अफवाहें वायरल हैं. कहीं वैक्सीन लेने के 2 साल बाद मौत होने का भ्रामक दावा किया जा रहा है. तो कहीं ये कहकर डराया जा रहा है कि गर्भवती महिलाओं को टीका लगवाने पर खतरा हो सकता है. क्विंट की वेबकूफ टीम लगातार कोरोना वायरस और वैक्सीन से जुड़े भ्रामक दावों की पड़ताल कर सच लोगों तक पहुंचा रही है.
(ये वीडियो क्विंट के कोविड-19 और वैक्सीन पर आधारित फैक्ट चेक प्रोजेक्ट का हिस्सा है, जो खासतौर पर ग्रामीण क्षेत्र की महिलाओं के लिए शुरू किया गया है)
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