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वीडियो एडिटर - विवेक गुप्ता
वैक्सीन लगाने के 2 साल बाद मौत हो जाएगी
वैक्सीन लगाई तो बच्चे पैदा नहीं कर पाएंगे
एक तो वैक्सीन की कमी, ऊपर से वैक्सीन लगाने को लेकर इस तरह के भ्रम फैलाए जा रहे हैं. नतीजा कोरोना से हमारी जंग कमजोर. इसलिए आज इस वीडियो में मैं कुछ ऐसे ही फर्जी दावों की पोल खोलने जा रहा हूं.
रिसर्च जर्नल JAMA में छपी रिपोर्ट में ये लिखा है कि वैक्सीन का पहला डोज लेने से पूरी सुरक्षा नहीं मिलती, इसलिए दूसरा डोज जरूरी है. ऐसी कोई स्टडी हमें नहीं मिली, जिससे पुष्टि हो कि दूसरे डोज के बाद संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है.
ICMR के सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च इन वायरोलॉजी के प्रमुख रह चुके डॉ. जैकब टी जॉन ने भी क्विंट से बातचीत में इस दावे को फेक बाताया.
सोशल मीडिया पर हो रहा अगला दावा है कि वैक्सीन लेने के 2 साल बाद मौत हो सकती है. ये दावा फ्रांसीसी वायरोलॉजिस्ट और नोबल पुरस्कार विजेता लूक मॉन्टैनियर (Luc Montagnier) के हवाले से किया जा रहा है. लेकिन, इसमे बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है.
हमने वह पूरा इंटरव्यू देखा, जिसके आधार पर दावा किया जा रहा है. पूरे इंटरव्यू मे हमें ऐसा कोई कमेंट नहीं मिला, जहां मॉन्टैनियर ने ये बोला हो कि "जिन्हें वैक्सीन लग चुकी है, वो सभी 2 साल में मर जाएंगे". ये सच है कि वो वैक्सीन के बारे में निराधार दावे करते रहे हैं. लेकिन मॉन्टैनियर ने ऐसा नहीं कहा कि सभी वैक्सीन लगवा चुके लोग 2 साल में मर जाएंगे. लूक मॉन्टैनियर ने 2008 में चिकित्सा में नोबेल पुरस्कार जीता था.
सोशल मीडिया पर एक इंफोग्राफिक शेयर कर दावा किया गया कि पीरियड्स के दौरान इम्यूनिटी बेहद कम हो जाती है. इसलिए, महिलाओं को पीरियड्स के 5 दिन पहले और 5 दिन बाद तक वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए. वेबकूफ टीम ने कई गायनोकॉलजिस्ट से बात की. उन्होंने इस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया. फोर्टिस लाफेम में गायनोकॉलजिस्ट डॉ. अंजिला अनेजा ने वायरल मैसेज में किए गए दावों को फेक बताते हुए कहा
कुछ मैसेज ऐसे भी हैं जिसमें डराया जा रहा है कि वैक्सीन लेने से फर्टिलिटी कम हो सकती है. लेकिन जरा देखिए कि अमेरिका में पुरुषों की फर्टिलिटी और रीप्रोडक्शन पर शोध करने वाली संस्थाओं सोसायटी फॉर मेल रीप्रोडक्शन और यूरोलॉजी (SMRU) और सोसायटी फॉर द स्टडी ऑफ मेल रीप्रोडक्शन (SSMR) ने क्या कहा है?
यूनाइटेड किंगडम के हेल्थ डिपार्टमेंट ने भी वैक्सीन के बाद होने वाली इनफर्टिलिटी के दावों को पूरी तरह निराधार बताया है.
सबसे हास्यास्पद दावा तो ये किया जा रहा है कि वैक्सीन लेने से शरीर में चुम्बकीय शक्ति आ जाती है. हमने एक वायरल वीडियो में दिख रहे शख्स अरविंद सोनार से संपर्क किया. उन्होंने क्विंट को बताया कि उन्होंने वैक्सीन को लेकर ऐसा दावा कभी किया ही नहीं. अरविंद सोनार ने कहा.
वायरोलॉजिस्ट डॉ. जैकब टी जॉन ने क्विंट से बातचीत में वैक्सीन से शरीर में मैग्नेटिक पॉवर आने जैसी किसी भी संभावना से इंकार किया. डॉ. जॉन कहते हैं.
होमी भाभा सेंटर फॉर साइंस एजुकेशन में एसोसिएट प्रोफेसर अनिकेत सुले ने हमसे बातचीत में कहा कि शरीर में स्टील से बनी चीजें चिपकने की वजह नमी है, न की मैग्नेटिक पॉवर.
साफ है कि वैक्सीन से शरीर में मैग्नेटिक पॉवर आने का दावा झूठा है
हम कोरोनावायरस और कोविड वैक्सीन को लेकर किए जा रहे झूठे और भ्रामक दावों की लगातार पड़ताल कर रहे हैं. अगर आपके पास भी ऐसी कोई सूचना आती है जो आपको थोड़ी अटपटी लग रही है या जिसके सच होने पर आपको शक है. तो हमारे वॉट्सएप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर हमें भेजें. तब तक के लिए हमारी अन्य फैक्ट चेक स्टोरीज पढ़ने के लिए फेसबुक, ट्विटर पर क्विंट हिंदी को फॉलो करें और वेबकूफ न बनें.
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