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कोरोना वैक्सीन से जुड़े इन फर्जी दावों का सच जान लीजिए

न वैक्सीन लगाने से इंसान में चुम्बकीय शक्ति आती है, न मौत का खतरा है

Siddharth Sarathe
वेबकूफ
Updated:
<div class="paragraphs"><p>फोटो : Altered by Quint</p></div>
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फोटो : Altered by Quint

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वीडियो एडिटर - विवेक गुप्ता

वैक्सीन लगाने के 2 साल बाद मौत हो जाएगी

वैक्सीन लगाई तो बच्चे पैदा नहीं कर पाएंगे

एक तो वैक्सीन की कमी, ऊपर से वैक्सीन लगाने को लेकर इस तरह के भ्रम फैलाए जा रहे हैं. नतीजा कोरोना से हमारी जंग कमजोर. इसलिए आज इस वीडियो में मैं कुछ ऐसे ही फर्जी दावों की पोल खोलने जा रहा हूं.

पहला दावा-वैक्सीन का दूसरा डोज लेने के बाद कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है

रिसर्च जर्नल JAMA में छपी रिपोर्ट में ये लिखा है कि वैक्सीन का पहला डोज लेने से पूरी सुरक्षा नहीं मिलती, इसलिए दूसरा डोज जरूरी है. ऐसी कोई स्टडी हमें नहीं मिली, जिससे पुष्टि हो कि दूसरे डोज के बाद संक्रमण का खतरा ज्यादा रहता है.

ICMR के सेंटर फॉर एडवांस रिसर्च इन वायरोलॉजी के प्रमुख रह चुके डॉ. जैकब टी जॉन ने भी क्विंट से बातचीत में इस दावे को फेक बाताया.

भले ही वैक्सीन कोरोना को रोकने में 100% कारगर न हो पर इससे शरीर में वायरस के संक्रमण का खतरा कम होता है. ये दावा बिल्कुल गलत है कि वैक्सीन का पहला डोज लेने के बाद शरीर की इम्युनिटी कम होती है या संक्रमण का खतरा बढ़ता है.
डॉ जैकब टी जॉन, वायरोलॉजिस्ट

वैक्सीन लेने के 2 साल बाद मौत हो सकती है?

सोशल मीडिया पर हो रहा अगला दावा है कि वैक्सीन लेने के 2 साल बाद मौत हो सकती है. ये दावा फ्रांसीसी वायरोलॉजिस्ट और नोबल पुरस्कार विजेता लूक मॉन्टैनियर (Luc Montagnier) के हवाले से किया जा रहा है. लेकिन, इसमे बिल्कुल भी सच्चाई नहीं है.

हमने वह पूरा इंटरव्यू देखा, जिसके आधार पर दावा किया जा रहा है. पूरे इंटरव्यू मे हमें ऐसा कोई कमेंट नहीं मिला, जहां मॉन्टैनियर ने ये बोला हो कि "जिन्हें वैक्सीन लग चुकी है, वो सभी 2 साल में मर जाएंगे". ये सच है कि वो वैक्सीन के बारे में निराधार दावे करते रहे हैं. लेकिन मॉन्टैनियर ने ऐसा नहीं कहा कि सभी वैक्सीन लगवा चुके लोग 2 साल में मर जाएंगे. लूक मॉन्टैनियर ने 2008 में चिकित्सा में नोबेल पुरस्कार जीता था.

पीरियड के दौरान वैक्सीन लगवाने से कोरोना संक्रमण का खतरा बढ़ता है?

सोशल मीडिया पर एक इंफोग्राफिक शेयर कर दावा किया गया कि पीरियड्स के दौरान इम्यूनिटी बेहद कम हो जाती है. इसलिए, महिलाओं को पीरियड्स के 5 दिन पहले और 5 दिन बाद तक वैक्सीन नहीं लगवानी चाहिए. वेबकूफ टीम ने कई गायनोकॉलजिस्ट से बात की. उन्होंने इस दावे को पूरी तरह से खारिज कर दिया. फोर्टिस लाफेम में गायनोकॉलजिस्ट डॉ. अंजिला अनेजा ने वायरल मैसेज में किए गए दावों को फेक बताते हुए कहा

पीरियड्स की वजह से वैक्सीनेशन न रोकें. न तो पीरियड्स के दौरान वैक्सीन लगवाने से कोई खतरा है, न ही वैक्सीन से इनफर्टिलिटी होती है. ये सभी दावे झूठे हैं.
डॉ. अंजिला अनेजा, गायनोकोलॉजिस्ट
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वैक्सीन से कम हो जाती है पुरुषों की फर्टिलिटी?

कुछ मैसेज ऐसे भी हैं जिसमें डराया जा रहा है कि वैक्सीन लेने से फर्टिलिटी कम हो सकती है. लेकिन जरा देखिए कि अमेरिका में पुरुषों की फर्टिलिटी और रीप्रोडक्शन पर शोध करने वाली संस्थाओं सोसायटी फॉर मेल रीप्रोडक्शन और यूरोलॉजी (SMRU) और सोसायटी फॉर द स्टडी ऑफ मेल रीप्रोडक्शन (SSMR) ने क्या कहा है?

16% पुरुषों को फाइजर वैक्सीन लेने के बाद हल्का बुखार आया था. बुखार की वजह से पुरुषों के स्पर्म काउंट में गिरावट आ सकती है. लेकिन, ये गिरावट कुछ समय के लिए ही होगी. स्पर्म में आने वाली ये गिरावट वैक्सीन की वजह से नहीं है, ये किसी भी तरह के बुखार में आ सकती है. (9 जनवरी, 2021 तक प्राप्त डेटा के आधार पर)

यूनाइटेड किंगडम के हेल्थ डिपार्टमेंट ने भी वैक्सीन के बाद होने वाली इनफर्टिलिटी के दावों को पूरी तरह निराधार बताया है.

“वैक्सीन लेने के बाद हल्का बुखार जरूर आता है. लेकिन, अब तक ऐसा कोई डेटा या साइंटिफिक रिपोर्ट नहीं आई है, जिससे पुष्टि होती हो कि वैक्सीन लेने के बाद पुरुषों की फर्टिलिटी कम होती है. ये दावा पूरी तरह फेक है.”
डॉ. सुरेश भगत, यूरोलॉजिस्ट

वैक्सीन लगवाने से शरीर में आ जाती है चुम्बकीय शक्ति?

सबसे हास्यास्पद दावा तो ये किया जा रहा है कि वैक्सीन लेने से शरीर में चुम्बकीय शक्ति आ जाती है. हमने एक वायरल वीडियो में दिख रहे शख्स अरविंद सोनार से संपर्क किया. उन्होंने क्विंट को बताया कि उन्होंने वैक्सीन को लेकर ऐसा दावा कभी किया ही नहीं. अरविंद सोनार ने कहा.

वायरोलॉजिस्ट डॉ. जैकब टी जॉन ने क्विंट से बातचीत में वैक्सीन से शरीर में मैग्नेटिक पॉवर आने जैसी किसी भी संभावना से इंकार किया. डॉ. जॉन कहते हैं.

वैक्सीन में ऐसा कोई तत्व नहीं होता, जिससे शरीर में चुम्बकीय शक्ति आ जाए.

होमी भाभा सेंटर फॉर साइंस एजुकेशन में एसोसिएट प्रोफेसर अनिकेत सुले ने हमसे बातचीत में कहा कि शरीर में स्टील से बनी चीजें चिपकने की वजह नमी है, न की मैग्नेटिक पॉवर.

‘’अगर आप स्टेनलेस स्टील से बनी कोई चीज लेकर शरीर पर दबाते हैं, तो ये त्वचा से चिपक जाएगी. ऐसा तब होगा जब आपके शरीर या उस चीज में से किसी एक में नमी होगी.''
प्रोफेसर अनिकेत सुले

साफ है कि वैक्सीन से शरीर में मैग्नेटिक पॉवर आने का दावा झूठा है

हम कोरोनावायरस और कोविड वैक्सीन को लेकर किए जा रहे झूठे और भ्रामक दावों की लगातार पड़ताल कर रहे हैं. अगर आपके पास भी ऐसी कोई सूचना आती है जो आपको थोड़ी अटपटी लग रही है या जिसके सच होने पर आपको शक है. तो हमारे वॉट्सएप नंबर 9643651818 या फिर मेल आइडी webqoof@thequint.com पर हमें भेजें. तब तक के लिए हमारी अन्य फैक्ट चेक स्टोरीज पढ़ने के लिए फेसबुक, ट्विटर पर क्विंट हिंदी को फॉलो करें और वेबकूफ न बनें.

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Published: 06 Jul 2021,10:52 AM IST

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