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सोशल मीडिया पर पिछले कुछ दिनों से अलग-अलग पोस्ट में कहा जा रहा है कि डॉ कफील खान को जमानत मिल गई है और उन्हें मथुरा जेल से रिहा कर दिया गया है. वायरल हो रहे इन मैसेज में कोई सच्चाई नहीं है. डॉ कफील खान अभी भी जेल में हैं.
फेसबुक और ट्विटर पर कई लोगों ने इस तरह के मैसेज शेयर कर कफील खान के जेल से रिहा होने की खुशी व्यक्त की. कुछ लोगों ने अपने पोस्ट के समर्थन में उनकी एक फोटो भी शेयर की.
क्विंट को ऐसी कोई रिपोर्ट नहीं मिली जिसमें डॉ कफील खान को 22 जुलाई को जमानत मिलने की खबर हो. लेकिन 15 जुलाई की एक रिपोर्ट मिली है जिसमें लिखा है कि महामारी के कारण उनकी जमानत याचिका पर सुनवाई टाल दी गई थी.
द हिंदू की 20 जुलाई को एक रिपोर्ट में डॉ खान के वकील के हवाले से बताया गया कि जमानत पर सुनवाई 22 जुलाई को होगी.
इससे साफ होता है कि उनकी रिहाई का मैसेज उस दिन से वायरल होना शुरू हुआ, जिस दिन उनकी जमानत पर सुनवाई होनी थी.
हमें इन वायरल मैसेज को खारिज करता एक जर्नलिस्ट का ट्वीट मिला, जिन्होंने लिखा है कि डॉ खान के केस पर सुनवाई हुई, लेकिन उन्हें जमानत नहीं मिली है.
इसके अलावा, वायरल फोटो पर रिवर्स इमेज सर्च करने पर सामने आया कि ये तस्वीरें पुरानी हैं- 2018 और 2019 की, जब उन्हें पहले जेल से रिहा किया गया था.
इसके अलावा, क्विंट ने डॉ कफील खान के परिवार से संपर्क किया. खान के भाई, आदिल खान ने दावों को खारिज करते हुए कहा, "मुझे कॉल्स आ रही हैं, और मैं सभी को ये कह रहा हूं कि ये सच नहीं है."
पूर्व लेक्चरर और पीडियाट्रिशियन, डॉ कफील खान को दिसंबर 2019 में नागरिकता संशोधन एक्ट (CAA) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन के दौरान अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी में कथित रूप से भड़काऊ भाषण देने के लिए 13 दिसंबर को गिरफ्तार किया गया था.
29 जनवरी को डॉ खान को मुंबई पुलिस की मदद से मुंबई एयरपोर्ट पर गिरफ्तार किया गया था, जब वो शहर में CAA के विरोध प्रदर्शनों में शामिल होने के लिए पहुंचे थे. उन्हें फरवरी में जमानत मिल गई, लेकिन इसके चार दिन बाद, उन्हें नेशनल सिक्योरिटी एक्ट (NSA) के तहत बुक किया गया, जिसे मई में तीन महीने के लिए और बढ़ा दिया गया. डॉ कफील खान पिछले पांच महीने से मथुरा जेल में बंद हैं.
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