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प्रियंका गांधी की शादी की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर गलत दावे के साथ वायरल की जा रही है. एक फोटो शेयर करते हुए ये दावा किया गया कि कि प्रियंका गांधी और रॉबर्ट वाड्रा की शादी मौलवी ने इस्लामिक रीति रिवाजों के तहत कराई.
द क्विंट ने पाया कि ये दावा पूरी तरह से आधारहीन है और दाढ़ी वाला बैठा हुआ शख्स पंडित इकबाल किशेन रेऊ है. ये एक कश्मीरी पंडित पुजारी हैं, जिन्होंने पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी की शादी में भी कुछ कर्मकांड कराए थे.
ऊपर दी गई तस्वीर के साथ ये लिखकर शेयर किया गया कि
“प्रियंका गांधी के निकाह में पधारे थे महान मौलवी । हिन्दू बोलकर हिन्दूओ का अपमान करते हैं । सबूत देख लो कायरो तुम्हें मूर्ख बनाने वाले मुस्लिम हैं।”
गूगल पर “Priyanka Gandhi’s Wedding” की वर्ड से सर्च करने पर हमें इंडिया टुडे का 28 फरवरी 1997 का एक आर्टिकल मिला. इस आर्टिकल में लिखा गया है कि 'प्रियंका गांधी अपनी शादी में वही गुलाबी साड़ी पहनेंगी जो इंदिरा ने अपनी शादी में पहनी थी साथ ही इस शादी में पुजारी भी वही होंगे जो उनकी दादी की शादी में आए थे.'
प्रियंका गांधी की शादी पर पत्रकार राशिद किदवई का लिखा हुआ एक और आर्टिकल जो उन्होंने डेलीओ वेबसाइट के लिए लिखा था. उन्होंने इस आर्टिकल में इकबाल किशन रेऊ का जिक्र किया है जो गांधी परिवार के पारिवारिक पुजारी थे.
इसके बाद हम कांग्रेस प्रवक्ता से संपर्क किया जिन्होंने हमें इस शादी से जुड़ी और तस्वीरें दिखाईं.
पंडित इकबाल किशन रेऊ भारतीय रेलवे में कर्मचारी थे और वे कश्मीरी कर्मकांड के जानकार थे. वो गांधी परिवार के कुल पुरोहित थे उन्होंने प्रियंका गांधी की शादी रॉबर्ट वाड्रा से कश्मीरी रीति रिवाजों के तहत कराई थी.
साफ है कि कश्मीरी पंडित की शादी के कर्मकांड करते तस्वीर हुए गलत दावे के साथ वायरल कराई गईं. गांधी परिवार को लेकर कई फेक न्यूज आती रहती हैं जिसमें उनके धर्म को निशाना बनाया जाता है. आप इससे जुड़े हमारे फैक्ट चेक देख सकते हैं.
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