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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अपने ही प्रशासन के आंकड़ों को नजरअंदाज किया और गलत बयान देते हुए कहा है कि कोरोना वायरस सिर्फ ज्यादा उम्र के उन लोगों को संक्रमित करता है जिन्हें पहले से सेहत से जुड़ी दिक्कतें हैं और एक साथ एक से ज्यादा बीमारियां हैं या हो चुकी हैं. ट्रंप ने ये बयान 21 सितंबर सोमवार को हुई रैली में दिया है.
एक खचाखच भरी भीड़ से बातचीत के दौरान ट्रंप कोरोना वायरस के कहर को कम आंकते हुए अपने ही पिछले बयानों से मुकर गए जिनमें उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस कम उम्र के लोगों के लिए खतरा हो सकता है. इसके ठीक एक दिन बाद , मंगलवार को, अमेरिका में कोरोना वायरस से मरने वालों की संख्या 2 लाख पार कर गई.
44वें मिनट के आस पास उनका बयान सुना जा सकता है.
ट्रंप ने सोशल डिस्टेंस की परवाह ना करते हुए जमा हुई भीड़ के बीच कहा कि, ये ( वायरस ) सिर्फ ज्यादा उम्र के लोगों को, ज्यादा उम्र के ऐसे लोगों को संक्रमित करता है जिन्हें हृदय की बीमारी और भी कई बीमारियां होती हैं. यही लोग हैं जिन्हें ये वायरस वास्तव में नुकसान पहुंचाता है.
कोरोना वायरस के कम उम्र के लोगों में होने वाले असर को लेकर शोध अब भी जारी है. लेकिन अमेरिकी संस्था CDC के आंकड़ों के मुताबिक 1,43,429 मौतों में से 754 मौतें 18 से 29 साल की उम्र के लोगों की हुई, और 18 साल से कम उम्र के लोगों की सिर्फ 89 मौतें थी.
कोरोना से मरने वाले ज्यादातर लोगों को पहले से ही स्वास्थ्य की दिक्कतें थीं. जैसे फेफड़ों की समस्या, ओबेसिटी, न्यूरोलॉजिकल समस्या या हृदय संबंधी समस्या.
ये बात भी ट्रंप की पहले के बयानों से बिल्कुल मेल नहीं खाती. ट्रंप ने वाशिंगटन पोस्ट के लिए एक इंटरव्यू किया था जिसमें उन्होंने कहा था कि कोरोना वायरस कम उम्र के लोगों के लिए बड़ा खतरा साबित हो सकता है.
ये बातचीत वाशिंगटन पोस्ट के जारी किए गए ऑडियो क्लिप्स के माध्यम से सामने आयी थी. वुडवर्ड ने ये इंटरव्यू अपनी किताब Rage के लिए किया था.
ट्रंप ने उसी इंटरव्यू में ये भी कहा है कि उन्होंने महामारी को बहुत कमतर दिखाया और बताया ताकि लोगों के बीच घबराहट और तनाव ना हो.
भले ही 18 साल से कम उम्र के लोगों में कोरोना से मौतें कम हैं लेकिन WHO के मुताबिक सबसे ज्याद संक्रमण फैलाने वाला समूह भी युवाओं का ही है. WHO की जूनोसिस इकाई की मुख्य अधिकारी मारिया वैन करखोव ने कहा है कि उनकी टीम कोरोना से होने वाली युवाओं की मौतों का अध्ययन कर रहे हैं.
साफ है कि ट्रंप के बयान पर विश्वास नहीं किया जा सकता कि कोरोना वायरस से युवाओं को खतरा नहीं है. आंकड़े, शोध और उनके खुद के ही पहले के बयानों के आधार पर उनका ये बयान गलत साबित होता है.
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