Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Webqoof Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019मेल-इन बैलट और वोटिंग पर डोनाल्ड ट्रंप के दावे बेबुनियाद

मेल-इन बैलट और वोटिंग पर डोनाल्ड ट्रंप के दावे बेबुनियाद

ट्रंप कई बार दावा कर चुके हैं कि मेल-इन वोटिंग से ‘बहुत बड़ा फ्रॉड’ हो सकता है

क्विंट हिंदी
वेबकूफ
Published:
i
null
null

advertisement

कोरोना वायरस महामारी से सबसे ज्यादा प्रभावित देश इस समय अमेरिका है. महामारी के बीच नवंबर में देश में राष्ट्रपति पद के चुनाव होने हैं. ऐसे में इन चुनावों पर कई तरह के सवाल उठ रहे हैं. अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भी सवाल खड़े कर रहे हैं, वो भी मेल-इन बैलट और वोटिंग पर. हालांकि, ट्रंप के सवाल और दावे बेबुनियाद हैं.

ट्रंप कई बार दावा कर चुके हैं कि मेल-इन वोटिंग से 'बहुत बड़ा फ्रॉड' हो सकता है. लेकिन उनके ये दावे सिर्फ भ्रामक हैं.

ट्रंप के ये बयान न सिर्फ तथ्यात्मक रूप से गलत हैं, बल्कि इनके समर्थन में कोई सबूत भी नहीं है.

डोनाल्ड ट्रंप ने क्या कहा है?

17 सितंबर को ट्रंप ने वोटिंग और नतीजों को लेकर एक के बाद एक कई ट्वीट किए. ट्विटर ने ट्रंप के इन ट्वीट्स पर मेल-इन वोटिंग से जुड़ी जानकारी का लेबल तक लगा दिया है. ट्रंप ने कहा कि चुनाव नतीजे 'बड़ी तादाद में फर्जी बैलट' की वजह से 'सही से पता नहीं लग पाएंगे'. ट्रंप ने इसे 'चुनावी आपदा' कहा.

एक और ट्वीट में ट्रंप ने कहा कि 'फर्जी बैलट वाले राज्यों को ये छोड़ देना चाहिए'. ट्रंप ने एब्सेंटी बैलट को 'ठीक' बताया.

ये ट्वीट्स डोनाल्ड ट्रंप के ट्विटर और टीवी चैनलों पर मेल-इन वोटिंग और बैलट के खिलाफ दिए गए बयानों का हिस्सा है. तो ट्रंप के ट्वीट्स में क्या गलत है, ये समझने से पहले मेल-इन वोटिंग और बैलट को समझते हैं.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

मेल-इन वोटिंग क्या है?

मेल-इन वोटिंग या वोट-बाय-मेल एक प्रक्रिया है, जिसमें हर रजिस्टर्ड वोटर के पास बिना निवेदन किए बैलट आता है. कोलोराडो, हवाई, ओरेगॉन, वाशिंगटन और यूटाह में मेल-इन वोटिंग डिफ़ॉल्ट प्रैक्टिस है. इन राज्यों के अलावा 21 अतिरिक्त राज्यों में ये सुविधा छोटे चुनावों के लिए दी जाती है. मेल-इन वोटिंग में वोटर के पास चुनाव के दिन से पहले बैलट आ जाता है और उसे वो भरकर दोबारा भेजना होता है या चुनाव के दिन वो पोलिंग बूथ जाकर एक ड्रॉपबॉक्स में उसे डाल सकता है.

क्या ये प्रक्रिया सुरक्षित है?

  • इस बात का कोई सबूत नहीं है कि जो राज्य वोटरों को मेल-इन बैलट ऑटोमेटिकली भेजते हैं, उनके एक्यूरेट होने में गड़बड़ है.
  • कैलिफोर्निया के सेक्रेटरी ऑफ स्टेट एलेक्स पैडिला ने कहा है कि कोरोना वायरस महामारी की वजह से मेल-इन वोटिंग सबसे 'सुरक्षित' विकल्पों में से एक है और ये प्रक्रिया 'सफल, सुरक्षित और सुविधाजनक' रही है.
  • ट्रंप को जवाब देते हुए फेडरल चुनाव कमीशन के कमिश्नर एलेन वीनट्रॉब ने कहा, "उन पांच राज्यों में कोई दिक्कत नहीं होगी जहां वोटरों को इस साल मेल-इन बैलट दिए जाएंगे."
  • न्यू यॉर्क टाइम्स (NYT) की रिपोर्ट के मुताबिक, रिपब्लिकन पार्टी के गढ़ यूटाह समेत पांच राज्य पूरी तरह चुनाव मेल-इन बैलट से ही कराते हैं और बहुत कम फ्रॉड रिपोर्ट हुआ है.
  • NYT की एक और रिपोर्ट के मुताबिक, वाशिंगटन डीसी और नौ राज्य खुद से ही वोटरों को बैलट भेज देते यहीं, लेकिन इनमें से सिर्फ नेवादा में ही मुकाबला कड़ा है. बाकी राज्यों में पोलिंग के कुछ ही समय बाद नतीजे आ जाएंगे क्योंकि वो रिपब्लिकन या डेमोक्रेटिक पार्टी के गढ़ हैं.

क्या इसके समर्थन में कोई स्टडी है?

मेल-इन वोटिंग की प्रक्रिया सुरक्षित है, इसे साबित करने के लिए कई रिपोर्ट मौजूद हैं. हालांकि, फ्रॉड वोटिंग के केस भी हुए हैं, लेकिन वो बहुत मामूली संख्या में हैं. जैसे कि बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, 2018 नॉर्थ कैरोलिना प्राइमरी में एक ही फ्रॉड केस सामने आया था.

ऑरेगोन 2000 से पोस्टल चुनाव कर रहा है और अब तक सिर्फ 14 बार मेल के जरिए फ्रॉड वोट हुए हैं.

वॉक्स की एक रिपोर्ट बताती है कि 2012 में न्यूज21 जर्नलिज्म प्रोजेक्ट ने सभी तरह के वोटर फ्रॉड की जांच की थी. इसमें पता चला कि अमेरिका में वोटर फ्रॉड बहुत ही कम होते हैं.

प्रोजेक्ट में पता चला कि साल 2000 से 2,068 कथित केस चुनाव फ्रॉड के हुए हैं. इस दौरान आम चुनाव में 620 मिलियन वोट पड़े थे.

2016 में हुई एक और स्टडी में भी यही नतीजे सामने आए. फिर 2017 में ब्रेनन सेंटर फॉर जस्टिस की स्टडी में सामने आया कि अमेरिका में चुनावी फ्रॉड की दर 0.00004 और 0.0009 प्रतिशत के बीच है.

यहां तक कि डोनाल्ड ट्रंप ने भी चुनाव में भ्रष्टाचार की जांच के लिए एक पैनल बनाया था, जिसके नतीजे भी कुछ ऐसे ही थे. 2018 में इस पैनल को भंग कर दिया गया.  

साफ है कि डोनाल्ड ट्रंप के दावे और बयान निराधार और भ्रामक हैं और उनके समर्थन में कोई सबूत नहीं हैं.

मजे की बात ये है कि ट्रंप ने मार्च में फ्लोरिडा प्राइमरी चुनाव में मेल के जरिए वोट दिया था.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: undefined

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT