Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Webqoof Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019क्या मोदी ने दीवाली पर केवल मेड-इन-इंडिया सामान खरीदने को कहा?

क्या मोदी ने दीवाली पर केवल मेड-इन-इंडिया सामान खरीदने को कहा?

पीएम मोदी के सिग्नेचर के साथ वायरल हो रहे इस खत की हकीकत जानिए 

क्‍व‍िंट हिंदी
वेबकूफ
Published:
(फोटो : Altered By Quint Hindi)
i
null
(फोटो : Altered By Quint Hindi)

advertisement

दावा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा कथित तौर पर हस्ताक्षर किया हुआ एक खत सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर चक्कर काटते हुए वायरल हो रहा है. इस खत में लोगों से इस साल दीवाली की खरीदारी के दौरान केवल भारत में बने उत्पादों को खरीदने का आग्रह किया गया है. इस खत की असलियत और प्रामाणिकता जानने के लिए क्विंट के व्हाट्सऐप पर लोगों ने पूछताछ की.

इस खत का कंटेंट हिंदी में है, इसमें लिखा है-

“मेरे प्यारे भारतवासियों, आप सब इस बार इतना करें कि आने वाले दीपावली पर्व पर अपने घरों में रौशनी, सजावट, मिठाई इन सब में केवल भारत में बनी सामग्री का प्रयोग करें. आशा करता हूं कि आप इस प्रधान सेवक की बात को जरूर मानेंगे. आप छोटे-छोटे कदमों से अगर मेरा साथ दो तो मैं आपसे वादा करता हूं यदि आप मेरे साथ सहयोग करते हैं, तो मैं आपसे वादा करता हूं, हमारे भारत को दुनिया की सबसे आगे वाली पंक्ति में प्रथम स्थान पर खड़ा पाओगे."

पड़ताल में हमें क्या मिला

ये खत फर्जी है और इसे प्रधानमंत्री द्वारा जारी नहीं किया गया है.
गूगल और यान्डेक्स पर कई रिवर्स इमेज सर्च करने पर, हमें पीएमओ इंडिया के आधिकारिक ट्विटर हैंडल से किया गया अगस्त 2016 का एक ट्वीट मिला, जो दावे को खारिज करता है.
इस ट्वीट में खत की तस्वीर के साथ लिखा गया- सोशल मीडिया पर पीएम के 'सिग्नेचर' के साथ कुछ अपील सर्कुलेट हो रहे हैं. ऐसे दस्तावेज प्रामाणिक नहीं हैं.”

इसी खत को 2016 में भी दिवाली से पहले सोशल मीडिया पर फैलाया गया था, और पुडुचेरी की राज्यपाल किरण बेदी ने इसे ट्वीट भी किया गया था.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

2016 में कई मीडिया रिपोर्ट्स में इस झूठे वायरल मैसेज के खिलाफ PMO के स्पष्टीकरण का जिक्र किया गया.

हालांकि यह खत नकली है, लेकिन खत में इस्तेमाल किया गया हस्ताक्षर पीएम मोदी का ही है, जिससे देखने वाले व्यक्ति को इस खत की प्रामाणिकता पर आसानी से भरोसा हो जाता है. चूंकि पीएम के हस्ताक्षर की इमेज ऑनलाइन उपलब्ध है, इसलिए शरारती लोगों के लिए इसका गलत इस्तेमाल करना आसान हो जाता है.

ऊपर दिख रही तस्वीर में, पहली तस्वीर पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी को उनके ऑफिस में अपने आखिरी दिन पर पीएम मोदी की ओर से दिए गए खत पर हस्ताक्षर की है. दूसरी तस्वीर वायरल हो रहे दावे से है. दोनों एक जैसे दिखते हैं और इसलिए लोगों के लिए प्रधानमंत्री द्वारा जारी की गई नकली और असली घोषणाओं में अंतर करना मुश्किल हो जाता है.

(क्या आप ऑनलाइन पोस्ट की गई किसी जानकारी के बारे में आश्वस्त नहीं हैं और इसे सत्यापित करना चाहते हैं? 9643651818 पर हमें व्हाट्सऐप पर विवरण भेजें, या इसे हमें webqoof@thequint.com पर ई-मेल करें और हम आपके लिए इसकी पड़ताल करेंगे.)

ये भी पढ़ें - लंदन में मनाया गया भारत का स्वतंत्रता दिवस? वायरल वीडियो का सच...

(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)

Published: undefined

ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT