Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019Webqoof Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019WhatsApp पर वायरल होता ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ का ये संदेश फेक है

WhatsApp पर वायरल होता ‘सुकन्या समृद्धि योजना’ का ये संदेश फेक है

सचेत रहें और फेक न्यूज का शिकार होने से बचें

क्‍व‍िंट हिंदी
वेबकूफ
Updated:
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा ये मैसेज फर्जी है
i
सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा ये मैसेज फर्जी है
(फोटोः Altered By Quint)

advertisement

WhatsApp पर एक तस्वीर और उसके साथ दिया गया मैसेज तेजी से वायरल हो रहा है. वायरल हो रही तस्वीर पर पीएम मोदी की तस्वीर है और उस पर लिखा है कि प्रधानमंत्री की सुकन्या समृद्धि योजना के तहत 1 से 18 साल की सभी बालिकाओं को 10 हजार रुपये का चैक दिया जा रहा है.

वायरल मैसेज में पीएम मोदी की तस्वीर, रजिस्ट्रेशन के लिए दिए गए लिंक के URL में gov.in दो ऐसे संकेत हैं, जो भोले-भाले लोगों को भ्रमित करने के लिए काफी हैं. लेकिन सवाल ये है कि क्या ये मैसेज सच है या फिर सोशल मीडिया पर वायरल होते तमाम फेक संदेशों की तरह झूठ. फैक्ट चेकर वेबसाइट www.smhoaxslayer.com ने इस वायरल मैसेज की पड़ताल की.

सबसे पहले जानिए वायरल मैसेज में है क्या?

वायरल मैसेज में पीएम मोदी की एक तस्वीर है, जिस पर तीन संदेश लिखे हैं. पहला, ‘बेटी बचाओ, बेटी पढ़ाओ’ और दूसरा ‘प्रधानमंत्री सुकन्या समृद्धि योजना’. इन दो संदेशों के अलावा तीसरे संदेश में लिखा हैः

'प्रधानमंत्री द्वारा 1 से 18 साल की बालिकाओं को निःशुल्क 10 हजार रुपये का चेक दिया जा रहा है. बालिकाओं के भविष्य के लिए इस योजना को चालू किया गया है. आवेदन करने की अंतिम तिथि 15 अगस्त है तो जल्दी करें और इस मैसेज को अपने सभी दोस्तों को भेजें ताकि इस योजना का लाभ सभी को मिल सके.'

आवेदन करने के लिए मैसेज में एक लिंक http://sukanya-yojna.m-indian-gov.in भी दिया गया है.

सोशल मीडिया पर धड़ल्ले से शेयर हो रहा है ये मैसेज

WhatsApp के अलावा ये लिंक और मैसेज फेसबुक पर भी धड़ल्ले से शेयर किया जा रहा है.

वायरल मैसेज में अपील की गई है, ‘इस मैसेज को अपने सभी दोस्तों को भेजें ताकि इस योजना का लाभ सभी को मिल सके.’ शायद ये भी एक वजह है कि बिना जांचे परखे लोग इसे अपनी फेसबुक वॉल या WhatsApp ग्रुप्स में शेयर कर रहे हैं.

ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

वायरल मैसेज का सच क्या है?

वायरल मैसेज की पड़ताल करने के लिए जब दिए गए लिंक पर क्लिक किया गया तो ये वेबसाइट पेज खुला.

वेबसाइट पर ‘कन्या का नाम’, ‘आवेदक का नाम’, ‘उम्र’ और ‘राज्य’ के बारे में जानकारी मांगी गई है. इस जानकारी के अलावा न तो एड्रेस, न मोबाइल नंबर और न ही कोई ईमेल एड्रेस मांगा गया है, ऐसे में सवाल उठता है कि आखिर इस योजना का लाभ आप तक पहुंचेगा कैसे?

वेबसाइट के दाईं ओर सबसे नीचे कोने में बहुत ही छोटे फॉन्ट में About Us का ऑप्शन दिया गया है, जिस पर क्लिक करने पर एक नया पेज खुलता है.

इस पेज पर स्पष्टीकरण के तौर पर लिखा है, ‘यह वेबसाइट भारत सरकार से जुड़ी हुई नहीं है ना ही हम आपसे किसी प्रकार की (शायद जानकारी) कोई हासिल करके उसे संग्रह कर रहे हैं. इस वेबसाइट को बनाने का हमारा (शायद उद्देश्य) लोगो को इस योजना के प्रति जागरूक करना है.’

इसके अलावा इस वेबसाइट पर अन्य कोई जानकारी नहीं हैं. यानी ना तो संपर्क के लिए कोई पता दिया गया है और ना ही कोई नंबर. हां, वेबसाइट पर कुछ विज्ञापन जरूर चल रहे हैं.

वेबसाइट से वेबकूफ बनाने का खेल

वेबसाइट पर मांगी गई जानकारी में कुछ भी डिटेल्स भरने पर वह सबमिट हो जाती है. लेकिन वेरिफिकेशन के लिए इस मैसेज को 10 WhatsApp ग्रुप में शेयर करने के लिए कहा जाता है.

अब जब इस मैसेज को 10 WhatsApp ग्रुप में शेयर करेंगे, तो उनमें से कम से कम 5-10 लोग भी इस मैसेज को सच समझकर क्लिक करेंगे और वह भी यही प्रोसेस पूरा करेंगे. फिर उन्हें भी आगे 10 ग्रुप में यही मैसेज शेयर करने को कहा जाएगा. यानी ये सिलसिला चलता रहेगा और कुछ ही घंटो में ये लाखों लोगों तक चला जाएगा.

वेबकूफ बनाकर पैसे बनाते हैं

वेबसाइट के जरिए वेबकूफ बनाने के इस खेल में बेवकूफ बनाने वाला लाखों रुपये कमा लेता है. वेबसाइट के जरिए बेवकूफ बनाने का ये फर्जीवाड़ा तेजी से फैल रहा है. इसमें लोगों को लुभाने के लिए कुछ फ्री या सस्ता देने का लालच दिया जाता है, जिससे ज्यादा से ज्यादा लोग वेबसाइट के लिंक पर क्लिक करते हैं.

वेबसाइट पर ज्याद हिट आने से गूगल एडसेंस के जरिए वेबसाइट पर विज्ञापन के बैनर आने लगते हैं और उससे फेक वेबसाइट बनाने वाले आपको वेबकूफ बनाकर पैसा कमा लेते हैं.

टेस्ट का रिजल्ट

वेबसाइट पर पीएम मोदी की तस्वीर, केंद्र सरकार की योजनाओं के नाम और वेबसाइट के URL में gov.in का इस्तेमाल सिर्फ लोगों को भ्रमित करने के लिए किया गया है.

वेबसाइट के About Us में लिखा है कि इस वेबसाइट का भारत सरकार से कोई संबंध नहीं है. इससे साफ हो जाता है कि सरकार की ऐसी कोई योजना है ही नहीं. यानी जब सरकार से कोई सरोकार नहीं, तो फिर योजना का लाभ कैसे मिलेगा?

वायरल टेस्ट में ये वेबसाइट और वायरल मैसेज फेक साबित होता है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 10 Aug 2018,02:48 PM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT