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सोशल मीडिया पर अखबार की दो क्लिप वायरल हो रही हैं. इन क्लिप के जरिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह के बताकर झूठे बयान शेयर किए जा रहे हैं.
पहली क्लिप की हेडलाइन है - कभी नहीं बनेगा राम मंदिर : अमित शाह, दूसरी हेडलाइन है - हिंदुओं का भरोसा जीतने के लिए मुस्लिमों किसानों को मरवाना जरूरी था : नरेंद्र मोदी . वेबकूफ की पड़ताल में सामने आया कि अखबार की दोनों क्लिप एडिटेड हैं.
अखबार की क्लिप के साथ शेयर किया जा रहा कैप्शन है - बड़ी मुश्किल से अखबार की ये एक कापी मिली है! इसे मोदी सरकार ने गायब करा दिया है!
2020 में भी ये दावा किया जा चुका है
वायरल फोटो को गूगल पर रिवर्स सर्च करने से हमें बीबीसी हिंदी की फैक्ट चेक रिपोर्ट मिली. 2 साल पुरानी इस रिपोर्ट में दावे को फेक बताया जा चुका है. रिपोर्ट में मोदी और अमित शाह के नहीं अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के बयानों से जुड़ी अखबार की क्लिप है.
दोनों क्लिप को मिलान करने पर साफ हो रहा है कि दोनों एक ही हैं. दोनों खबरों का डिजाइन बिल्कुल एक है. दोनों क्लिप में खबरों के बॉक्स एक विशेष जगह पर ही हैं. यहां तक की दोनों खबरों में कई टेक्स्ट भी एक हैं. जैसे संतो को मोहरा बना रही है भाजपा: सपा,” “न्यूज़ चैनल झूठे, प्रिंट मीडिया ठीक” और “अमर उजाला ब्यूरो”
कुछ कीवर्ड सर्च करने से हमें 2013 और 2014 की मीडिया रिपोर्ट्स भी मिलीं. जिसमें अखिलेश यादव और मुलायम सिंह यादव के वायरल क्लिप में दिख रही खबर से मिलते-जुलते बयान हैं.
ऐसी कोई रिपोर्ट हमें नहीं मिली जिससे पुष्टि होती हो कि अखिलेश यादव ने कभी भी राम मंदिर न बनने देने की बात कही थी. लेकिन वायरल क्लिप की खबर से मिलता सबहेड ( संतो को मोहरा बना रही है भाजपा: सपा) दैनिक जागरण के 23 अगस्त 2013 के आर्टिकल में मिला.
आर्टिकल में समाजवादी पार्टी सरकार के अयोध्या में चौरासी कोस परिक्रमा पर प्रतिबंध लगाने का जिक्र है, जिसे विश्व हिंदू परिषद (VHP) ने स्वीकार करने से इंकार कर दिया था, VHP ने कहा था कि सपा ने अपने मुस्लिम नेताओं के आगे घुटने टेक दिए हैं.
इस पर समाजवादी पार्टी के प्रवक्ता राजेंद्र चौधरी ने कहा था - भाजपा संतों को मोहरा बना रही है.
अमर उजाला की वेबसाइट पर हमें 2013 का एक और आर्टिकल हमें मिला. जिसकी हेडलाइन है- चौरासी कोस यात्रा को लेकर चौकन्ना रहा प्रशासन
मुलायम सिंह यादव के बताए जा रहे बयान ( मुलायम: मुसलमानों का भरोसा जीतने के लिए हिदुओ पर गोलियां चलवाना जरूरी था”) की सत्यता जांचने के लिए हमने अलग-अलग कीवर्ड सर्च किए. हमें अमर उजाला वेबसाइट पर 7 फरवरी, 2014 को पब्लिश किया गया इससे मिलती-जुलती हेडलाइन का आर्टिकल मिला. हेडलाइन है. गोली नहीं चलवाता तो मुस्लिमों का भरोसा टूट जाता”
आर्टिकल के मुताबिक मुलायम सिंह यादव ने कहा - 1990 में उन्होंने अयोध्या में गोली चलवाई और 16 जानें भी गईं। उस समय यदि वह ऐसा नहीं करते तो देश के मुसलमानों का सपा से विश्वास टूट जाता
मतलब साफ है कि सोशल मीडिया पर अमित शाह और नरेंद्र मोदी के बयानों की बताई जा रही अखबार की क्लिप एडिटेड हैं. दावा फेक है.
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